पिछड़े सवर्णों को प्राइवेट कॉलेज-यूनिवर्सिटीज में भी मिलेगा 10 पर्सेंट आरक्षण का लाभ

प्राइवेट सवर्ण आरक्षण

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने सवर्ण जातियों के हित में एक बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने पिछड़े हुए सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने को मंजूरी दी थी। अब इसमें एक और बड़ी बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पिछड़े हुए सवर्णों को मिलने वाले इस आरक्षण का लाभ प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज के दाखिले में भी मिलेगा। सवर्णों को मिलने वाले इस आरक्षण में यह एक बहुत बड़ा फायदा होगा। बता दें कि, मोदी सरकार ने आज लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है। इस पर अभी सदन में चर्चा चल रही है।

एबीपी न्यूज के अनुसार, लोकसभा में पेश किये गए बिल में यह बड़ा प्रावधान है कि, सवर्णों को मिलने वाले आरक्षण का लाभ प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन के दौरान भी मिलेगा। खबरों के अनुसार, इस आरक्षण के दायरे में वे प्राइवेट संस्थान भी आएंगे, जो सरकारी मदद नहीं लेते हैं। इससे पिछड़े सवर्ण जाति के लोग अब सरकारी कॉलेजों के साथ-साथ प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में भी आसानी से प्रवेश पा सकेंगे।

बता दें कि, नरेंद्र मोदी सरकार ने इस तरह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। मोदी सरकार ने आरक्षण नीति में बदलाव किया है। सरकार ने आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी करने का फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने बढ़ा हुआ दस प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के लोगों को देने का फैसला लिया है। अगर संसद से ये विधेयक पास हो जाता है तो इसका लाभ ब्राह्मण, ठाकुर, भूमिहार, कायस्थ, बनिया, जाट और गुर्जर आदि को मिलेगा। आठ लाख से कम आमदनी वाले और पांच हेक्टेयर तक ज़मीन वाले गरीब सवर्ण जाति के लोगों को इस आरक्षण का फायदा मिलेगा।

बता दें कि, 2018 में एससी-एसटी एक्ट को लेकर जिस तरह से मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था, उससे सवर्ण खासे नाराज थे। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी इसी कारण से बीजेपी को सवर्णों का विरोध झेलना पड़ा था। इस विरोध के चलते इन राज्यों में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।  अब इस फैसले से बीजेपी ने अपने कोर वोट बैंक को फिर से सुरक्षित कर लिया है।

मोदी सरकार का यह फैसला आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित होने वाला है। रिजर्वेशन नीति में बदलाव कर मोदी सरकार ने बता दिया है कि, वह जनहित में बड़े फैसले लेने में सक्षम है। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के लोगों को इससे सरकारी नौकरी के साथ प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में दाखिले के दौरान भी आरक्षण मिल पाएगा।

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