उत्तराखंड: कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि के नाम पर वीरेंद्र रावत पर उड़ाए नोट, वीडियो वायरल

वीरेंद्र रावत शहीद कांग्रेस श्रद्धांजलि

PC: Newsstate

पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर देश में शोक की लहर है। हर वर्ग इस हमले से दुखी है और शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है। इस बीच उत्तराखंड से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने शहीदों को दी जाने वाली श्रद्धांजलि का मखौल बना दिया है।

दरअसल, हरिद्वार के रुड़की शहर में कांग्रेसियों द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में कव्वाली के दौरान जमकर नोट उड़ाए गए। ऐसा करके इन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने शहीदों को दी जाने वाली श्रद्धांजलि का मजाक बनाया। यही नहीं इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत शामिल हुए थे और कांग्रेसियों ने उनपर भी नोट उड़ाए। हद तो तब हो गयी जब अपने कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से रोकने की बजाय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत वीरेंद्र रावत हंसते और खिलखिलाते नजर आते। बड़े ही शर्मनाक तरीके से वो कह भी रहे हैं कि ‘ये एक श्रद्धांजलि सभा है और इस सभा के माध्यम से 56 इंच वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जगाना है।’ वीरेंद्र रावत श्रद्धांजलि सभा के नाम पर न सिर्फ शहीदों का अपमान कर रहे हैं बल्कि खुशियां मना रहे हैं। वीरेंद्र रावत के खिलाफ पार्टी को सख्त एक्शन लेना चाहिए जो शहीदों का अपमान कर रहे हैं। 

कांग्रेस पार्टी न पहले तो शहीदों पर झूठ की राजनीति की और अब जश्न मना रहे हैं। पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने की बजाय उल्टा कांग्रेस के नेता जवानों को ही इसका दोषी बता रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू हो या प्रशांत भूषण या हो कांग्रेस आईटी सेल की हेड दिव्या स्पंदना तीनों ने ही पुलवामा हमले और शर्मनाक टिप्पणी की।वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तो आतंकी हमले पर गंदी राजनीति ही शुरू कर दी। ये वही कांग्रेस पार्टी है जिसके मुखपत्र ने साल 2011 में शहीदों का अपमान किया था। कांग्रेस के मुखपत्र में शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह और स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु की जाति का उल्लेख किया गया था। इसके लिए कांग्रेस की खूब किरकिरी भी हुई थी।

सेना के जवानों का अपमान करना कंग्रेस पार्टी के लिए आम बात है चाहे वो सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सबूत माँगना हो या वायुसेना प्रमुख को ही झूठा ठहराना हो। वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आती और अब तो शहीदों का ही अपमान कर रही है।  

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