मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता प्रहलाद बंधवार की गोली मारकर हत्या, राजनीतिक हत्या की आशंका

बीजेपी मध्य प्रदेश

PC: Jansatta

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता मिलते ही विपक्षी दल यानी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या होनी शुरू हो गई है। इस बार घटना मध्य प्रदेश के मंदसौर की है। यहां के प्रहलाद बंधवार नाम के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बता दें कि प्रहलाद बंधवार बीजेपी नेता और स्थानीय नगर पालिका अध्यक्ष थे। प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठने लगे हैं। इतने लंबे समय तक राज्य में बीजेपी की सत्ता होने के बावजूद राज्य में कभी भी ऐसी कोई घटना सुनने में नहीं आई। जबकि लंबे समय तक राज्य में सत्ता का वनवास झेल चुकी कांग्रेस की सरकार आते ही प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेता की हत्या हो गयी। इस घटना ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कई सवाल उठा दिए हैं।

इस हत्या को लेकर राज्य की जनता में कांग्रेस सरकार के प्रति आक्रोश है। अपने नेता की हत्या से आहत होकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व ‘मामा’ ने राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ को खत लिखकर इस बात पर गहरी नराजगी जताई है। कमलनाथ को पत्र लिखकर शिवराज ने कहा, “इन घटनाओं से प्रतीत होता है प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही आपराधिक तत्वों को राजनैतिक संरक्षण मिलना प्रारम्भ हो गया है।” शिवराज ने खत में आगे लिखा है कि कांग्रेस के सत्ता में आते ही एक बार फिर अपराधियों के हौंसले बुलंद हो गए हैं और सूबे की सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों का मनोबल ध्वस्त हो रहा है।

बता दें कि गुरुवार शाम एक अज्ञात शख्स ने प्रहलाद बंधवार पर अज्ञात मोटरसाइकिल सवार ने सर में गोली मारी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि प्रहलाद बंधवार बीजेपी के कद्दावर नेता थे। वो साल 1987 से 1992 में भाजयुमो में जिला महामंत्री रहे हैं। इस दौरान 1997-98 से 2003 तक भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। उनकी हत्या से बीजेपी के खेमे और उनके समर्थकों में शोक का माहौल।

वैसे ये पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस के राज में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही हैं। इससे पहले भी इंदौर में एक कारोबारी की हत्या की गई थी। कारोबारी के बाद अब मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष की हत्या की गई, जिसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यही नहीं रुके।  चौहान ने ट्वीट में भी लिखा, ”हमारी सरकार के समय क़ानून व्यवस्था पर हर समय उंगलियां उठाने वाली कांग्रेस अब उन्ही उंगलियों को होंठो पर रख चुप-चाप बैठ गई है।”

बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब किसी गैर-बीजेपी शासित राज्य में बीजेपी नेता की हत्या का मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल, केरल जैसे राज्यों से अक्सर इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। साल के शुरुआत में ही पश्चिम बंगाल में राजनीतिक का बेहद गिरा हुआ स्तर सामने आया था जहां एक बीजेपी कार्यकर्ता की पत्नी के साथ गैंगरेप किया और धमकी भी दी थी। इससे पहले दिसंबर 2018 को बीजेपी कार्यकर्ता संदीप घोष की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिछले साल जुलाई में पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में एक बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। ऐसे ये सवाल उठते हैं कि आखिर गैर-बीजेपी शासित राज्यों केरल, पश्चिम बंगाल और अब मध्य प्रदेश में बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले इस तरह से क्यों सामने आते हैं? कई जगहों पर हत्या में राजनीतिक साजिश भी समाने आई है लेकिन अगर मध्य प्रदेश में हुई बीजेपी के नेता की हत्या भी अगर इसी के तहत की गयी है तो ये राजनीति के निम्न स्तर को दर्शाता है। इस तरह की राजनीति पर रोक लगनी चाहिए।

Exit mobile version