फिल्मों में न दिखेंगे और न सुनाई देंगे पाक कलाकार, बॉलीवुड ने पाक कलाकारों को बैन कर दिया है

पाकिस्तान कलाकारों बॉलीवुड

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 44 जवान शहीद हो गये। इस हमले के बाद से पूरे देश में गुस्सा है और पाकिस्तान को इस घिनौने कृत के लिए सबक सिखाने के लिए भारत सरकार के साथ पूरा देश खड़ा है। फिल्म जगत में भी आतंकी हमले को लेकर गुस्सा है और यही वजह है कि अब बॉलीवुड ने पाकिस्तानी कलाकारों को बैन कर दिया है। यही नहीं नवजोत सिंह सिद्धू के शर्मनाक बयान के बाद अब बॉलीवुड ने नवजोत सिंह सिद्धू का भी बहिष्कार करने का फैसला लिया है।

न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार बॉलीवुड ने पाकिस्तान के कलाकारों को बैन कर दिया है। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्प्लाइज (एफडब्लूआइसीई) ने रविवार को ये फैसला लिया। एफडब्लूआइसीई के मुख्य सलाहकार अशोक पंडित ने यदि फिल्म जगत इस नियम को नहीं मानता और पाकिस्तान के कलाकारों के साथ काम करने का दबाव बनाता है तो शूटिंग को कैंसिल कर दिया जायेगा साथ ही उन पर भी प्रतिबंध लगाया जायेगा।  

पुलवामा हमले के विरोध में फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्प्लाइज (एफडब्लूआइसीई) के मुख्य सलाहकार अशोक पंडित ने पाकिस्तान के सभी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ‘जो फिल्म निर्माता पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने के लिए दबाव बनाएंगे एफडब्लूआइसीई उन पर भी प्रतिबंध लगाएगी।’ यही नहीं 24 फिल्म संगठनों ने गोरेगांव के फिल्मसिटी में बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था। इन संगठनों में एफडब्ल्यूआईसीई के अलावा इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) शामिल थे। इस विरोध प्रदर्शन में अमिताभ बच्चन और वीरेंद्र सहवाग जैसी बड़ी हस्तियां भी शामिल हुईं थीं।

एफडब्लूआइसीई के मुख्य सलाहकार अशोक पंडित ने कहा, “एफडब्ल्यूआईसीई पाकिस्तान के कलाकारों के साथ काम करने की जिद करने वाले फिल्म निर्माताओं पर प्रतिबंध लगाएगा। हम इसकी आधिकारिक घोषणा करते हैं। सीमापार से हमारे देश पर बार-बार हमले होने के बावजूद पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने की जिद करने वाली म्यूजिक कंपनियों को शर्म आनी चाहिए। चूंकि उन्हें कोई शर्म नहीं है तो हमें उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर करना होगा।” उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा कि कश्मीर में हो रहे आतंकी हमले के बावजूद पाकिस्तानी कलाकारों के साथ बॉलीवुड काम कर रहा है। जब भी पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमला होता है फिल्म उद्योग पाकिस्तानी कलाकारों का बायकाट कर तो देता है लेकिन कुछ समय पश्चात वो फिर से पाकिस्तान के कलाकारों के साथ काम करने लगता है। बॉलीवुड की तरफ से कोई सख्त कदम न उठाये जाने के कारण ही हमें ये घोषणा करनी पड़ी। उन्होंने आगे कहा, “जम्मू एवं कश्मीर के बाहर से हम जितने नुकसान का अंदाजा लगा सकते हैं, नुकसान उससे कई गुना ज्यादा हुआ है। इसकी भरपाई में सालों लग जायेंगे। एक व्यक्ति इतना ज्यादा आरडीएक्स लेकर जम्मू एवं कश्मीर में छिपकर कैसे आ सकता है? ऐसे समय में जब आतंकवादी हमले इतने ज्यादा हो गए हैं तब ये सोचना मुश्किल है कि हमारे मनोरंजन उद्योग में कुछ लोग कलाकारों के लिए पाकिस्तान की तरफ देख रहे हैं।”

बता दें कि, साल 2014 में हुए उरी हमले के बाद भी देश में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाने की मांग उठी थी। उरी हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गये थे। उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच सरहद पर लगातार बढ़ते तनाव के बाद कुछ जगह पर पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध भी देखा गया लेकिन बॉलीवुड का एलीट वर्ग इसकी आलोचना कर रहा था। पाकिस्तान के जिंदगी’ नाम के एक शो को तो बंद करवा दिया गया था। उस समय ये तर्क दिए जा रहे थे कि पाकिस्तानी कलाकारों ने भारतीय जवानों पर हमला नहीं करवाया था, न ही वो बंदूक उठाते हैं और न ही वो आतंकी हैं। जबकि ये कलाकार पाकिस्तान में आतंक का वित्तपोषण करने में मदद जरुर करते हैं।

सभी पाकिस्तानी कलाकार पाकिस्तान के करदाता हैं और वो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा पाकिस्तान को कर के रूप में देते हैं। मतलब की वो कमाते भारत में हैं और भारत से अर्जित किया हुआ धन वो पाकिस्तान को देते हैं और इसी धन से पाकिस्तान अपने यहां आतंकियों का वित्तपोषण करता है। दरअसल, अधिकतर कर ISI, पाकिस्तान की प्रमुख खुफिया एजेंसी और पाकिस्तान आर्मी के खाते में जाता है। ये सभी जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैबा जैसे आतंकी संगठन को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पुलवामा हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के नए चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर की छाप भी देखने को मिली है। इसका मतलब साफ़ अहि हम पाकिस्तानी कलाकारों को फंड देते हैं और वो पाकिस्तानी एजेंसियों को देते हैं। वो एजेंसियां जो आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं और भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं।

जबकि भारत के कलाकार खुद ये कहते आये हैं कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान ही भारत-पाक की दुश्मनी का हल है। जबकि पाकिस्तानी कलाकारों ने तो भारतीय जवानों की शहादत पर शोक तक नहीं जताया। वो सिर्फ यहां धन अर्जित करने आते हैं और अपने देश के प्रति वफादारी निभाते हैं । इनका उद्देश्य भी भारत की बर्बादी ही है। पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग  करना है तो हमें भी आतिफ असलम और राहत के गानों को सुनना बंद करना होगा। इसी तरह भारत पाकिस्तान को न सिर्फ कूटनीति, सैन्य बल्कि कला के क्षेत्र में भी अलग-थलग करने की कोशिश में सफल होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिवार्ता का अब कोई मतलब ही नहीं है। जब भी भारत की ओर से शांति के लिए हाथ बढे हैं पाकिस्तान द्वारा भारत की पीठ में छुरा घोंपा गया है। बार बार पाकिस्तान अपने गंदे मंसूबों को अंजाम देता है। अब फ़िल्मी जगत का भी पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेना दर्शाता है कि वो अब भारत सरकार के साथ खड़े हैं।

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