शीला दीक्षित के कार्यक्रम में सबसे आगे बैठा दिखाई दिया सिख दंगों का आरोपी जगदीश टाइटलर

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PC: Best Hindi News

कांग्रेस की सिख विरोधी मानसिकता एक बार फिर से जगजाहिर हो गई है। दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने आज अपने तीन सहयोगियों के साथ दिल्ली कांग्रेस की कमान संभाल ली है। आज जिस मंच से उन्होंने अपनी नई पारी की शुरुआत की, उसमें सिख विरोधी दंगे फैलाने का आरोपी जगदीश टाइटलर भी दिखाई दिया है। लगातार 15 सालों तक दिल्ली की सीएम रही शीला दीक्षित के कार्यक्रम में जगदीश टाइटलर की उपस्थिति ने अब सियासी बवाल मचा दिया है।

पार्टी कार्यालय में आयोजित इस समारोह में बड़ी संख्या में दिग्गज नेता पहुंचे थे। इनमें दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि, इस कार्यक्रम में शीला दीक्षित ने टाइटलर को मंच पर जगह दी थी। गौरतलब है कि, जगदीश टाइटलर कांग्रेस पार्टी के कई आयोजनों में नजर आता रहा हैं।

बता दें कि, पूर्व कांग्रेसी नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को सिख दंगे फैलाने का दोषी करार दिए जाने के बाद दंगा पीड़ितों और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा था कि, जल्द ही कोर्ट से टाइटलर को भी सजा मिलेगी। गौरतलब है कि, इस मामले में कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सासंद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 1984 में हुए भीषण सिख दंगों का आरोप टाइटलर पर भी है। इसलिए उनके कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद राजनीतिक विवाद गहरा गया है।

भाजपा हमेशा से ही सिख विरोधी दंगों में संदिग्ध भूमिका के लिए टाइटलर को घेरती रहती है और इस बार भी ऐसा ही हुआ है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रस की टाइटलर के साथ नजदीकियों को लेकर राहुल गांधी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, “जो उनके परिवार ने पहले किया, राहुल ठीक वही परंपरा अब आगे बढ़ा रहे हैं। यह साफ दिखाता है कि उन्हें सिखों के भावनाओं की कोई इज्जत नहीं है।”

वहीं शीला दीक्षित के दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बनने के कार्यक्रम में पहुंचे जगदीश टाइटलर से जब सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार की सजा के बारे में पूछा गया तो वह अपना नाम आने पर भड़क गए। जगदीश ने कहा, “एक आदमी क्या कह सकता है जब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। आपने मेरा नाम भी लिया। क्यों? क्या कोई एफआईआर है? क्या कोई केस है? नहीं? तब आपने मेरा नाम क्यों लिया? किसी ने कुछ कहा और आपने मान लिया।

बता दें कि, साल 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में 34 सालों बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को हाईकोर्ट ने दोषी करार दिया है। 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान जानबुझकर सेना की तैनाती में देर की गयी थी और पुलिस ने भी इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ, एचकेएल भगत, जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार पर आरोप लगे थे कि, उन्होंने उन दंगाइयों का नेतृत्व किया, जिन्होंने सिखों को मारा था। दरअसल, पुलिस का मामले में हस्तक्षेप न करना भी इन नेताओं और पुलिस की एक बड़ी साजिश बताई जाती है।

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उधर पदभार ग्रहण के बाद शीला दीक्षित ने कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव लाना गलत था। इससे स्पष्ट है कि, कांग्रेस पार्टी को सिख समुदाय की भावनाओं के साथ कोई सरोकार नहीं है। वह सिख दंगों के आरोपियों का खुलकर समर्थन करती ही नजर आ रही है।

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