हाला ही में मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण का तोहफा दिया था। अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुबे के किसानों को 10% का तोहफा दिया है। दरअसल, योगी सरकार ने किसानों को खाद के बढ़ते दामों से राहत दी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में यूरिया के दामों में कमी की है। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक गैस पर अतिरिक्त मूल्य वर्धित कर (VAT) को वापस ले लिया है। जिसके कारण यूरिया का दाम बढ़ गए थे लेकिन किसानों की समस्याओं को देखते हुए योगी सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला किया है।
सूत्रों की मानें तो इस फैसले के बाद राज्य में 12 जनवरी 2019 से यूरिया के दाम घट जाएंगे। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किसान हित में लिए गए। बता दें कि इस निर्णय से अब यूरिया की 45 किलो की बोरी 266.50 रुपये में किसानों को उपलब्ध हो सकेगी। फ़िलहाल इसकी कीमत 299 रुपये है। इसी तरह यूरिया की 50 किलो की बोरी का दाम 330.50 रुपये से घटकर 295 रुपये पर आ जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि वैट में इस कटौती से राज्य सरकार के राजस्व में पर करीब 1000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
वक्ता ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य की सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए संकल्पबद्ध है और इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। ये निर्णय उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बता दें कि प्रदेश के किसान कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में अन्य प्रदेशों की दरों पर ही यूरिया उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे।
ऐसे में, जब मध्यप्रदेश व राजस्थान जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में किसान यूरिया की किल्लत से जूझ रहे हैं, यूरिया के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हैं, उस समय उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में योगी सरकार द्वारा न सिर्फ यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना बल्कि उसकी कीमत भी कम करना अपने आप में बड़ा कदम है। ऐसा माना जा रहा है कि ये किसानों के लिए बोनस उपहार की तरह है क्योंकि गेहूं के सीजन में यूरिया की मांग ज्यादा होती है। ऐसे में यूरिया की कीमत घटने से किसानों को काफी राहत मिलने जा रही है।
बता दें कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने कर्जमाफी की घोषणा की तो थी लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन राज्यों में किसान पुलिस की लाठियां खा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें समय पर न तो यूरिया मिल पा रही है और न ही अन्य प्रकार की सुविधाएं मिल पा रही हैं।
बताते चलें कि ये पहली बार नहीं है, जब योगी सरकार ने किसानों के लिए ऐसे कदम उठाए हैं। इससे पहले भी समय-समय पर योगी सरकार किसानों के लिए कदम उठाती रही है। योगी सरकार के आने के बाद से गन्ना किसानों का मानना है कि उनके बकाए का भुगतान तेजी से शुरू हुआ है। ऐसे में योगी द्वारा लिया गया यह फैसला कहीं न कहीं उन विपक्षी दलों के लिए सीख है जो चुनाव जीतने के लिए किसानों से बड़े-बड़े वादे तो कर लेती हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन किसानों को भूल जाती हैं।