गुजरात और झारखंड के बाद अब यूपी की योगी सरकार ने भी आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10% आरक्षण को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट के बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जिसके बाद अब इसे यूपी में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में लागू किया जायेगा।
बता दें कि गुजरात और झारखंड के बाद उत्तर प्रदेश 10% आरक्षण लागू करने वाला तीसरा राज्य बन गया है। झारखंड और गुजरात में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणि राज्य में इस आरक्षण को सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में 14 जनवरी से लागू कर दिया था इसके बाद झारखंड ने भी इसे लागू करने की घोषणा कर दी। अब उत्तर प्रदेश में भी ये लागू हो गया है लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इसे अभी लागू करने से मना कर दिया है जो इस पार्टी की सवर्ण विरोधी राजनीति को दर्शाता है। कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य सरकार के मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में केंद्र के प्रस्ताव को बिना किसी बदलाव के लागू किया जाएगा।
बता दें कि मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में सात जनवरी को आर्थिक रूप से कमजोर उच्च जातियों के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया गया था। इसके बाद सरकार ने इस बिल को आठ जनवरी को लोकसभा और नौ जनवरी को राज्यसभा में पास कराया। दोनों सदनों से पास होने के बाद शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बिल को मंजूर दी थी। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के लोगों को इससे सरकारी नौकरी के साथ प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में दाखिले के दौरान भी आरक्षण मिल पाएगा। आरक्षण का लाभ ऐसे लोगों को मिलेगा जिनकी सालाना आय आठ लाख या उससे कम होगी। साथ ही उनके पास पास पांच एकड़ या उससे कम कृषि योग्य भूमि और एक हजार वर्ग फीट या उससे कम का मकान हो। जिन सवर्णों के पास अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में सौ गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे। इसके अलावा जिन सवर्णों के पास गैर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे भी इस आरक्षण के दायरे में आएंगे।