गायों के लिए मोदी सरकार ने खोला पिटारा, शुरू करेगी कामधेनु योजना

कामधेनु आयोग

सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार देश में गायों की सुरक्षा एवं उनके बेहतरी के लिए प्रयासरत है। इसके लिए मोदी सरकार को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है लेकिन मोदी सरकार ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे। आज शुक्रवार को गायों के लिए एक नयी योजना की घोषणा की गयी। दरअसल, मोदी सरकार के अंतिम बजट को अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज पेश किया। इस बजट में किसानों समेत मध्य वर्ग के लिए कई बड़ी घोषणाएं हुईं। इसमें एक और ख़ास घोषणा जो हुई वो है राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के गठन की हुई। वित्त मंत्री स्पष्ट शब्दों में कहा कि “गौ माता के लिए हमारी सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी। सरकार गायों के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन करेगी।”

उन्होंने कहा कि सके कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन किया जायेगा। राष्ट्रीय गोकुल आयोग बनाया जाएगा और कामधेनु योजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना का उद्देश्य गायों के लिए बेहतर सुविधा और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना है। इसके अलावा पीयूष गोयल ने बजट में पशुपालकों और मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेने पर 2 फीसदी की ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा की।

वहीं कामधेनु योजना पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, “गौ माता का सनातन संस्कृति व भारतवर्ष से अटूट रिश्ता है। मोदी सरकार द्वारा 750 करोड़ रुपए से इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘राष्ट्रिय कामधेनु आयोग’ एक अभूतपूर्व कदम है। मैं इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मोदी सरकार का कोटि-कोटि अभिनंदन करता हूं।“

आज बजट स्तर में पीयूष गोयल ने न किसानों को नाराज किया और न ही माध्यम वर्ग को निराश किया सभी के लिए कई बड़ी घोषणाएं की। अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5  लाख रुपये सालाना कर दी गयी है। इससे 3 करोड़ मिडिल क्लास को बड़ी राहत  मिली है। इसके अलावा बजट सत्र में छोटे सीमांत किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये भेजने की बात कही और ये रुपये उन किसानों के लिए है जिनके पास दो हेक्टेयर से कम की जमीन है। इस योजना पर केंद्र सरकार को कम से कम 75,600 करोड़ रुपये सालाना खर्च करने होंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत कर रहे है। किसानों को साल में 6 हजार रुपये, 2 हजार की तीन किश्तों में मिलेंगे। पहली बार 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत से ज्यादा तय किया गया।

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