विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को ब्रिटिश सरकार ने दी मंजूरी, सोशल मीडिया पर हो रही मोदी की जय-जयकार

भारत प्रत्यर्पण विजय माल्या

PC: Lokmatnews.in

जिस विजय माल्या को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को लंबे समय से घेरती आ रही है, अब उसमें मोदी सरकार के पक्ष में एक बड़ी खुशखबरी आई है। यूके के गृह मंत्री साजिद जाविद ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। जाविद ने सोमवार को माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर दिये हैं। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने 10 दिसंबर को ही माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद कोर्ट ने ब्रिटिश सरकार के पास यह मामला भेजा था। विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के 9 हजार 400 करोड़ रुपये बकाया हैं। गौरतलब है कि माल्या मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। इसके बाद भारत ने फरवरी 2018 में यूके से विजय माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी, जिसमें अब सफलता मिल गई है। यूके सरकार से मंजूरी के बाद अब जल्द ही माल्या को भारत को सौंपा जाएगा।

ब्रिटिश गृह विभाग ने बताया कि धोखाधड़ी की साजिश रचने और धनशोधन के आरोपों में गृह मंत्री साजिद जाविद ने माल्या के प्रत्यर्पण के आदेश दिए हैं। इससे पहले लंदन की अदालत ने कहा था कि 63 साल के किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देने होंगे। प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री जावीद को भेजा गया था, क्योंकि सिर्फ गृह मंत्री ही माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं।

भारत में फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड में विजय माल्या की गिरफ्तारी हुई थी लेकिन वह जमानत पर छूट गया था। माल्या के प्रत्यर्पण का मामला 4 दिसंबर 2017 से लंदन की अदालत में चल रहा था।

गौरतलब है कि विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के 9 हजार 400 करोड़ रुपये बकाया हैं। विजय माल्या के खिलाफ 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी। विजय माल्या ने कहा था कि तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था। हालांकि, माल्या अभी करीब 1800 करोड़ रुपए का विलफुल डिफॉल्टर हैं।

गौरतलब है कि माल्या के खिलाफ कुल 6 आरोप हैं जिनमें अलग अलग जांच एजेंसियां जांच कर रही है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है। शेयरों की राउंड ट्रिपिंग की जांच सेबी कर रही है। लोन की रकम डायवर्ट के मामले की जांच सीबीआई कर रही है। किंगफिशर एयरलाइंस में वित्तीय अनियमितताओँ की जांच एसएफआईओ कर रहा है। सर्विस टैक्स नहीं देने के मामले की जांच आयकर विभाग कर रहा है और विल्फुल डिफॉल्टर की जांच डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल कर रहा है। वहीं माल्या को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत द्वारा पिछले महीने ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून-2018 के तहत विजय माल्या पहला अपराधी है जिसे भगोड़ा घोषित किया गया है।

उधर यूके के गृह मंत्री द्वारा प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर देने के कुछ ही देर बाद विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। भगोड़े विजय माल्या ने ट्वीट किया, ‘10 दिसंबर 2018 के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले के बाद मैंने अपील करने का अपने इरादे का जिक्र किया था। गृह मंत्री के फैसले से पहले मैं अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सकता था। अब मैं अपील की प्रक्रिया शुरू कर सकता हूं।’ बता दें कि माल्या इस आदेश के खिलाफ लंदन के हाईकोर्ट में 14 दिन की समय सीमा में अपील कर सकता है।

माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी मिलने के बाद सोशल मीडिया पर पीएम मोदी छाए हुए हैं। ट्विटर पर लोग इसे केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी बताकर खुशियां मना रहे हैं। लोग इस तरह के ट्वीट कर रहे हैं कि, ‘चौकीदार’ ने ‘चोर’ को पकड़ लिया। वहीं आम चुनाव से पहले विपक्ष से अब एक और मुद्दा छिन गया है।

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