मध्यप्रदेश में गायों को नहीं मिल रहा चारा, भूख और ठंड से हो गई इतनी गायों की मौतें, सरकार बेखबर

गायें सालरिया कांग्रेस

PC: satyagrah

चुनाव से पहले गायों के प्रति प्रेम दर्शाने वाली कांग्रेस के सत्ता में आते ही मध्यप्रेदश में गायें भूख से मरने लगी है। हाल ही में मध्यप्रदेश के आगर मालवा के सालरिया स्थित गौ अभयारण्य की जो खबर आई हैं, वह किसी के भी रोंगटे खडे कर देगी। रिपोर्ट के मुताबिक यहां गायों की लगातार मौतें हो रही हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां के गौ अभयारण्य में 30 से 40 गायें मृत पाई गई हैं। मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां एक नवजात बछिया की एक आंख को कौवों द्वारा नोच खाने का मामला सामने आया है।

खबरों की मानें तो पूर्व विधायक मुरलीधर पाटीदार, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के एक दल ने सालरिया गौ अभयारण्य का दौरा किया। दौरे के दौरान उन्हें जो बात पता चली, वह हैरान करने वाली थी। यहां लगभग 30 से 40 गायें मृत हालत में पाई गई हैं। यही नहीं, यहां पर एक बछिया की आंख भी कौए द्वारा नोचने की बात सामने आई।

उसके बाद मामले से नाराज विधायक समेत अन्य लोगों के दल ने इस पूरे मामले का पंचनामा भी बनाया। गायों की मौतों के बारे में पूछे जाने पर गौ अभयारण्य में मौजूद कर्मचारियों ने चारे और घास की कमी की बात स्वीकार की। जिससे यह बात साफ हुई है कि कांग्रेस सरकार में गाएं भूख से मर रही हैं।

बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने यहां गौ अभयारण्य तो बनाया लेकिन इसकी स्थापना के बाद इसके रखरखाव को अपनी जिम्मेदारी नहीं समझा। इसका नतीजा यह हुआ कि स्थापना के थोड़े समय बाद ही यहां पर गायें भूख से मरने लगीं। नवजात बछिया की आखें कौओं द्वारा नोच खाई जा रही हैं। जिसका नतीजा यह हुआ कि ठीक से संचालन से पहले ही गौ अभयारण्य बदहाल स्थिति में पहुंच गया।

बता दें कि पंचनामे में ये भी यह बात सामने आई है कि सभी मृत 30 से 40 गायों को मौत के बाद गौ अभयारण्य के ट्रेक्टर द्वारा फेंक दिया गया। जबकि इससे पहले चारे की कमी के कारण यहां गौ अभयारण्य में पिछले कुछ महीने से नई गायों की एंट्री पर रोक लगाई जा चुकी है। इसके बावजूद भी यहां गायों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

बताते चलें कि आगर मालवा जिले की सुसनेर तहसील से 20 किमी दूर सालरिया गांव पड़ता है। यहां लगभग 472 हेक्टेयर क्षेत्र में कामधेनु गौ अभयारण्य अनुसंधान और उत्पादन केन्द्र शुरू किया गया। उद्घाटन के केवल 5 महीने बाद ही यहां नई गायों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। जिसके कारण फरवरी 2018 से यहां नई गायों के प्रवेश पर रोक लगा दी। इसके बावजूद गायों की मौत हो रही है।

वहीं दूसरी ओर आगर मालवा के कलेक्टर अजय गुप्ता ने भी माना है कि यहां कई गायों की मौत हुई है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें 18 गायों के मरने की ही जानकारी मिली है। कलेक्टर ने कहा कि सभी मृत गायों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है और मौत के असल कारणों की जांच की जा रही है।

बता दें कि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने वादा किया था कि कांग्रेस सत्‍ता में आई तो मध्‍य प्रदेश की हर पंचायत में गोशाला बनेगी। लेकिन सरकार बनने के बाद जो गौशालाएं हैं, उनमें भी गायों को चारा नहीं मिल पा रहा है। गायों की दुर्दशा हो रही है। अब इससे कमलनाथ सरकार समेत कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या वह मात्र वोट पाने मात्र के लिए गायों के लिए गौशालाएं खोलने की बात करते हैं।

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