दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर जहाजरानी कंपनी मर्स्क लाइन ने गंगा जलमार्ग का इस्तेमाल करना किया शुरू

गंगा मर्स्क लाइन राष्ट्रीय जलमार्ग

PC: Livemint

विश्व की सबसे बड़ी कंटेनर जहाजरानी कंपनी मर्स्क लाइन ने पहली बार गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग एक) का प्रयोग शुरू कर दिया है।  केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार के प्रयासों के बाद ही अब भारत में गंगा के अंतर्देशीय जलमार्ग का इस्तेमाल पहली बार दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर जहाजरानी कंपनी मर्स्क लाइन द्वारा शुरू किया गया है। इससे उत्तर प्रदेश में विकास की गति को एक नया आयाम मिलेगा।  जल परिवहन के इस क्षेत्र में भी अब विकास होगा। मंगलवार को पोत परिवहन मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।

पोत परिवहन मंत्रालय ने बयान में ये जानकारी दी कि ‘मर्स्क लाइन द्वारा मंगलवार को वाराणसी के रामनगर स्थित मल्टी माडल टर्मिनल से राष्ट्रीय जलमार्ग पर कंपनी के 16 खाली कंटेनर कोलकाता के लिए रवाना किए गए। इस दौरान कई विभागीय अधिकारी के अलावा कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। कंटेनर जहाजरानी कंपनी मर्स्क लाइन भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र में पहली बार उतरी है। पीएम मोदी ने 12 नवंबर, 2018 को वाराणसी के रामनगर में गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग एक) पर भारत का पहला मल्टीमोडल टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित किया था।’

बता दें कि सरकार राष्ट्रीय जलमार्ग एक को हल्दिया से वाराणसी तक विकसित करने के लिए प्रयासरत है। यही नहीं इसके लिए विश्व बैंक लगभग 5,369 करोड़ रुपये का तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग प्रदान कर रहा है। पेप्सिको, इमामी एग्रोटेक, इफको फर्टिलाइजर्स, डाबर इंडिया ने तो गंगा नदी के रास्ते अपने कंटेनर को भेजना कबका शुरू भी कर दिया है। ऐसे में मर्स्क लाइन द्वारा गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग एक) का इस्तेमाल शुरू करना केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक बन गया है।

बता दें कि गंगा नदी से गुजरनेवाले 1680 किलोमीटर लंबे इलाहाबाद-हल्दिया जलमार्ग को भारत में राष्ट्रीय जलमार्ग एक का दर्जा दिया गया है। इस जलमार्ग पर स्थित प्रमुख शहर इलाहाबाद, वाराणसी, मुगलसराय, बक्सर, आरा, पटना, मोकामा, बाढ, मुंगेर, भागलपुर, फरक्का, कोलकाता तथा हल्दिया हैं। गंगा नदी का प्रयोग नागरिक यातायात तथा भारवहन के लिए के लिए काफी समय से किया जाता रहा है लेकिन मर्स्क लाइन के इससे जुड़ जाने से वैश्विक स्तर पर भारत के जल परिवहन को नए आयाम मिलेंगे। यही नहीं अब इससे भारत के आंतरिक इलाकों से सीधे बांग्‍लादेश तक या यूं कहें बांग्‍लादेश से आंतरिक इलाकों तक तथा बंगाल की खाड़ी से होते हुए शेष विश्‍व तक कार्गो आवाजाही की जाएगी।

उत्तर प्रदेश के विकास के लिए पीएम मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयासरत हैं। गंगा जलमार्ग, पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (पूर्वी फ्रेट कॉरिडोर) और गंगा एक्सप्रेसवे की शुरुआत इसके प्रमुख उदाहरणों में से हैं।

यूपी के विकास की नयी कहानी लिखेगा। जहां गंगा जल मार्ग बिहार और यूपी के शहरों से होकर गुजर रहा है तो वहीं पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बिहार सहित देश के 8 राज्यों से होकर गुजर रहा है। इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल का हिस्सा शामिल है। इसके अलावा कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की थी जो दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। 600 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे पश्चिमी यूपी को प्रयागराज से जोड़ देगा। खबरों की मानें तो ये एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक बनेगा। ये एक्सप्रेस-वे मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक पहुंचेगा।

एक बात तो स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के प्रयासों के कारण ही भविष्य में उत्तर प्रदेश विश्वस्तर पर हो रहे विकास का कारण बनेगा।

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