पीएम मोदी, भारतीय सेना और एनएसए के साहसिक निर्णयों के कारण आए आतंकियों के बुरे दिन

मोदी प्रधानमंत्री

”मैं इस देश का वासी हूं, इस माटी का क़र्ज़ चुकाऊंगा। जीने का दम रखता हूं, तो इसके लिए मर के भी दिखाऊंगा। नज़र उठा के जो देखा ऐ दुश्मन मेरे देश को, मैं रहूं या न रहूं तुझे मार गिराऊंगा। कसम मुझे इस माटी की कुछ ऐसा मैं कर जाऊंगा, मैं इस देश का वासी हूँ, इस माटी का क़र्ज़ चुकाऊंगा।”

ये पंक्तियां हमारी सेना, हमारे प्रधानमंत्री मोदी और एनएसए पर सटीक बैठती हैं। आज मन जोश और गौरव से लबालब है। ऐसी निर्णायक सरकार, ऐसा कद्दावर नेतृत्व और ऐसी जोशीली सेना जिस देश के पास हो, क्या मज़ाल जो उस देश का कोई बुरा सोच सके और इसके साथ जो मिल जाये सब देश वासी एक सूत्र में तो कौन है जो भारत को विश्व शक्ति बनने से रोक सके।

ये सरकार समय पड़ने पर देश के लिए कठिन निर्णय लेने में कभी डरी नहीं और सेना की समझ व उसके सुझावों पर विश्वास रखा। उनके देश की सुरक्षा पर लिए निर्णयों को सम्मान दिया, वो किया जो देश हित के लिए सर्वोपरि था। 4 जून, 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में जब नगालैंड में सक्रिय एनएससीएन-खापलांग के उग्रवादी भारतीय जवानों पर हमला कर सीमा पार म्यांमार में छिप गए थे। इस कायरना हमले में हमारे 18 जवान शहीद हो गए थे। इसके जवाब में भारतीय सेना ने अपने खास दस्ते को म्यांमार सीमा के अंदर भेजकर इन उग्रवादियों की जड़ें हिला दी थीं। भारतीय सेना के इस मिशन को ‘ऑपरेशन हॉट परश्यूट’ का नाम दिया गया था। यह ऑपरेशन बेहद ही गोपनीय था, जिनकी बेहद कम जानकारी ही सार्वजनिक की गई थी। हमारे सेनाअध्यक्ष को सीधे रक्षा मंत्री, ग्रह मंत्री एवं NSA से आगे बढ़ने को कहा गया था। शायद पहली बार भारतीय सेना ने पडोसी देश की सीमा में जाकर कोई सैन्य ऑपरेशन किया था। मुझे लगता है कि ये ऑपरेशन सेना और सरकार की आपसी समझ और विश्वास का बेहतरीन उदारहण बन गया, जिसने आगे आने वाले समय के मजबूत न की मजबूर भारत की तस्वीर विश्व पटल पर रखी।

इसके बाद उरी हमले में मारे गए हमारे जवानो की मौत का बदला हमारी सेना ने लिया। हमारी सेना ने सितंबर 2016 में उरी हमले के बाद PoK मे जा कर दुश्मन के दांत खट्टे किये और पडोसी देश के झूठ को उस सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो को दिखा कर बेनकाब किया। उस वीडियो मे भारतीय सेना की जांबाज कार्रवाई दिखी, कि कैसे पीओके में घुसकर आतंकवादियों को ढेर किया गया था। वैसे वो वह वीडियो हमारे देश की विपक्षी पार्टियों के लिए भी जरूरी था जो अपने निजी स्वार्थों की खातिर न सिर्फ मोदी सरकार पर ऊँगली उठा रहीं थीं बल्कि हमारी जोशीली और बेहतरीन सेना की क्षमता और साहस को भी नकार रही थीं।

शायद ये चुनावी मौसम का असर है कि करीब दो साल पहले हुई सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाली विपक्षी पार्टियां आज सुबह हुए एयर स्ट्राइक पर ख़ुशी जता रहीं हैं। चलिए अच्छा है कि हमारी सेना से इस बार अपने ही देश में, अपने ही देश के लिए किये गए अदम्य साहसिक कार्य का कोई प्रमाण नहीं माँगा जा रहा।

भारतीय सेना हमेशा से ही मजबूत रही है बस उसे मजबूत नेतृत्व की जरूरत रही, ऐसी सरकार जो देशभक्ति और देश हित मे बड़े फैसले ले सके। भाजपा ने हमेशा ही कहा कि देश प्रथम, फिर पार्टी और आखिर मे स्वयं। ये सरकार खतरा लेने से डरी नहीं , एक बार सोंचे कि अगर किसी भी कारण से ये एक्शन सफल नहीं होता तो जनता फिर भी समझ पाती लेकिन ये विपक्ष और मीडिया इस सरकार को ऐसे कटघरे मे खड़ा कर देता कि जैसे उन खूंखार आतंकवादियों से ज्यादा ये सरकार देश की दुश्मन हो और फिर ये विपक्षी पार्टियां इस चुनावी जंग मे उस हार को हथियार बना कर सब और घूमती। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार ने ये बहुत बड़ा राजनीतिक खतरा लिया, और यही सोच, यही निर्णय क्षमता बार बार बताती है कि, इस सरकार के लिए देश सर्वोपरि है। बात नोटबंदी की हो, बैंक अकाउंट खुलवाने की हो, बिचोलियों को सिस्टम से बाहर करने की हो, गरीब के इलाज़ की हो या सरहद के अंदर और बाहर से देश की सुरक्षा की हो, इस सरकार ने सभी रिस्क लिए। देश को भूख, भय और भ्रष्ट्राचार से लड़ना था तो मेक इन इंडिया, सीधी लड़ाई और बिचोलियों की विदाई जो भी जरूरी था इस सबसे मुक्त होने के लिए उसकी शुरुआत कर दी।

आज जरूरत है कि हम सब मजबूती के साथ इस सरकार व प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े हों और देश को अब पीछे न होने दे। इस देश को प्रधानमंत्री मोदी जैसा देशभक्त, साहसी, ईमानदार नेता चाहिए। ना की वो जो या सिर्फ सर झुकाये या फिर अपनी झोली भरते जाये। आज वक़्त है कि हम भी अपने छोटे बड़े फायदे नुक्सान को भूल कर सिर्फ देश के बारे मे सोचें और और एक साथ स्तंभ की तरह खड़े हो जाएँ। अब देश की गाड़ी गति पकड़ रही है उसे अब न रुकने दें और इस हिम्मतवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुरजोर मजबूती से देश की कमान सौंप भारत को मिलकर आगे बढ़ाएं।

लेखक- सुमित भसीन

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