मोदी सरकार में आए आतंकियों के सबसे बुरे दिन, साढ़े 4 साल में की है 3 सर्जिकल स्ट्राइक

मोदी पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक

मोदी सरकार के नेतृत्व में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को पुलवामा हमले का मुहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश के ठिकानों पर 1000 किलो के बम बरसाए हैं। भारतीय विमानों ने अब तक की सबसे बड़ी हवाई कार्रवाई करते हुए एलओसी पार कर बालाकोट, चकोटी और मुजफ्फराबाद में मौजूद जैश के आतंकी कैंपों पर बम बरसाए।

इस तरह भारतीय वायुसेना ने पुलवामा हमले के 12 दिनों के बाद साआरपीएफ जवानों की मौत का बदला ले लिया है। इस बड़ी कार्रवाई में वायुसेना ने पीओके व पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के करीब 12 ठिकानों को तबाह कर दिया है। इस कार्रवाई में करीब 200 आतंकियों को मार गिराया गया। इस हमले में सिर्फ जैश के ही नहीं बल्कि हिज्बुल और लश्कर के भी कई आंतकी मारे गए हैं।

पीएम मोदी ने इस तरह देशवासियों को दिया अपना वादा निभाया है। पीएम ने पुलवामा हमले के बाद दो टूक कह दिया था कि हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी और इस हमले का जवाब दिया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा था कि हमारा पड़ोसी देश ये भूल रहा है कि ये नई रीति और नई नीति वाला भारत है। आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि ये धरती गवाह है कि मां भारती की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। पीएम ने कहा था, ‘सुरक्षा बलों को आगे की कार्रवाई के लिए, समय क्या हो, स्थान क्या हो और स्वरूप कैसा हो, ये तय करने के लिए पूरी इजाजत दे दी गई है।आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों को कड़ा संदेश देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकी संगठनों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब लिया जाएगा।’

इस एयर स्ट्राइक का फैसला भी खुद पीएम मोदी ने ही लिया था। पुलवामा हमले के तुरंत बाद ही पीएम मोदी द्वारा यह फैसला ले लिया गया था। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के साढ़े 4 साल के कार्यकाल में भारत ने 3 बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की हैं। इससे पता चलता है कि, भारत ने अब आतंकियों का खात्मा करने की ठान ली है। अब जो भी भारत की तरफ आंख उठाकर देखेगा वह बच नहीं पाएगा। आज तड़के हुई एयर स्ट्राइक से पहले पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने म्यांमार सीमा पर और उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

म्‍यांमार की सीमा पर था पहला सर्जिकल स्‍ट्राइक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक के खिलाफ पहली सर्जिकल स्ट्राइक म्यांमार सीमा पर की थी। भारतीय जवानों ने 9 जून 2015 में म्‍यांमार की सीमा से लगे इलाके चंदेल में सर्जिकल स्‍ट्राइक की थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक से पहले 4 जून को एनएससीएन-के के उग्रवादियों ने मणिपुर में सेना के काफिले पर कायराना हमला किया था। इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इसके जवाब में ही म्यांमार की सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। उस समय इस क्षेत्र की कमान वर्तमान के जनरल बिपिन रावत के ही हाथों में थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक को करीब 72 स्‍पेशल कमांडों ने अंजाम दिया था। इस मिशन में भारतीय जवानों ने म्‍यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों को ढेर किया था और उनके कैंपों को उड़ा दिया था।

उरी हमले के जवाब में हुई दूसरी सर्जिकल स्‍ट्राइक
म्यामार की सर्जिकल स्ट्राइक की तरह ही उरी हमले के बाद भी भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक की गई। 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के कैंप पर आतंकियों ने बड़ा हमला किया था। इस हमले में देश के 19 जवान शहीद हो गए थे। उरी अटैक के 10 दिन बाद ही 28-29 सितंबर की रात को भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और आतंकियों के कैंपों को उड़ा दिया था। इस सर्जिकल स्ट्राइक में देश के जवानों ने बिना किसी कैजुअल्टी के पाकिस्तानी ठिकानों को ध्वस्त किया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की निगरानी में ही हुई थी। सेना के इस मिशन को पूरी तरह से सीक्रेट रखा गया था। ऑपरेशन की सफलता के बाद इसके बारे में खुलासा किया गया था।

इसके बाद अब पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक का फैसला लिया।  इससे साफ पता चलता है कि, मोदी सरकार आतंकियों की सबसे बड़ी दुश्मन है।

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