राहुल की टिप्पणी से नाराज महिला पत्रकार स्मिता प्रकाश ने दिया उन्हें करारा जवाब

राहुल गांधी स्मिता प्रकाश

अपने राजनीतिक फायदे के लिए अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए साल पर पीएम मोदी का इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार पर ही तंज कस दिया। विपक्षी पार्टियों द्वारा पीएम पर लगाये गये आरोपों को लेकर महिला पत्रकार ने पीएम मोदी से कई सवाल किये थे। प्रधानमंत्री ने सभी सवालों के जवाब दिए लेकिन विपक्ष के हाथ निशाना साधने के लिए कुछ लगा नहीं तो पत्रकार पर ही तंज कस दिया और कहा कि इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार खुद ही सवाल कर रही थी और जवाब भी दे रही थी। इससे नाराज महिला पत्रकार स्मिता प्रकाश ने राहुल गांधी को करारा जवाब दिया है। यही नहीं स्मिता पर गांधी वंशज ने पक्षपात का भी आरोप लगाया। जब कांग्रेस अध्यक्ष लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर आरोप मढ़ रहे थे तब लेफ्ट लिबरल गैंग ने इसे ‘अघोषित इमरजेंसी’ करार नहीं दिया बल्कि किसी ने इसपर प्रतिक्रिया देना भी जरुरी नहीं समझा।

दरअसल, साल 2019 के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया था। इस दौरान महिला पत्रकार स्मिता प्रकाश ने प्रधानमंत्री से सभी ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछे और प्रधानमंत्री ने उन सवालों का बड़े ही सटीक तरीके से जवाब दिया था। विपक्ष इसपर भी सवाल खड़े करने लगा और राहुल गांधी ने बिना सोचे समझे इसपर चुटकी ली और कहा कि वो पीएम मोदी से सवाल भी पूछ रही थीं और जवाब भी खुद ही दे रही थीं।

राहुल गांधी के इस बयान पर स्मिता प्रकाश ने तीखी प्रतिक्रिया दी और ट्वीट करके कहा, “डियर मिस्टर राहुल गांधी, आपने प्रेस कांफ्रेंस में मुझ पर हमला किया है। मैं सवाल पूछ रही थी, जवाब नहीं दे रही थी। अगर आप पीएम मोदी पर हमला करना चाहते हैं तो आगे बढ़ें, लेकिन मेरा उपहास करना बेतुका है। देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल के अध्यक्ष से ऐसी उम्मीद नहीं है।“

स्मिता ने अपने इस ट्वीट से राहुल गांधी को करारा जवाब दिया वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी गांधी वंशज पर निशाना साधा और कहा कि “आपातकाल लागू करने वाली तानाशाह (इंदिरा गांधी) के पोते ने एक स्वतंत्र पत्रकार पर सवाल उठाकर और धमकाकर अपना असल डीएनए दिखा ही दिया।“ इसके बाद अरुण जेटली ने लेफ्ट लिबरल गैंग पर हमला करते हुए कहा कि, “अब छद्म उदारवादी (स्यूडो सेक्युलर) चुप क्यों हैं? मुझे एडिटर्स गिल्ड की प्रतिक्रिया का इंतजार है।“ इससे पहले संसद में हुई बहस के दौरान राहुल के हर दावों का मुहं तोड़ जवाब दिया था। राफेल को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष लगातार झूठे दावें कर रहे हैं और सबूत के नाम पर उनके पास कुछ नहीं है।

वैसे कांग्रेस की ये आदत है अगर पत्रकार उसके समर्थन में हैं तो निष्पक्ष बताना और समर्थन में नहीं है पक्षपात का दगा लगा देना। वास्तव में पत्रकारों की स्वतंत्रता पर हमला करना इस पार्टी की पुरानी परंपरा रही है। स्मिता प्रकाश को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने जो भी कहा उससे अभिव्यक्ति की आजादी का और मीडिया की स्वतंत्रता का दावा करने वाली पार्टी का असली चेहरा सामने आ गया। ये शर्मनाक भी है कि पीएम मोदी ने जो भी इंटरव्यू में कहा उसे गलत साबित करने के लिए अब लेफ्ट लिबरल गैंग और विपक्षी पार्टियों ने स्मिता प्रकाश को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया।

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