जरूरत पड़ने पर राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए रहें तैयार- अमित शाह

लोकसभा चुनाव अमित शाह बीजेपी

PC: DNA India

कई दिनों से शिवसेना द्वारा दी जा रही धमकियों के बीच अमित शाह ने अब एक ही बार में सभी अटकलों और बातों पर पूर्णविराम लगा दिया है। अमित शाह ने स्पष्ट कह दिया है कि, हम किसी समझौते के आधार पर गठबंधन नहीं करेंगे। अमित शाह के इस बयान के बाद लंबे समय से बीजेपी को अपनी उंगलियों पर घुमाने का प्रयास करने की जुगत में लगी शिवसेना को जबरदस्त झटका लगा है। अमित शाह के इस बयान को शिवसेना के लिए झटका माना जा रहा है। दरअसल, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में पार्टी सांसदों से कथित तौर पर कहा है कि, जरूरत पड़ने पर वे राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए भी तैयार रहें। शाह ने बुधवार को दिल्ली में महाराष्ट्र के भाजपा सांसदों के साथ हुई एक बैठक में यह संदेश दिया। शाह के इस बयान को उद्धव ठाकरे की उन तमाम बयानों के लिए क्लीयर हिट की तरह माना जा रहा है, जिनमें वो लगातार भाजपा का साथ छोड़ने के संबंधी बयान देते रहते थे।

इस बैठक में मौजूद एक सांसद ने बताया कि, शाह ने हमसे जरूरत पड़ने पर राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की संभावना के लिए तैयार रहने को कहा है। सांसद के अनुसार, बीजेपी अध्यक्ष ने उन्हें बताया कि, शिवसेना के साथ गठबंधन करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो हमें अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

बता दें कि, इस समय भाजपा का महाराष्ट्र समेत केंद्र सरकार में शिवसेना के साथ गठबंधन है। शिवसेना आए दिन भाजपा की आलोचना करती रही है। वह भाजपा को 2019 के चुनावों को लेकर पशोपेश में रखने का प्रयास करती रहती है। कई बार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे समेत शिवसेना के नेताओं ने अकेले ही 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने हाल ही में कहा कि, उसे इस बात पर ताज्जुब है कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तब कब होगा। खबरों के अनुसार, शाह ने कहा है कि, यदि जरूरत पड़ी तो हमें महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

शाह के इस बयान से अब राजनीतिक गलियारों में मायने निकाले जा रहे हैं कि, अब भाजपा शिवसेना के बगैर भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। वहीं दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान के बाद शिवसेना बैकफुट पर मानी जा रही है। हालांकि, अभी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का कोई बयान नहीं आया है। लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि, भाजपा शिवसेना के किसी भी प्रकार के दबाव में आने वाली नहीं है।

बता दें कि, इससे पहले भी ऐसा माना जा रहा था कि, शिवसेना ने मंदिर मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए बुलाई गयी धर्मसंसद को हाइजैक करके हिंदुओं को लुभाने का प्रयास किया था लेकिन, वहां उसकी दाल ज्यादा नहीं गली। इसके बाद उसने चुनाव नजदीक देखकर बीजेपी को ब्लैकमेल करने का हथकंडा अपनाने की कोशिश करना शुरू किया। लेकिन अब भाजपा अध्यक्ष ने एक ही बयान में शिवसेना के सभी प्रकार की योजनाओं को ध्वस्त कर दिया है। अब यह देखना रोचक यह होगा कि, आगे क्या होता है। क्या शिवसेना खुद ही गठबंधन में शामिल होती है या फिर अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला लेती है।

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