दीदी का खेल खत्म करने बंगाल में गरजे मोदी, रैली में नहीं थी पैर रखने की भी जगह

मोदी पश्चिम बंगाल टीएमसी

PC: News State

पीएम मोदी आज पश्चिम बंगाल के चुनावी दौरे पर हैं। यहां ठाकुरनगर और दुर्गापुर में हुई उनकी रैलियां अप्रत्याक्षित रही हैं। मोदी की दोनों रैलियों में अपेक्षा से कई ज्यादा भीड़ रही। ठाकुरनगर रैली में तो भारी भीड़ को देखते हुए पीएम का भाषण सिर्फ 14 मिनट का ही रखा गया। बताया जा रहा है कि, वहां मैदान की क्षमता से दोगुने लोग रैली में आए थे। ये दोनों रैलियों पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की नींद उड़ा देने वाली हैं। अमित शाह की रैली की तरह पीएम की इन रैलियों में बाधा डालने के लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी। टीएमसी की इस गुंडागर्दी के पीछे का कारण यह है कि यहां मोदी की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ रही है। इंडिया टुडे के सर्वे के अनुसार पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी लोगों की पहली पसंद हैं।

बीजेपी की रथ यात्रा के सिलसिले में ममता सरकार से हुए टकराव के बाद पीएम मोदी का यह पहला पश्चिम बंगाल का दौरा है। पीएम की रैली से पहले ही टीएमसी कार्यकर्ताओं ने दुर्गापुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं से मारपीट कर दी। इस मारपीट में कुछ लोग घायल हुए हैं। यही नहीं, टीएमसी कार्यकर्ताओं ने रैली स्थल के करीब पीएम मोदी के पोस्टर के ऊपर ममता बनर्जी के पोस्टर लगा दिए। बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रीयो ने कहा, “पीएम मोदी की यात्रा से पहले उनके पोस्टरों को दुर्गापुर में फाड़ दिया गया है और इसकी जगह पर ममता बनर्जी के पोस्टर ऊपर चिपकाए जा रहे हैं। टीएमसी के गुंडों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला भी किया। टीएमसी डरी हुई है।”

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पीएम आज दुर्गापुर में रेलवे के 294 किलोमीटर लंबे रेल खंड के विद्युतीकरण का कार्य भी देश को समर्पित करेंगे। इसके साथ ही वे हिजली-नारायणगढ़ के बीच तीसरी रेल लाइन को भी देश को समर्पित करेंगे। पीएम मोदी ने रैली में कहा कि हम नागरिकता संशोधन बिल लाए हैं। तृणमूल कांग्रेस से मेरी अपील है कि इस बिल का सपोर्ट करे और संसद में इसे पास होने दें।

पीएम ने अपनी रैली में ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर तीखे प्रहार किए। उन्‍होंने कहा कि रैली में भीड़ का यह दृश्‍य देखने के बाद मुझे समझ आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्‍यों उतर आई हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रति बंगाल की जनता के प्यार से डरकर लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वाले लोग निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं।

पीएम ने कहा कि, जो लोग 4 साल पहले तक एक दूसरे का मुँह नहीं देखते थे वो कोलकाता में चौकीदार को हटाने के लिए शपथ ले रहें थे। घोटालों और धोखाधड़ी में लिप्त इन लोगों को चौकीदार पसंद नहीं है।

मोदी ने कहा कि 10 साल पहले कांग्रेस सरकार ने दावा किया था कि उसने किसानों का 52,000 करोड़ रुपए का कर्जमाफ किया। इतने पैसे से हम भी कर्ज़माफी का शोर मचा सकते थे, लेकिन हमारी नीयत साफ है जिसका परिणाम किसान हित में आई ये योजना है।

पीएम ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक किसानों के लिए ‘पीएम किसान सम्मान निधि योजना’ से बड़ी योजना नहीं बनाई गई है। इस योजना पर एक साल में 75 हज़ार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।

पीएम मोदी ने कहा, “अब देशभर के जिन भी किसानों के पास 5 एकड़ तक भूमि है, उनको हर वर्ष केंद्र की सरकार 6 हजार रुपए की सहायता सीधे बैंक खाते में जमा करेगी। ना कोई सिंडिकेट टैक्स, ना कोई बिचौलिया, ना कोई अड़चन, सीधा आपके बैंक खाते में जमा होगा। हमारे देश में कई बार किसानों के साथ कर्जमाफी की राजनीति करके, किसानों की आंख में धूल झोंकने के निर्लज्ज प्रयास हुए हैं। किसानों के भोलेपन का स्वार्थी दलों ने कई बार लाभ उठाया है।”

