किसानों के जरिये अपनी ब्रांडिंग कर रही है मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार

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PC: HuffPost India

मध्य प्रदेश की कमान संभालते ही कांग्रेस ने प्रदेश के किसानों के कर्ज को माफ़ करने की घोषणा कर दी थी और अब इसके लिए किसानों के कृषि ऋण माफ़ी योजना के फॉर्म भरने की बात कह रही है जिसे भरने की अंतिम तारीख 22 जनवरी रखी गयी है। एक बात यहां जो चौंकाने वाली है वो ये है कि किसानों का सहारा लेकर अब मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपनी पार्टी का प्रचार कर रही है। या यूं कहें कि लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार किसान कर्ज़माफी के ज़रिए अपनी ब्रांडिंग शुरू कर चुकी है। दरअसल, किसानों की कर्जमाफी के लिए प्रदेशभर में जो फॉर्म बांटे जा रहे हैं। इस फार्म में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की फोटो लगाई गई है। ये वही कांग्रेस है जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार को विज्ञापनों वाली सरकार कहकर आलोचना करती रही है और अब खुद की ब्रांडिंग करने में व्यस्त हो गयी है। वैसे इसमें कोई हैरानी भी नहीं होनी चाहिए क्योंकि हमेशा से ही पार्टी बोलती कुछ और करती कुछ और है। 

सत्ता में आते ही प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ़ करने का वादा कांग्रेस के शीर्ष वादों में से एक था। सत्ता में आने के बाद इस पार्टी ने कर्जमाफी का ऐलान कर दिया लेकिन इतने दिनों बाद भी एक किसान का कर्ज माफ़ नहीं हुआ है। अब किसानों की कर्जमाफी के लिए किसानों को एक फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू की गयी है जिसके लिए प्रदेशभर में फॉर्म बांटे जा रहे हैं। इन फॉर्म्स पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की फोटो लगी है। कमलनाथ के फोटो वाले अस्सी लाख आवेदन प्रिंट करवाए गये हैं और 18 जनवरी तक ये ग्राम पंचायतों में चस्पा भी कर दिया जायेगा और 22 फरवरी से किसानों को भुगतान का काम शुरू होगा। वहीं फार्म भरवाने की जिम्मेदारी जनपद पंचायत के सीईओ को सौंपी गयी है। कमलनाथ सरकार का फार्म पर फोटो लगाना कांग्रेस के उस बोल पर भी सवाल उठाते हैं जिसमें उसने कहा था कि वो बीजेपी की तरह पैसे विज्ञापनों पर खर्च नहीं करेगी बल्कि जनता के हित के लिए खर्च करेगी। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस राष्ट्रीय पार्टी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि पिछले 15 सालों के कार्यकला में भारतीय जनता पार्टी ने अखबारों समेत तमाम मीडिया में सिवाए विज्ञापन देने के अलावा कोई काम नहीं किया है सिर्फ करोड़ो रुपये विज्ञापनों पर खर्च किया है। अब सरकार बने हुए एक महिना भी नहीं हुआ इस सरकार ने पहले ही वादे पर विज्ञापन दे डाला। इसके जरिये वो लोकसभा चुनाव की अपनी तैयारियों को नए आयाम देना चाहती है। वास्तव में ये इस पार्टी के दोहरे रुख को भी दर्शाता है। 

हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस की सरकार को 20 दिनों से ऊपर हो चुके हैं लेकिन व्यवहारिक रूप से किसानों का कर्ज अभी तक माफ़ नहीं हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार को एक महिना होने वाला है लेकिन व्यवहारिक रूप से किसानों के कर्ज का एक पैसा माफ़ नहीं हुआ है और तो और इतनी जटिलताएं पैदा कर दी गई हैं कि किसान उन्हीं में फंस कर रह जायेंगे। जानबूझकर कर्जमाफी की प्रक्रिया को मुश्किल बनाया गया है जिससे किसान इस योजना से वंचित हो सकें।

वास्तव में कांग्रेस पार्टी के लिए किसान लोकसभा चुनाव में जीत के लिए एक जरिया हैं। अगर इस पार्टी को किसानों की इतनी ही चिंता होती तो मध्य प्रदेश के किसानों को यूरिया की जगह पुलिस की लाठियां न खानी पड़ती। यही नहीं हद तो तब हो गयी जब कमलनाथ सरकार ने यूरिया की समस्या का ठीकरा केंद्र सरकार पर ही फोड़ दिया। हालांकि, खुद विभाग के अधिकारियों ने ही ये खुलासा किया था कि पिछले साल की तुलना में इस बार मध्य प्रदेश को ज्यादा यूरिया मिला था।

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