भारत के खिलाफ जहर फैलाने के पाकिस्तान के मंसूबों से अब हर कोई वाकिफ हो गया है। वहां के आंतकी संगठनों से लेकर सरकार में बैठे लोग भी भारत के खिलाफ झूठे आरोप मढने से नहीं चूकते। अब तो ट्वीटर भी पाकिस्तानियों की इस हरकत को पहचानने लगा है। यही कारण है कि, ट्विटर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैजल का निजी ट्विटर हैंडल निलंबित कर दिया है।
https://twitter.com/AnasMallick/status/1097915266514722816
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फैजल की ओर से पुलवामा अटैक, कश्मीर और कश्मीरियों के बारे में गैर-जिम्मेदाराना और गलत तथ्यों वाले ट्वीट्स करने के बाद ट्विटर ने यह सख्त कदम उठाया है। फैजल के ट्विटर हैंडल के सस्पेंड होने की जानकारी पाकिस्तान की ही एक जर्नलिस्ट ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है। बताया जा रहा है कि, भारत की ओर से शिकायत किये जाने के बाद ट्विटर ने यह कदम उठाया है।
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत हर स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब कर विश्व को इस मुल्क का असली चेहरा दिखाने की कोशिश कर रहा है। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने में जुटा हुआ है। साथ ही भारत भारी तादात में सबूतों के साथ पाक के आतंकपरस्त होने की जानकारी दुनियाभर के देशों को सौंप रहा है। इसी कड़ी में भारत सरकार की ओर से ट्वीटर को शिकायत की गई थी और पाकिस्तान के विदेश विभाग (एफओ) के प्रवक्ता डॉक्टर फैजल के निजी ट्विटर हैंडल @DrMFaisal पर कार्रवाई करने के लिए कहा था।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर में “भारतीय अत्याचार” के बारे में मोहम्मद फैसल ने अपने ट्विटर अकाउंट से लगातार ट्वीट्स किये जिसके बाद उनके निजी ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया।
#Pakistan welcomes the @ohchr statement regarding the #PulwamaAttack being used to justify violence against #Kashmiris and Muslims in #India.@antonioguterres @amnesty @AIIndia #Kashmirbleeds
— Ministry of Foreign Affairs – Pakistan (@ForeignOfficePk) February 19, 2019
इसके अलावा, अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर एक हालिया पोस्ट में, मोहम्मद फैसल ने जहर फैलाते हुए कहा, “भारत में कश्मीरियों और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के परिणाम के रूप में पुलवामा हमले को जस्टीफाई करने वाले ओएचसीआर के बयान का पाकिस्तान स्वागत करता है”।
“Slavery is a crime that should not go unpunished.” http://bit.ly/b8Fpnv #UN #news
— United Nations (@UN) May 29, 2010
इस बात की पड़ताल करने पर पता चला कि संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने ब्राजील में मानवाधिकारों के उल्लंघन के संदर्भ में ऐसी टिप्पणी की थी। पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मौहम्मद फैसल ने इस टिप्पणी को पुलवामा हमले से जोड़ दिया जबकि इस ओएचसीएचआर के आर्टिकल का पुलवामा हमले से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। ओएचसीएचआर ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि ये बयान ब्राजील में गुलामी से संबंधित थे। पुलवामा हमले में अपने हाथ को छिपाने के लिए जब पाकिस्तान को कुछ नहीं मिला तो उसने फर्जी खबरों और अफवाहों का सहारा लिया।
इससे पहले, भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के दृढ़ संकल्प से डरे, पाक पीएम इमरान खान ने पुलवामा हमलों के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया दी थी। इसमें उन्होंने भारत को गीदड़भभकी देने का काम किया और कहा कि पाकिस्तान उनके खिलाफ की गई किसी भी सैन्य कार्रवाई के मामले में जवाबी कार्रवाई करेगा।
बता दें कि, भारत पाकिस्तान की ‘आतंकी नीतियों’ का एकमात्र शिकार नहीं है। पाकिस्तान का अपना इलाका, बलूचिस्तान आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार है। इस्लामाबाद के राजनीतिक कुलीनों ने बलूचों के अधिकारों को रौंदने का काम किया है। वहां बलूचिस्तान को उपेक्षित प्रांत के रूप में जाना जाता है। पंजाबियों और पश्तूनों के प्रभुत्व वाली पाकिस्तानी सेना ने दशकों से बलूची लोगों पर अत्याचार किया है।
पिछले साल ही वहां बलूचियों और पाक पुलिस के संघर्ष में 15 पुलिस कर्मियों सहित 119 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान के आतंक से अब पूरी दुनिया परिचित हो गई है। भारत सरकार ने पुलवामा हमलों के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेदखल करने के लिए कई उपाय किए है। यही कारण है कि, पाकिस्तान खुद को साफ सुथरा बताने के लिए फर्जी खबरों का सहारा ले रहा है। ये घटनाएँ पाकिस्तान की हताशा को ही दर्शाती हैं।