आज तक के एंकर रोहित सरदाना और लेफ्ट-लिबरल पत्रकार आशुतोष के बीच सरस्वती पूजा को लेकर छिड़ी जंग

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राष्ट्रवादी पत्रकार रोहित सरदाना और लेफ्ट लिबरल गैंग के पत्रकार आशुतोष के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ी हुई है। यह जंग केरल के कोच्चि यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग में सरस्वती पूजा को लेकर उपजे विवाद पर हो रही है। इस ट्विटर वार में रोहित सरदाना ने आशुतोष की लेफ्ट लिबरल विचारधारा पर जमकर हमले किए हैं।

दरअसल, केरल के कोच्चि यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग में हाल ही में सरस्वती पूजा को लेकर विवाद हो गया था। यहां के छात्र बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा करना चाहते थे लेकिन यूनिवर्सिटी के कुलपति ने वहां छात्रों को सरस्वती पूजा की इजाजत नहीं दी थी। कुलपति ने कहा था कि एक सेक्युलर कैंपस में ऐसी गतिविधियां नहीं हो सकती।

इस पर रोहित सरदाना ने ट्वीट कर लिखा, “भारत में वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन से सेक्युलरिज्म खतरे में आता है? लानत है।” रोहित के इस ट्वीट के बाद आशुतोष ने पलटवार किया। उन्होंने रोहित के ट्विट पर लिखा कि, “तो फिर कैंपस में नमाज की भी इजाजत हो, ईसू के प्रेयर की भी इजाजत हो। सिर्फ सरस्वती पूजा ही क्यों शनि महाराज की भी हो! भी मरे भगवान अल्लाह ईसू को घर में रहने दो।”

आशुतोष के इस ट्वीट के बाद ट्विटर वार ही छिड़ गई। उन्होंने फिर से एक ट्विट किया और लिखा, “नमाज और ईशू की प्रार्थना साप्ताहिक है, वसंत पंचमी साल में एक बार। शिक्षण संस्थान में विद्या की देवी को पूजने से सेक्यूलरिजम खतरे में आता है बाकी शनि महाराज की पूजा तो कर ही लिया कीजिये, सत्य.कॉम के लिए अच्छा रहेगा! शुभकामनाएं!”

बता दें कि सत्य.कॉम एक लेफ्ट-लिबरल मीडिया वेबसाइट है जिस पर न्यूज आर्टिकल के नाम पर बीजेपी, मोदी और दक्षिणपंथियों को कोसा जाता है। आशुतोष आजकल इसी वेबसाइट के लिए काम कर रहे हैं।

रोहित सरदाना के इस ट्वीट के बाद फिर से आशुतोष ने एक ट्विट किया और कहा, “शनि की पूजा तो करनी ही चाहिए। पूजा किसी भी धर्म की हो, चाहे एक दिन हो साल में या रोज, पूजा कैंपस में नहीं होनी चाहिये। धर्म को घर पर रखना चाहिये। नहीं तो हर जगह मुल्ला मौलाना पादरी साधू ही नजर आयेंगे।”

आम आदमी पार्टी के सिपहसालार रहे आशुतोष और रोहित सरदाना के बीच इस तरह ट्विटर पर जंग छिड़ी हुई है। दोनों एक के बाद एक पलटवार कर रहे हैं। रोहित सरदाना ने सरस्वती पूजा विवाद पर अपनी बिल्कुल सही राय दी थी। आखिर सिर्फ सरस्वती पूजा करने से सेकुलरिज्म खतरे में कैसे आ सकता है? लेकिन हमेशा विवादों में रहने वाले आशुतोष ने पब्लिसिटी पाने के लिए ट्विटर वार छेड़ दी। आशुतोष पहले भी इसी तरह की हरकतें करते रहे हैं। अपनी वेबसाइट सत्य.कॉम पर भी वे इसी तरह जहर फैलाने का काम करते पाये जाते हैं। इस ट्विटर वार में रोहित सरदाना ने आशुतोष को एक बाद एक तीखे जवाब दिये हैं लेकिन आशुतोष हैं कि ट्विटर वार को बढ़ाते ही जा रहे हैं।

इस सब के बीच बता दें कि, जब मीडिया में सरस्वती पूजा पर रोक की बात फैली और स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया तो बाद में जाकर यूनिवर्सिटी में सरस्वती पूजन की अनुमति दे दी थी। साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के दिन किसी भी तरह का जुलूस निकालने से मना किया है। अब बसंत पंचमी के दिन यहां स्टूडेंट्स सरस्वती पूजा कर सकेंगे। बसंत पंचमी 10 फरवरी को पूर देश में मनायी जाएगी। ऐसा लगता है कि बसंत पंचमी तक आशुतोष और रोहित सरदाना के बीच यह ट्विटर जंग जारी रहने वाली है।

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