मनोहर पर्रिकर से मुलाकात पर राहुल गांधी का यू टर्न, ‘नहीं हुई थी राफेल पर बात’

राहुल गांधी मनोहर पर्रिकर

PC: Bansal News

राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सिर्फ झूठ का सहारा ले रहे हैं और जानबूझकर राफेल डील को घोटाले का रूप देने का प्रयास कर रहे हैं। अब खुद अपने एक बयान से राहुल गांधी ने ये साबित कर दिया है कि वो झूठ पहले भी बोल रहे थे और आज भी बोल रहे हैं। राफेल को लेकर मनोहर पर्रिकर पर हमला करने के बाद हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गोवा के मुख्यमंत्री से मिलने के बाद ये दावा करते हुए कहा था कि पर्रिकर ने उन्हें बताया कि डील बदलते समय पीएम मोदी ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था। उनके इस खोखले दावे की पोल खुल गयी जब गोवा के मुख्यमंत्री ने प्रेस रिलीज़ जारी कर स्पष्ट किया कि राहुल गांधी के साथ पांच मिनट की मुलाक़ात में राफेल से जुड़ी कोई बात ही नहीं हुई थी। फिर भी राहुल गांधी अपने दावे से पीछे नहीं हटे। शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, ‘हां, पर्रिकर के साथ उस मुलाकात में राफेल विमान सौदे की बात नहीं की थी।‘ अब गांधी वंशज का ये यू टर्न साबित करता है गोवा के मुख्यमंत्री को लेकर किये गये उनके दावे में कोई सच्चाई नहीं थी। शायद वो सच बोलना जानते ही नहीं बल्कि बस झूठ की राजनीति के जरिये सत्ता के सपने संजो रहे हैं।  

दरअसल, शुक्रवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पर्रिकर को लेकर जब राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं मनोहर पर्रिकर से मिला था, लेकिन उस मुलाकात में राफेल विमान सौदे पर कोई बात नहीं हुई थी।’ गांधी वंशज ने आगे कहा, ‘मैंने बाद में उन्हें जो चिट्ठी लिखी थी, उसमें कहा था कि आपसे मुलाकात का मतलब ये नहीं है कि मैं राफेल मुद्दे पर नरेंद्र मोदी से सवाल नहीं पूछूंगा।’ वही राहुल गांधी हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले कहा था, “मैं कल पर्रिकर जी से मिला था। उन्होंने खुद कहा था कि डील बदलते समय पीएम मोदी ने हिंदुस्तान के रक्षा मंत्री से नहीं पूछा था।“  राहुल गांधी ने अपने दावे में आगे कहा था, “राफेल पर हमने 3-4 सवाल पूछे, बड़े सवाल नहीं थे लेकिन, चौकीदार कभी यूं देखें, कभी इधर देखें, कभी उधर देखें, कभी यहां देखें पर आंख से आंख नहीं मिला पाए।” राहुल के इस निराधार बयान के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आलोचना की और कहा था, “प्रिय राहुल गांधी आप कितने असंवेदनशील है ये आपने बीमारी से लड़ रहे एक व्यक्ति के नाम पर झूठ बोलकर दिखा दिया है।“

वहीं, खुद मनोहर पर्रिकर को सामने आकर सफाई देनी पड़ी थी कि उनकी कांग्रेस अध्यक्ष से राफेल पर कोई चर्चा ही नहीं हुई। उन्होंने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा था, “मेरी राहुल गांधी से मात्र पांच मिनट मुलाकात हुई थी और इस मुलाकात में राफेल डील से जुडी कोई बात ही नहीं हुई थी। पर्रिकर ने कांग्रेस अध्यक्ष की इस निम्न स्तर की राजनीति को सामने रखते हुए कहा कि “आपने राजनीतिक फायदे के लिए राहुल गांधी ने देश के सामने झूठ बोला है।” इससे पहले राहुल गांधी ने संसद में दावा किया था कि उनके पास एक ऑडियो क्लिप है, जिसमें गोवा के मंत्री विश्वजीत राणे की आवाज है। कांग्रेस ने कहा था कि ‘गोवा ऑडियो टेप’ प्रामाणिक है कि राफेल में घोटाला हुआ है और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के पास इस मुद्दे से जुड़े ‘धमाका करने वाले राज’ हैं। बाद में राहुल गांधी का ये दावा झूठा साबित हुआ था। इस बार तो खुद उन्होंने ही ये स्वीकार कर लिया है कि गोवा के मुख्यमंत्री की मुलाकात के बाद जो दावा किया था वो निराधार और झूठ था।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सफाई में ये कहा कि ‘हां मेरी मनोहर पर्रिकर से राफेल पर कोई बात नहीं हुई थी इसका मतलब ये नहीं है कि वो पीएम मोदी से राफेल को लेकर कोई सवाल नहीं करूंगा।’ अब कांग्रेस अध्यक्ष को किसने रोका है सवाल करने से और दावे करने से लेकिन झूठ बोलना उन्हें शोभा नहीं देता। देश की सबसे पुरानी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं कम से कम उसकी गरिमा का ही ख्याल रख लेते या गंभीर बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति की बीमारी का ही ख्याल रख लेते। शायद उनके इस झूठ और दिखावटी रवैये से उनके पार्टी के कार्यकर्ता और नेता भी अवगत हैं तभी कोई उनके फैसलों को गंभीरता से नहीं लेता। खैर, अगर कांग्रेस अध्यक्ष इसी तरह झूठ का सहारा लेते रहे तो इससे आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार निश्चित है।

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