पुलवामा आतंकी हमला: TOI ने की बेहद घटिया रिपोर्टिंग, आतंकी को बताया ‘लोकल यूथ’

टाइम्स ऑफ इंडिया आतंकी पाकिस्तान

(PC: TOI)

गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए भीषण फिदायिन हमले के बाद कुछ बड़े समाचार पत्रों ने बहुत ही असंवेदनशील हेडलाइन से खबरें चलाईं हैं। इससे एक बार फिर लुटियंस मीडिया के राष्ट्रविरोधी रवैये का पर्दाफाश हुआ है। भारत के सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी समाचार पत्र ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने तो असंवेदनशीलता की हद ही पार कर दी। टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार की आज की हेडलाइन थी- ‘’जम्मू कश्मीर के बड़े आतंकी हमले में स्थानीय युवकों द्वारा आईईडी-पैक एसयूवी से सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान पर लगाया आरोप।” यह हेडलाइन बहुत ही असंवेदनशील और घटिया रिपोर्टिंग को दर्शाती है। यह काफी शर्मनाक हेडलाइन है। इससे न्यूज बेचने वाले इन लोगों की दयनीय मानसिकता भी उजागर होती है।

इस हेडलाइन को बनाने वाले टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार ने विशेषकर इस बात पर जोर देते हुए पाठकों को गुमराह किया कि, इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी अतंकवादी गतिविधियां होने के बजाय एक स्थानीय युवक का हाथ था। यह हेडलाइन कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमला करने वाले असंतुष्ट और गुमराह युवाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली और उनकी विचारधारा को पुष्ट करने वाली है।

कोई भी व्यक्ति यह बता सकता है कि, एक आतंकवादी और “स्थानीय युवाओं” के बीच बहुत बड़ा अंतर है। सीआरपीएफ के काफिले पर हमले को अंजाम देने वाला पाकिस्तान में स्थित जिहादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का फिदायिन हमलावर था ना कि कोई सामान्य स्थानीय युवा। यह रिपोर्ट ना केवल इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों के बारे में देश को गुमराह करने का प्रयास है बल्कि इस घृणित हमले से कहीं ना कहीं पाकिस्तान को बाहर निकालने की कोशिश भी है। यह रिपोर्ट हमले में पाकिस्तान की सीधी भागीदारी के तथ्य को कमजोर करती है।

दूसरी आश्चर्य में डालने वाली बात यह है कि, इस घटना की रिपोर्ट तैयार करने वाले पत्रकार ने कहा है कि, “सरकार पाकिस्तान को दोषी ठहराती है।” क्या इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान ने वास्तव में इस हमले को अंजाम नहीं दिया? और क्या भारत बेवजह ही पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहा है? जबकि सच यह है कि पाकिस्तान में स्थित जिहादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने एक वीडियो जारी कर पुलावामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। इससे स्पष्ट है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।

इस रिपोर्ट में टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार ने कहीं भी यह स्पष्ट नहीं किया कि, पाकिस्तान ने वास्तव में इस घटना को अंजाम दिया है। सभी लोग इस बात से वाकिफ हैं कि, घाटी के भीतर किए गए ऐसे सभी नृशंस हमलों में पाकिस्तान सीधे तौर पर शामिल होता है और इस हमले में भी पाकिस्तान शामिल था। फिर भी टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस हमले के बारे में इतनी भ्रामक हेडलाइन क्यों निकाली, यह एक बड़ा सवाल है।

यह बहुत शर्मनाक है कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने इतने संवेदनशील मुद्दे के बारे में ऐसी भ्रामक हेडलाइन बनाई। यह उन शहीदों का अपमान है जिन्होंने भारतीय धरती पर आतंक से लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। ये जवान आतंकवादियों के माध्यम से पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए एक छद्म युद्ध लड़ रहे थे। वे स्थानीय युवाओं से नहीं लड़ रहे थे। हालांकि, ऐसा लगता है कि भारत में सक्रिय ये समाचार व्यापारी उन लोगों की आत्मा की भी कोई परवाह नहीं करते हैं जो आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में शहीद हुए। टाइम्स ऑफ इंडिया की इस हेडलाइन ने रिपोर्टिंग और पत्रकारिता के बहुत ही हल्के मानक तय किए हैं। इस हेडलाइन में छुपे कपट को शब्दों में बयां करना अभी मुश्किल है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की इस हरकत पर सोशल मीडिया यूजर्स उसे खूब ट्रोल कर रहे हैं।

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