रूस की भागीदारी से अमेठी में बनेंगी साढ़े 7 लाख असॉल्ट AK-203 राइफल, दुनिया की सबसे खतरानक राइफल्स में है शामिल

अमेठी राइफल मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल अमेठी के दौरे पर थे जहाँ उन्होंने 538 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 17 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। यहां उन्होंने अमेठी के आर्डिनेन्स फैक्ट्री में असॉल्ट राइफल की यूनिट का शुभारंभ किया। रूस के सहयोग से स्थापित हो रही इस यूनिट में अत्याधुनिक एके 203 एसाल्ट राइफलों के निर्माण होगा। इसे पीएम मोदी ने अमेठी के लिए भी बड़ी उपलब्धि बताया है। इन राइफलों को भारतीय व रूसी कम्पनियाँ एक जॉइंट वेंचर के तहत बनाएंगी। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया जिसमें उन्होंने बताया कि ये राइफल्स आतंकियों और नक्‍सलियों के साथ होने वाली मुठभेड़ों में हमारे सैनिकों को निश्चित रूप से बहुत बढ़त दिलाने वाली हैं। उन्होंने आगे कहा कि यहाँ पर बननी वाली राइफलों को विदेशों में भी निर्यात किया जाएगा जिससे भारतीय सेना के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी।

अभी भारतीय थल सेना व अन्य सैन्य बल इंसास राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी जगह अब इन अत्याधुनिक एके-203 राइफल्स का इस्तेमाल किया जाएगा| पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का धन्यवाद करते हुए यह कहा कि उनकी वजह से ही यह अनुबंध इतने कम समय में पूर्ण हो पाया है। खुद राष्ट्रपति पुतिन ने जारी किए अपने एक संदेश में कहा है कि ‘क्लाशनिकोव असॉल्ट राइफल-203’ तैयार करने वाला भारत और रूस का नया संयुक्त उद्यम छोटे हथियारों की भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की जरूरत को पूरा करेगा। पीएम मोदी के साथ मंच पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं। रूस के साथ रिश्तों की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एके-203 यूनिट की स्थापना पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन द्वारा भेजे गए शुभकामना संदेश को मंच से स्वयं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पढ़कर सुनाया। गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में पुतिन की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत में कालाशनिकोव असॉल्ट राइफलें तैयार करने के लिए मोदी के साथ उनकी सहमति बनी थी।

रूस हमेशा से ही भारत का एक मित्र देश रहा है। भारत के कुल हथियार आयात का लगभग 62 प्रतिशत अकेले रूस से ही आता है। इससे पहले भारत रूस के साथ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस-400 को खरीदने की भी डील कर चुका है| आपको बता दें कि यह डील ऐसे समय में की गई थी जब भारत पर लगातार अमेरिका की तरफ से प्रतिबन्ध लगाने का खतरा मंडरा रहा था। राष्ट्रपति पुतिन स्वयं भी रूस से भारत के रिश्तों को प्राथमिकता देते हैं| रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यह जो अंतर-सरकारी समझौता तैयार हुआ था, इस पर यथासंभव सबसे कम समय में हस्ताक्षर किया गया था| पुतिन ने इस बात पर सहमति जताई कि नये उद्यम के शुरू होने से भारत की मजबूत रक्षा संभावनाओं में योगदान मिलेगा तथा यह रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र दोनों देशों के बीच दोस्ती और रचनात्मक सहयोग का खुद में एक और प्रतीक बनकर उभरेगा।

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