‘दलित नेताओं को पार्टी में दोयम दर्जे पर रखती है कांग्रेस’-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री

दलित कर्नाटक परमेश्वर

PC: The News Minute

भारतीय जनता पार्टी को दलित विरोधी बताकर राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली कांग्रेस पार्टी की असल हकीकत आज जगजाहिर हो गई है। कांग्रेस की इस राजनीति का पर्दाफाश किसी विपक्षी की ओर से नहीं किया गया बल्कि कांग्रेस पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता ने यह पर्दाफाश किया है। कर्नाटक की जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में डेप्युटी सीएम और कांग्रेस नेता जी. परमेश्वर ने सनसनिखेज आरोप लगाते हुए कहा कि, दलित होने के कारण पार्टी द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। परमेश्वर ने आरोप लगाया कि नीची जाति की वजह से उन्हें तीन बार मुख्यमंत्री का पद देने से इनकार कर दिया गया।

जी. परमेश्वर कर्नाटक के दावणगेरे में दलित समुदाय के अधिकारों से जुड़ी चलावड़ी रैली में भाग लेने आए थे। यहां परमेश्वर ने कहा, ‘मुझे दलित होने की वजह से दबाया गया। दलित होने की वजह से ही मुझे बार-बार मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंचने दिया गया। मैंने मजबूरी में डेप्युटी सीएम की कुर्सी से संतोष किया, जिसके लिए मैं जरा भी इच्छुक नहीं था।’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग दलितों को ऊपर उठने से रोक रहे हैं। मेरे पास तीन बार मुख्यमंत्री बनने का मौका था, लेकिन मुझे हर बार रोक दिया गया। कई मुश्किलों के बाद मैं उप-मुख्यमंत्री बन पाया हूं।” उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी में ही कई लोग ऐसे हैं, जो उन्हें राजनीतिक रूप से दबाना चाहते हैं।

यही नहीं, जी परमेश्वर ने ऐसे और भी कईं कांग्रेसी नेताओं के नाम गिनाए जिन्हें पार्टी द्वारा दलित होने के कारण मौका नहीं दिया गया। परमेश्वर ने कांग्रेस पर दलित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा, ‘कांग्रेस ने बी. बासवलिंगप्पा, के.एच. रंगनाथ और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी राज्य के सीएम की कुर्सी तक पहुंचने नहीं दिया गया। यह सभी लोग मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन जाति की वजह से मात खा गए और दलित उत्पीड़न का शिकार हो गए।’

दलित समुदाय के अधिकारों से जुड़ी चलावड़ी रैली में आए जी. परमेश्वर ने कहा, ‘मैं यहां चलावड़ी महासभा में अपनी निराशा का इजहार करने और समुदाय का सपोर्ट हासिल करने के इरादे से आया हूं। आज भी कर्नाटक के ग्रामीण इलाकों में छुआछूत और जातिवाद एक समस्या है। दलितों को मंदिर, होटल और दुकानों में जाने से रोका जाता है। हमें तमाम अधिकार मिले हैं, उसके बाद यह उत्पीड़न जारी है। दलितों को संविधान निर्माता बी. आर. आंबेडकर को भगवान मानकर पूजा करनी चाहिए।’

परमेश्वर के इस बयान ने कांग्रेस पार्टी की पोल खोलकर रख दी है। हालांकि, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनके आरोपों को नकारने की कोशिश की और कहा कि उन्हें नहीं पता कि जी परमेश्वर ने किस आधार पर ऐसा बयान दिया। सिद्धारमैया ने कहा, ‘यह कांग्रेस पार्टी है जो दलितों और समाज के अन्य उपेक्षित वर्गों की देखभाल कर रही है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में ऐसा बयान दिया। यह बेहतर है कि आप उनसे पूछें।’

यह साफ दिख रहा है कि कांग्रेस के पास अपने बचाव में कहने के लिए इस समय कुछ भी नहीं है। देश की सबसे पुरानी इस पार्टी को इसी के ही वरिष्ठ नेता ने आईना दिखाने का काम किया है।

बता दें कि, परमेश्वर ने जिस चौलवाड़ी समुदाय की सभा में यह बात कही है, वह चवलाडी समुदाय एक अनुसूचित जाति समुदाय है। बेलगावी, हुबली-धारवाड़, विजयपुरा और बीदर जिलों में इस समुदाय की काफी तादात है। इसलिए, जी परमेश्वर का बयान पार्टी के लिए और अधिक खतरनाक हो जाता है। दुसरी तरफ कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद और मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में तनातनी चल रही है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री परमेश्वर का यह बयान आगामी लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

परमेश्वर के इस बयान ने बीजेपी को भी कांग्रेस को घेरने का बड़ा मौका दे दिया है। बीजेपी नेता एम नागराज ने कहा, ‘इस देश के लोग जानते हैं कि कांग्रेस हमेशा से नेहरू परिवार की समर्थक है। यह दलितों के पक्ष में नहीं है। परमेश्वर ने जो भी कहा है वह देर से एहसास हुआ सच है। कांग्रेस दलित विरोधी और ओबीसी विरोधी है। कांग्रेस छद्म धर्मनिरपेक्ष है।’ वहीं कर्नाटक भाजपा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह सभी दलितों की बैठक में भाग लेंगे। दलित कांग्रेस पार्टी से खुश नहीं हैं। कर्नाटक में उनके साथ धोखा हुआ है। कुल मिलाकर आम चुनाव से पहले दलितों की नाराजगी कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका बन रहा है।

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