जो उठा रहे एयर स्ट्राइक और मौतों की संख्या पर सवाल उन्हें देखनी चाहिए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की यह कवरेज

एयर स्ट्राइक मीडिया पाकिस्तान

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई भारतीय वायुसेना की कार्रवाई को दुनियाभर से सपोर्ट मिल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी इस घटना पर सकारात्मक रुख रखा है। वायुसेना की इस कार्रवाई की खबरों से आज दुनिया भर के अखबार भरे पड़े हैं और ये सभी खबरें भारत के पक्ष में ही जाती हैं। यहां तक की पाकिस्तान का अजीज दोस्त चीन भी पाक का साथ नहीं दे रहा है। चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि, कई देश भारत के साथ हैं और मौजूदा हालात को मोदी सरकार ही संभाल सकती है। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने लिखा है कि, भारत की इस कार्रवाई से बड़ी संख्या में आतंकियों का सफाया हुआ है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने तो साफ-साफ कहा कि, भारत का हमला कामयाब रहा। वहीं सऊदी अरब की मीडिया अल जरीरा ने लिखा है कि भारत का यह हमला अपेक्षित था। इस तरह से पाकिस्तान पर लगातार अंतर्राष्ट्रीय दबाव बन रहा है। आइए जानते हैं कि, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भारत की इस एयर स्ट्राइक को कैसे कवर किया है-

साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट: कई सारे आतंकी, उनके ट्रेनर्स और कई बड़े कमांडर्स मारे गए

इस अखबार ने लिखा, ‘इंडिया ने आतंकी हमले की तैयारी कर रहे आतंकियों की बड़ी संख्या को हवाई हमले में मार गिराया है। उधर पाकिस्तान ने भारतीय लड़ाकू विमानों पर हवाई सीमा के उल्लंघन का आरोप लगाया है।’ साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट ने भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले के हवाले से लिखा, ‘पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद के आतंकी कैंप पर और आत्मघाती हमलों की आशंका को देखते हुए कार्रवाई की गई। अखबार ने लिखा कि कार्रवाई में जैश ए मोहम्मद के कई सारे आतंकी, उनके ट्रेनर्स और कई बड़े कमांडरों को मार गिराया गया है।

2 चीन की सरकारी मीडिया: कामयाब रहा इंडिया का ऑपरेशन

चीन की सरकारी मीडिया चायना डेली ने पाकिस्तान के हवाले से लिखा है कि, भारतीय विमानों ने एलओसी पार की है। वहीं, चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने भारतीय सेना के सूत्रों के हवाले से लिखा कि भारत ने 20 मिनट हवाई कार्रवाई की और यह ऑपरेशन कामयाब रहा है।

3. अल जजीरा: पहले ही हो गया होता यह हमला

भारत की एयर स्ट्राइक पर अल जजीरा ने लिखा कि इस तरह भारत ने पाकिस्तान को मजबूत संकेत दे दिए हैं। अल जजीरा ने कहा कि, यह हमला अपेक्षित था क्योंकि पुलवामा हमले के बाद भारत की सरकार पर बहुत ज्यादा दबाव था। साथ ही अल जजरा ने लिखा कि यह हमला पहले ही हो गया होता लेकिन इसमें देरी की वजह यह थी कि सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पहले पाकिस्तान और फिर भारत के दौरे पर थे। हर कोई जानता था कि जल्द ही कुछ होने वाला है।

4.  गल्फ न्यूज: पाक चाहकर भी नहीं कर सकता जवाबी कार्रवाई

भारत की एयर स्ट्राइक पर गल्फ न्यूज ने लिखा, ‘पाकिस्तानी सेना ने भी पहले मान लिया था कि भारतीय विमान उसके क्षेत्र में आकर चार बम गिरा गए हैं। हालांकि, बाद में पाकिस्तान ने भारत की कार्रवाई को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। वहीं अभी के हालात बताते हैं कि पाकिस्तान चाहकर भी जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाएगा, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत है। भारत ने इस हमले के साथ ही दुनिया को बता दिया है कि अगर उसके सैनिकों पर हमला होता है तो वह चुप नहीं बैठेगा।