पीएम मोदी ने कहा कि, ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद भी अनेक दशकों तक गांव की स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना देना चाहिए था। वहीं पश्चिम बंगाल में तो स्थिति और भी खराब है। पीएम ने शुक्रवार को पेश हुए अंतरिम बजट का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा, “इतिहास में पहली बार बजट में बड़ी योजनाओं का ऐलान किया गया है। चुनाव के बाद जब पूर्ण बजट आएगा, तो किसानों, युवा, कामगारों और समाज की तस्‍वीर और उज्‍ज्‍वल हो जाएगी। कल बजट में जो घोषणाएं की गई है उनसे देश के 12 करोड़ से ज्यादा छोटे किसान परिवारों, 30-40 करोड़ श्रमिकों, मजदूर भाई-बहनों और 3 करोड़ से अधिक मध्यम वर्ग के परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।”

उन्होंने कहा, बीते साढ़े 4 वर्षों में पश्चिम बंगाल के विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बजट में बड़ी वृद्धि की गई है। लेकिन दुर्भाग्य है कि यहां की सरकार विकास की परियोजनाओं को लेकर रत्ती भर भी गंभीर नहीं है।

वे बोले कि, आज दुनिया इस सच्चाई को जानती है कि TMC की सरकार उन परियोजनाओं को हाथ ही नहीं लगाती जिनमें सिंडिकेट का शेयर ना हो और जहां मलाई ना मिलती हो।

प्रधानमंत्री बोले, जिस तरह का व्यवहार यहां की सरकार और TMC पार्टी, भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ कर रही है, उससे आपको तकलीफ होना स्वाभाविक है। लेकिन हमे धैर्य रखने की जरुरत है। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, आपकी ये तपस्या, ये जोश और ये बलिदान बेकार नहीं जायेगा। कुछ समय लगेगा, लेकिन आप जानते हैं कि दीया जब बुझता है तो आखिर में ज्यादा जोर लगा देता है। ये वही काम कर रहें हैं।

उधर, इंडिया टुडे के लिए कराए गए पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज के ताजा सर्वे के अनुसार, प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी बंगाल में सबसे पसंदीदा नेता हैं। वहीं सर्वे के अनुसार अधिकतर लोगों की राय है कि पश्चिम बंगाल में भी असम की तरह एनआरसी लागू होना चाहिए। सर्वे में बीजेपी की रथयात्रा को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से रोकने के फैसले को 46% लोगों ने गलत माना हैं। वहीं सिर्फ 26% प्रतिभागियों ने ही इस फैसले को सही बताया और 28% लोगों ने इस सवाल पर कोई राय नहीं दी।

केंद्र में बीजेपी सरकार के कामकाज के सवाल पर PSE सर्वे में 55% वोटरों ने खुद को संतुष्ट बताया। वहीं केंद्र में मोदी सरकार के कामकाज से PSE सर्वे में 23% प्रतिभागियों ने खुद को असंतुष्ट बताया। बता दें कि, तीन महीने पहले हुए सर्वे में मोदी सरकार के कामकाज से खुद को असंतुष्ट बताने वाले प्रतिभागी 25% थे।

यह सब बताता है कि, पश्चिम बंगाल में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही हैं। यही कारण है कि पार्टी ने यहां भारी चुनाव प्रचार की रणनीति बनाई है। बता दें कि, प्रधानमंत्री मोदी 8 फरवरी को दार्जिलिंग या जलपाईगुड़ी में रैली को संबोधित करेंगे। मोदी की रैली के अलावा बंगाल बीजेपी पूरे राज्य में 100 से अधिक रैलियां करने वाली है। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में चार रैलियां करेंगे। 3 फरवरी को योगी बांकुरा और पुरुलिया में दो रैली करेंगे। इसके बाद 5 तारीख को वे रायगंज और दिनाजपुर जिले के बालूरघाट में रैली को संबोधित करेंगे।

जिस तरह से अमित शाह की रैली के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से मारपीट की थी और उनकी बाइक्स व बस जला दी थी और आज भी कुछ गुंडो ने रैली में अवरोध डालने की कोशिश की उससे जनता सब कुछ समझ रही है। आगे भी बीजेपी के चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह की घटनाएं सामने आ सकती हैं। अब देखना यह होगा कि ममता बनर्जी को आम चुनाव में जनता कैसे पश्चिम बंगाल में निकाल बाहर फेंकती है।

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