बड़ी खबर: राम मंदिर मामले में केंद्र सरकार की ओर से सबसे बड़ी खुशखबरी के संकेत

राम मंदिर केंद्र सरकार

(PC: troopel)

केन्द्र की मोदी सरकार इस सप्ताह कुछ बड़े निर्णय ले सकती है। औचक बड़े निर्णय लेने के मामले में जाने-जानी वाली केंद्र की मोदी सरकार के रुख से इस बात के पूरे संकेत मिले हैं कि इसी सप्ताह के भीतर ही वो जनहित में कुछ बड़े निर्णय ले सकती है। इसमें केन्द्र में राममंदिर मुद्दा और किसानों के समस्याओं से जुड़े निर्णय होने की संभावना है।  

हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी राम मंदिर से जुड़े मुद्दे पर इस बात के संकेत दिए हैं। बता दें कि राम माधव ने इस बात के संकेत दिए कि राम मंदिर के मुद्दे पर उनकी एनडीए सरकार अध्यादेश भी ला सकती है। राम माधव ने प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले के दौरान कहा संकेत दिए कि राम मंदिर मामले में साधु-संतों की इच्छाओं का सम्मान किया जाएगा और जल्द ही राम मंदिर का निर्माण किया जायेगा।

राम माधव ने कहा, “उनकी (साधु-संतों की) इच्छाशक्ति के सामने सबको झुकना पड़ेगा। हम अदालत के आदेश के निरीक्षण में हैं। राम मंदिर अवश्य बनेगा। संत-महात्माओं के साथ-साथ करोड़ों भारत के देशवासियों की भी इच्छा है कि भव्य राम मंदिर बने, वह जरूर साकार होगा। जल्दी ही होगा।’” उन्होंने आगे कहा,”हम हमेशा राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और इस समय क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के सामने विषय है, जल्दी ही इसका एक समाधान जरूर मिलेगा।”

वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि मामला न्यायालय में है इसलिए इसपर अभी विचार नहीं किया जा रहा लेकिन अब इस मामले के समाधान के लिए जल्द ही कदम उठाये जा सकते हैं। इसका मतलब है कि संतों की दिनों दिन तेज होती मांग जनभावना को ध्यान में रखते हुए केन्द्र की मोदी सरकार बड़ा निर्णय ले सकती है। इसलिए अगर जल्द ही मोदी सरकार कोई बड़े निर्णय ले तो कोई आश्यर्य नहीं होना चाहिए।

हाल के समय में इस सवाल ने हिंदू संगठनों और साधु-संतों को काफ़ी उत्तेजित किया है कि आख़िर मौजूदा केंद्र सरकार कब राम मंदिर के निर्माण के लिए क़ानून लेकर आएगी। बीते पांच साल से भी ज़्यादा के कार्यकाल में वो इस संबंध में कोई विधेयक लेकर नहीं आई, इसलिए अब ये मांग भाजपा के अंदर से भी ज़ोरदार तरीक़े से उठाई जा रही है कि सरकार अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ करे। ऐसे में राम माधवन का ये बयान साफ़ करता है कि केंद्र सरकार जल्द ही राम भक्तों की मांग को पूरा कर सकती है। राम माधवन से पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “मैं कहना चाहता हूं कि अदालत को अपना फैसला शीघ्र देना चाहिए। अगर वो ऐसा करने में असमर्थ हैं तो वो मसला हमें सौंप दें। हम राम जन्मभूमि विवाद का समाधान 24 घंटे के भीतर कर देंगे। हम 25 घंटे नहीं लेंगे।”

राम मंदिर के अलावा नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र की एनडीए सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर शुरू से ही प्रतिबद्ध है। इसके लिए सरकार कृषि क्षेत्र के संकट से निपटने से लेकर उपज की गिरती कीमतों समेत तमाम समस्याओं से निपटने के लिए किसानों को जल्द ही राहत पैकेज दे सकती है। खबरों की मानें तो मोदी सरकार अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव से पहले यह पैकेज लागू करेगी।

सूत्रों की मानें तो छोटे एवं सीमांत किसानों की आय की समस्या से निपटने के लिए कृषि मंत्रालय का एक प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के एजेंडे में शामिल है।” इसके अलवा सुनने में ये भी आ रहा है कि कृषि मंत्रालय ने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए अल्प अवधि और दीर्घकालिक दोनों समाधान प्रदान करने के लिए कई विकल्पों की सिफारिश की है। हालांकि, सुनने में ये भी आया है कि इस विषय में अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में होना है क्योंकि इसमें भारी भरकम राशि शामिल है।  

सूत्रों की मानें तो इस निर्णय से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त 15,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इसके अलावा खाद्य फसलों के लिए बीमा पॉलिसी लेने वालोंकिसानों के लिए पूरी तरह से प्रीमियम माफ करने का भी प्रस्ताव है। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार तेलंगाना और ओडिशा सरकारों द्वारा अपनाई गई योजनाओं का मूल्यांकन कर रही है। इसके तहत एक निर्धारित धनराशि सीधे किसानों के खातों में पहुंच जाएगी।  

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने हाल ही में संकेत दिया है कि सरकार 2019-20 के बजट पेश करने से पहले किसानों के लिए राहत पैकेज का ऐलान करेगी। बता दें कि चुनावी वर्ष होने के कारण 2019-20 के लिए अंतरिम बजट एक फरवरी को पेश किया जाना है।

इससे एक बात तो स्पष्ट है कि केंद्र सरकार जल्द ही राममंदिर और किसानों के हितों से संबंधित मुद्दों पर कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है। यहां इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि ऐसे समय में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय उसे होने वाले लोकसभा चुनाव में सीधा लाभ पहुंचाएंगे। ऐसे में ये स्पष्ट है कि इस समय केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों में विपक्ष कमियां ही कमियां निकालेंगे। बाकी अब ये देखने वाली बात होगी कि आगे क्या होगा।

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