‘राजीव गांधी ने 7,000 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन नतीजा शून्य रहा, अब सवा साल में पीने योग्य हो जाएगा इस नदी का पानी’

नितिन गडकरी यमुना

नमामि गंगे परियोजना में सफलता के नजदीक पहुंचने के बाद अब केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक और नई खुशखबरी सुनाई है। नितिन गडकरी ने कहा है कि सवा साल के भीतर यमुना का पानी पीने योग्य हो जाएगा। उनके इस बयान के काफी मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि नितिन गड़करी देश के उन नेताओं में से गिने जाते हैं, जो जैसा कहते हैं, वैसा करते हैं।

दरअसल, नितिन गडकरी ने दावा किया है कि दिल्ली और मथुरा में यमुना की सफाई के लिए जिस गति से काम हो रहा है, उसके पूरा होने पर सवा साल के भीतर नदी का पानी पीने योग्य हो जाएगा। उनके इस दावे के बाद से लोगों में काफी उत्साह है। माना जा रह है कि नमामि गंगे परियोजना में एक के बाद एक मिलती सफलताओं के बाद से नितिन गडकरी के भी हौसले बुलंद हैं। इस परियोजना पर बहुत दिनों से काम चल रहा था। नितिन गड़करी ने यह बात यूपी के मथुरा और आगरा जिले में ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास करने के दौरान कही।

बता दें कि गडकरी ने बुधवार को मथुरा में ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत 460.45 करोड़ की लागत वाले मथुरा व वृन्दावन के सीवेज सिस्टम वाली नवीनीकरण परियोजना का शिलान्यास किया था। इस दौरान गडकरी ने कहा कि गंगा-यमुना की शुद्धी हमारे लिए राजनीति का विषय नहीं है। यह काम करके हम चुनाव जीतने की आशा भी नहीं रखते हैं। गंगा हमारी संस्कृति और इतिहास का अंग हैं। गंगा मैली होने से दुनिया में हमारा सिर शर्म से झुक जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मिशन की सभी परियोजनाएं पूरी होते-होते गंगा-यमुना पूरी तरह से शुद्ध हो जाएंगी।

इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “राजीव गांधी ने 1994 में गंगा एक्शन प्लान के तहत 7,000 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन नतीजा शून्य रहा। हमारी सरकार ने अब नदी स्वच्छता का बीड़ा उठाया है और गंगा तथा उससे जुड़ी 40 नदियों को स्वच्छ बनाने का काम चल रहा है।” बातों ही बातों में गडकरी केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ करना भी नहीं भूले। उन्होंने कहा कि अभी तक 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसी वजह से प्रयागराज में कुंभ स्नान के वक्त गंगा स्वच्छ है। वहां से लोग मुझे, मेरी सरकार को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दे रहे हैं। नितिन गडकरी द्वारा नरेन्द्र मोदी की तारीफ करने के बाद एक बार फिर उन सभी अटकलों पर विराम लग गया है, जिनमें ऐसी अफवाहें शामिल थीं कि गडकरी और मोदी के आपसी संबंध ठीक नही है।

गडकरी ने आगे बताया, “नमामि गंगे मिशन के तहत दिल्ली में यमुना की 12 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इससे पहले सोनीपत व पानीपत में 218 करोड़ की लागत से पूरा सीवेज सिस्टम दुरुस्त किया गया है। सभी काम पूरे होने पर यमुना का पानी इतना शुद्ध हो जाएगा कि उसे पिया जा सकेगा।”

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली से मथुरा होते हुए आगरा तक के लिए ‘एयरबोट’ सेवा शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंन फरवरी माह में इसके परीक्षण होने की बात कही। गडकरी के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही यमुना का पानी पीने लायक हो जाएगा। क्योंकि नितिन गडकरी उन नेताओं में से हैं, जो जैसा कहते हैं, वैसा करते हैं। वह अपने काम का निर्वहन करने के लिए बखूबी जाने जाते हैं। इससे पहले नितिन गड़करी कई मौकों पर अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं। बता दें कि, ये नितिन गडकरी ही थे, जिन्होंने एक्सप्रेस-वे बनाने का मोदी का सपना रिकॉर्ड 500 दिनों में पूरा कर दिया था। जबकि इसे बनाने में लंबा समय लगने की उम्मीद लगाई जा रही थी।

इसके अलावा यह गडकरी ही थे, जिन्होंने 14 लेन के दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले हिस्से को दी गई 30 महीने समय की समय सीमा के बजाय 15 महीने में ही तैयार कर दिया था। इस सड़क के बनने के बाद दिल्ली से मेरठ के बीच का रास्ता सिर्फ 45 मिनट का हो गया। इस रूट पर अक्सर ट्रैफिक जाम होने की वजह से 4 घंटे से ज्यादा का समय लग जाता था।

बता दें कि, दिल्ली मेरठ एक्सपप्रेस-वे की लंबाई 83 किलोमीटर है, जो दिल्ली से शुरू होकर मेरठ पर ख़त्म होगी। दिल्ली-मेरठ हाईवे दिल्ली से डासना तक 14 लेन का है और डासना से मेरठ तक ये 6 लेन का हो जाएगा। इस हाईवे के निर्माण की सक्रियता में भी गडकरी ने अपनी कार्यकुशलता और कार्य क्षमता का लोहा मनवाया था। नितिन गडकरी की इस कार्यकुशलता के कारण यह आशा की जा सकती है कि, जल्द ही गंगा-यमुना का पानी पीने योग्य हो जाएगा।

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