5. द न्यूयॉर्क टाइम्स: दोनों देशों ने अभी भी तनाव कम करने की गुंजाइश छोड़ी

अमेरिका के अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत की एयर स्ट्राइक पर लिखा, ‘‘पांच दशक में पहली बार भारतीय वायुसेना के विमान सीमा पार कर पाकिस्तान में घुसे हैं। भारत-पाक एलओसी पर आमतौर पर गोलाबारी करते रहते हैं, लेकिन इस बार हवाई हमला हुआ है। ऐसा लगता है कि मौजूदा हालात संभलने की बजाय और बिगड़ रहे हैं। अगर दोनों ने अब संयम नहीं बरता तो यह संकट और गंभीर हो जाएगा। हालांकि, दोनों देशों ने अभी भी तनाव कम करने की गुंजाइश छोड़ रखी है।’’ वहीं, डिफेंस कवर करने वाले लंदन स्थित जेन इन्फॉर्मेशन ग्रुप के एनालिस्ट राहुल बेदी के हवाले से इस अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान प्रतिक्रिया तो देगा पर उसकी प्रतिक्रिया पारंपरिक ही होगी, वह इस बार आतंकी हमले नहीं करवा पाएगा।

6. वॉशिंगटन पोस्ट: नहीं होगी जंग

अमेरिका के ही दूसरे अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा, ‘साल 1971 की लड़ाई के बाद भारत ने एलओसी पार अपने लड़ाकू विमान भेजे हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच इस तरह का तनाव 1999 के करगिल युद्द के समय हुआ था। भारत का कहना है कि उसका हमला पाकिस्तान की सेना पर नहीं था, बल्कि उसका निशाना जैश-ए-मोहम्मद के टैरर कैंप थे। इससे कहा जा सकता है कि मौजूदा संघर्ष जंग जैसे हालात में तब्दील नहीं होगा।’

बता दें कि अमेरिका पुलवामा हमले के बाद से ही भारत का समर्थन कर रहा है। हमले के दो दिन बाद ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा था कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी कहना था कि भारत किसी मजबूत कदम के बारे में सोच रहा है।

7. द गार्डियन: पाकिस्तान को महंगी पड़ेगी जंग

द गार्डियन ने भारत की एयर स्ट्राइक पर ‘इंडिया लॉन्चेज एयरस्ट्राइक ऑन पाकिस्तान एक्रॉस कश्मीर बॉर्डर’ हेडलाइन के साथ खबर दी है। ब्रिटिश अखबार ने इस खबर में लिखा, ‘1971 के बाद भारत ने पहली बार एलओसी पार की है। लेकिन इस बारे में पाकिस्तान का दावा है कि उसे कोई नुकसान नहीं हुआ। अखबार लिखता है कि भारत ने कहा है कि उसने सीमा के उस पार स्थित पाकिस्तान में आतंकियों के प्रशिक्षण कैंपों पर हवाई हमले किए हैं। भारत में इस हमले को लेकर बड़े पैमाने पर जश्न मनाया गया। भारत की इस कार्रवाई से पुलवामा हमले के बाद जनता में उबल रहे गुस्से को शांत करने में जरूर मदद मिली होगी।’ इसके साथ ही द गार्डियन ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के खालिद शाह के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान अगर जंग में कूदा तो उसके लिए खेल एकदम बदल जाएगा। उसे यह युद्द आर्थिक रूप से बहुत महंगा पड़ेगा।

8 ग्लोबल टाइम्स- मोदी सरकार ही संभाल सकती है हालात

ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि, ‘इस एयर स्ट्राइक के बाद कई बड़े देश भारत के साथ है और इस स्थिति को मोदी सरकार ही संभाल सकती है। ग्लोबल टाइम्स भी चीन का ही अखबार है। इसने लिखा कि ‘अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ खड़े हैं। साफ है कि वे चाहते हैं कि भारत-पाक के बीच तनाव बढ़े और इस तरह चीन को दबाव में लाया जा सके। अगर भारत ने इससे आगे कुछ किया तो भारत-पाक के बीच सैन्य संघर्ष अब तक के सबसे बड़े स्तर पर पहुंच जाएगा।’ अखबार ने लिखा कि इस हालात को संभालना अब सिर्फ मोदी सरकार के हाथ में है।

इस तरह दुनिया भर के अखबारों ने भारत के इस कदम को सराहा है और प्रधानमंत्री मोदी को एक मजबूत नेता के रुप में दिखाया है। विदेशी मीडिया यह भी मान रही है कि, पाकिस्तान में इस एयर स्ट्राइक से कई आतंकी, उनके ट्रेनर और मास्टरमाइंड मारे गए हैं जबकि अपने देश में ऐसे कई लोग हैं जो एयर स्ट्राइक और मौतों की संख्या पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे लोगों को यह विदेशी मीडिया की कवरेज जरूर देखनी चाहिए और अपने आप पर थोड़ी शर्म महसूस करनी चाहिए।

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