द वायर ने सर्जिकल स्ट्राइक को कहा ‘जहरीला अति राष्ट्रवाद’

द वायर उरी सर्जिकल स्ट्राइक

आदित्य धर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘उरी’ का ट्रेलर बुधवार को रिलीज़ कर दिया और कुछ ही समय में इस ट्रेलर को यूट्यूब पर लाखों लोगों ने देखा। जहां एक तरफ इस ट्रेलर को देखकर लोग देश भक्ति की भावना और देश के जवानों के प्रति सम्मान की भावना से ओतप्रोत थे, वहीं कुछ वर्ग ऐसे भी हैं, जो इसकी आलोचना कर रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि, द वायर आलोचकों की सूची में शीर्ष पर है जिसने इस ‘उरी’ फिल्म के ट्रेलर को जहरीला अति राष्ट्रवाद कहा।

बता दें कि, 18 सितंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी बेस कैंप में हुए हमले में देश के 19 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के 10 दिनों बाद ही आतंकियों को करारा जवाब देने के लिए भारत ने 29 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक की थी और इसी घटना को आम जनता तक पहुंचाने का जिम्मा आदित्य धर ने उठाया है। पहले इसका टीज़र रिलीज़ किया गया था और 5 दिसंबर को इसका ट्रेलर रिलीज़ किया गया। ट्रेलर के रिलीज़ होते ही द वायर ने इस ट्रेलर पर रिव्यु लिखा और सर्जिकल स्ट्राइक को जहरीला ‘अति-राष्ट्रवाद’ का नाम दिया। यही नहीं, बहुत ही शर्मनाक तरीके से वायर ने उरी हमले को ‘कथित आतंकवादी हमला’ कह डाला। वो हमला जिसमें देश के कई जवान शहीद हो गये थे। एक ऐसा हमला जिसमें देश के 19 जवान शहीद हुए उसे ‘कथित आतंकवादी हमला’ कहने के क्या मायने हैं? ऐसा लगता है कि इस आर्टिकल को आईएसआई प्रोपेगंडा के तहत किसी व्यक्ति ने लिखा है जिसका उद्देश्य उरी हमलें में मारे गये सैनिकों का मजाक उड़ाना था और इस हमले के बदले योजनाबद्ध सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला बताना था। वास्तव में सर्जिकल स्ट्राइक को इस तरह से लेफ्ट लिबरल गैंग ने देश के दुश्मनों के खिलाफ उनके प्रयासों और बलिदान का मजाक उड़ाया है।

द वायर के इस आर्टिकल को देखकर कोई हैरानी भी नहीं हुई क्योंकि वो अक्सर ही भारत विरोधी गतिविधियों और तत्वों का समर्थन करता है। यह फेक न्यूज़ को फैलाने का काम भी बेहतरीन तरीके से करता है। जब देश के जवानों ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तब भी लेफ्ट लिबरल गैंग ने इसकी आलोचना की थी। यहां तक कि, वे इसके सबूत मांग रहे थे, तो कुछ इसे मोदी सरकार का जुमला बता रहे थे। कुछ तो इसे बीजेपी की राजनीति का हिस्सा बता रहे थे। द वायर भी इनमें से एक था और हाल का इस फिल्म को लेकर रुख भी साफ़ दर्शाता है कि, केंद्र में बीजेपी और उसके सहयोगियों पर निशाना साधने के लिए वो अक्सर ही पक्षपात और फेक न्यूज़ के बीच के अंतर की रेखा को पार कर देता है। अब उसने इस फिल्म को बीजेपी का एक हथकंडा बताया जो अपनी सियासत की रोटी सेंकने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक का राग अलापती है। जबकि भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े कई साक्ष्य भी पेश किये थे लेकिन इसके बावजूद लेफ्ट-लिबरल गैंग के मुखपत्र का इस तरह से भारतीय जवानों के बलिदान और उनके प्रयासों का मजाक उड़ाना उसके भारत विरोधी रुख को ही दर्शाता है।

असम की एथलीट हिमा दास ने इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन वर्ल्ड के अंडर-20 में स्वर्ण जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया था तब वायर अपने बेतुके आर्टिकल के जरिये हिमा दास पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। यही नहीं जब सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी किया था तब द वायर ने इसे मोदी सरकार का चुनावी तमाशा करार दिया था। यहां तक कि उसने उरी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए किये गये सर्जिकल स्ट्राइक को जायज नहीं ठहराया था। पाकिस्तान के प्रति इन लेफ्ट लिबरल गैंग का ये प्यार ही है शायद इसी वजह उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ ये कार्रवाई रास नहीं आई। चलो मान लेते हैं कि ये मोदी सरकार का तमाशा है लेकिन द वायर ने सरहद पर देश कि रक्षा के लिए तैनात जवानों की कार्रवाई का मजाक क्यों उड़ाया ? लेकिन क्या भारतीय सेना के जवान भी देश की सीमा पर तमाशा कर रहे हैं? स्पष्ट रूप से फिल्म उरी के ट्रेलर को लेकर जिस तरह का आर्टिकल द वायर ने लिखा है ये उसकी पत्रकारिता के गिरते स्तर को भी दर्शाता है।

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