पीएम मोदी और बच्चों के बीच इस संवाद का हर कोई हो रहा कायल, इसमें पीएम ने खुद पर ही कसा है तंज

मोदी अक्षय पात्र बच्चों

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 15 सौ थाली से शुरू हुआ अक्षय पात्र फाउंडेशन का अभियान आज 300 करोड़ थाली पार कर गया है। देश के हर बड़े शहर में अक्षय पात्र आज अन्नपूर्णा बनकर बच्चों को खाना खिल रहा है। अक्षय पात्र की इस बड़ी उपलब्धि पर आज वृंदावन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं फाउंडेशन की 300 करोड़ वीं थाली परोसी है। यहां उन्होंने बच्चों को खुद खाना परोसा और खिलाया। इस दौरान बाहुबली फिल्म के डायरेक्टर एसएस राजमौली और शेफ संजीव कपूर भी मौजूद रहे। यहां प्रधानमंत्री का छोटे-छोटे बच्चों के साथ बहुत प्रेमपूर्ण संवाद भी हुआ। इस संवाद में वे खुद पर ही तंज कसते हुए कह रहे हैं कि ‘देखो यह कैसा प्रधानमंत्री है जो बच्चों को खाना भी नहीं खाने देता।’ ऐसा कहने पर सभी बच्चे हंसने लगते हैं और कहते हैं कि हम घर से भी खाकर आए हैं। पीएम के इस वात्सल्यपूर्ण संवाद का हर कोई कायल हो रहा है। दरअसल पीएम कार्यक्रम में थोड़ा लेट पहुंचे थे, जिसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी।

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पीएम मोदी ने यहां कहा, ‘जिस प्रकार मकान की नींव का मजबूत होना आवश्यक है, उसी तरह देश के बचपन को मजबूत होना चाहिए। गर्भ से ही बच्चों की सेहत का ख्याल रखा जाना चाहिए। जिसका आहार, आचार संतुलित हो, ध्यान का रास्ता उसके दुखों को समाप्त कर देता है।’

पीएम ने यहां वृंदावन की गायों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘गाय हमारी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा रही है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत हिस्सा रही है। गोकुल की इस भावना से ही पशुधन को स्वस्थ्य और बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरू किया गया था। गोवंश संवर्धन के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के तहत तीन लाख रुपए कर्ज मिलना सुनिश्चित हुआ है। यह कदम देश की डेयरी इंडस्ट्री को आगे बढ़ाएगा।’

मोदी ने यहां खाद्य सामग्री की व्यवस्था करने वालों से लेकर खाना बनाने और पहुंचाने वाले सभी लोगों का आभार जताया। प्रधानमंत्री के साथ यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक सहित कई बड़े नेता मौजूद थे।

गौरतलब है कि, अक्षय पात्र फाउंडेशन आज से 19 साल पहले शुरू हुआ था। मिड-डे मील योजना के तहत अक्षय पात्र फाउंडेशन की शुरुआत जून 2000 में बेंगलुरु में हुई थी। मिड-डे मील योजना की शुरुआत में सबसे पहले पांच सरकारी स्कूलों के करीब 1500 बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया गया था।

उसके बाद यह फाउंडेशन छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, झारखंड और मध्यप्रदेश समेत 12 राज्यों में पहुंच गया। इन राज्यों में यह करीब 14,708 स्कूलों के साढ़े 17 लाख बच्चों को खाना खिला रहा है। अक्षय पात्र फाउंडेशन का 2025 तक भारत के 50 लाख बच्चों को खाना मुहैया कराने का टारगेट है।

पीएम मोदी ने अक्षय पात्र फाउंडेशन के इस कार्यक्रम में कहा कि यदि हम सिर्फ पोषण अभियान को हर माता, हर शिशु तक पहुंचाने में सफल हुए तो अनेक जीवन बच जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय लिया है और इसमें 500 करोड़ रुपये गौमाता की सेवा और इससे जुड़े कामों में खर्च होगा। पीएम ने कहा कि, गाय हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा रही है। उन्होंने कहा कि, पशुपालकों के लिए अब बैंकों के दरवाजे भी खुल गए हैं। फसली ऋण की तरह पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण मिलेगा। इससे देश की डेयरी इंडस्ट्री का विस्तार होगा।

पीएम ने कहा, “5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों के खाते में 6000 रुपये ट्रांसफर किये जाएंगे। अन्नदाता रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है। ये प्रयास मैं से हम तक का है। हम की भावना पुरातन है। न्यू इंडिया इसी भावना को सशक्त करने वाला है।“ पीएम मोदी ने कहा, ‘मिशन इंद्रधनुष का लक्ष्य भारत के हर बच्चे तक पहुंचना है। इस मिशन में करीब 3 करोड़ 40 लाख बच्चों और करीब 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ, गरीब की रसोई तक गैस कनेक्शन पहुंचाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिला है। इससे धुंए से मुक्ति तो मिली ही है, साथ ही श्रम से भी मुक्ति मिली है।‘

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक घोषणा भी कर दी। उन्होंने कहा, ‘यूपी के प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों में एक करोड़ 77 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। जल्द ही 10 नए जिलों में बच्चों को अक्षयपात्र का खाना बच्चों को मिलेगा। छह जिलों में किचेन बनाया जाएगा।’

अक्षय पात्र फाउंडेशन जिस श्रद्दा और लगन के साथ काम कर रहा है वह सभी के लिए प्रेरणादायक है। हर देशवासी इससे प्रेरणा ले सकता है।

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