स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया बनने की ओर देश ने बढ़ाया बड़ा कदम

भारतीयों को अपने आप पर गर्व करने का एक और नया मौका मिला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बौद्दिक संपदा के मामले में भारत सबसे तेज गति से वृद्दि कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय बौद्दिक संपदा (आईपी) सूचकांक के गुरुवार को जारी किये गए ताजा आंकड़ों से इस बात की पुष्टि हुई है। 2018 की तुलना में इस साल अंतरराष्ट्रीय बौद्दिक संपदा सूचकांक में भारत ने आठ स्थानों की छलांग लगाई है। इस सूचकांक में इस साल 50 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बौद्दिक संपदा की स्थिति का विश्लेषण किया गया है। भारत की इस उपलब्धि को  स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में बड़ी सफलता माना जा रहा है।

यह सूचकांक अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वैश्विक नवोन्मेषण नीति केंद्र (जीआईपीसी) द्वारा तैयार किया गया है। इस सूचकांक में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। सूचकांक में भारत पिछले साल के मुकाबले आठ पायदान की छलांग लगाकर 36 वें स्थान पर पहुंच गया है। साल 2018 में भारत इस सूचकांक में 44 वें स्थान पर था। सबसे अच्छी और खास बात यह है कि सूचकांक में शामिल कुल देशों में से भारत की स्थिति में सबसे ज्यादा सुधार आया है।

जीआईपीसी ने अपने बयान में भारत के इस अच्छे प्रदर्शन का क्रेडिट देश के नीति निर्माताओं को दिया है। अपने एक बयान में अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के वैश्विक नवोन्मेषण नीति केंद्र ने कहा कि, भारत के नीति निर्माताओं की ओर से किए गए प्रमुख सुधारों का असर भारत के सुधरे प्रदर्शन पर नजर आता है। जीआईपीसी ने कहा कि, भारत के नीति निर्माताओं ने घरेलू कारोबारियों व विदेशी निवेशकों के नवोन्मेषण के क्षेत्र में टिकाऊ वातावरण के लिए बहुत अच्छे कदम उठाए हैं। जीआईपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पैट्रिक किलब्राइड ने कहा, ‘भारत के सूचकांक में अच्छे प्रदर्शन से पता चलता है कि, भारत ने बौद्दिक संपदा के लिए बेहतर माहौल तैयार किया है।’ जीआईपीसी ने 2016 की राष्ट्रीय आईपी नीति की भी बढ़ाई की है।

किलब्राइड ने कहा कि भारत का अच्छा प्रदर्शन कुछ अहम सुधारों जैसे डब्ल्यूआईपीओ इंटरनेट संधियों आदि से आया है, जो कि छोटे कारोबार से संबंधित है। इसके अलावा पेटेंट के मामले में भी बहुत अच्छे प्रशासनिक सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘इन सब कदमों की वजह से आर एंड डी आधारित उद्योगों में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ी है।’

जीआईपीपी ने मोदी सरकार की आईपी नीतियों की सराहना की है। जीआईपीपी ने कहा कि, सरकार द्वारा उठाए कदमों से भारत में इनोवेशन को रफ्तार मिलेगी। साथ ही उसने कहा कि, इससे स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया को हकीकत में बदला जा सकता है।

बता दें कि इस सूचकांक में लगातार दुसरे साल अमेरिका पहले, ब्रिटेन दूसरे, स्वीडन तीसरे, फ्रांस चौथे और जर्मनी पांचवें स्थान पर रहा है। वहीं वेनेजुएला को सूचकांक में अंतिम स्थान मिला है। जीआईपीसी ने यह सूचकांक 45 संकेतकों पर तैयार किया है, इनमें पेटेंट, कॉपीराइट और व्यापार गोपनीयता का संरक्षण आदि शामिल हैं।

अंतरराष्ट्रीय बौद्दिक संपदा (आईपी) सूचकांक और आईपीसीसी की ओर से आया बयान बताता है कि, मोदी सरकार ने बौद्दिक संपदा के क्षेत्र में बहुत अच्छे कदम उठाए हैं। मोदी सरकार के इन कदमों से देश के स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में बहुत मदद मिल रही है।

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