देखिए एयर स्ट्राइक के 5 सबूत और स्वयं निर्णय कीजिए कि कितने मारे गए थे आतंकी

एयर स्ट्राइक बालाकोट वायुसेना

PC: Aaj Tak

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 45 जवानों का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के भीतर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर बमबारी की थी। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस एयर स्ट्राइक में तकरीबन 300 आतंकियों को वायुसेना ने मार गिराया था। पाकिस्तान समेत भारत के कुछ तथाकथित पत्रकार और नेता इस एयर स्ट्राइक पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो स्पष्ट करती हैं कि बालाकोट में जैश के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक हुई है और इसमें काफी संख्या में आतंकी भी मारे गए।

बालाकोट के जैश कैंप में एयर स्ट्राइक के समय एक्टिव थे 300 मोबाइल फोन

एयर स्ट्राइक के बारे में खुफिया विभाग की नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) ने एक ताजा जानकारी साझा की है। इसके अनुसार भारत की एयर स्ट्राइक में तकरीबन 300 आतंकियों के मारे जाने के संकेत मिले हैं। सूत्रों के अनुसार जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में जैश के ठिकानों को टारगेट बनाने का फैसला कर लिया था, तब नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन से कहा गया कि वो इन ठिकानों की सर्विलांस शुरू कर दे। इस सर्विलांस से जो रिपोर्ट सामने आई उसमें पता चला था कि वहां 300 से ज्यादा मोबाइल फोन एक्टिव थे। इस रिपोर्ट से इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि मौके पर करीब इतने ही लोग मौजूद थे। एनटीआरओ की इस रिपोर्ट के बाद ही भारतीय वायुसेना ने बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।

जानकारी के अनुसार इसी तरह के सक्रिय लक्ष्यों की जानकारी अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भी भारतीय वायुसना को दी थी। खुफिया एजेंसियों ने सैटेलाइट के जरिए भी बालाकोट स्थित जैश के कैंप में काफी संख्या में आतंकियों के उपस्थित होने के संकेत दिए थे।

जैश मदरसे के आतंकी छात्र की आपबीती

द इंडियन एक्स्प्रेस की एक ताजा रिपोर्ट में एयर स्ट्राइक से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है, जो स्पष्ट करती है कि, भारतीय वायुसेना के विमानों ने ठीक जैश के मदरसों पर बम गिराए थे और इस हमले में काफी जनहानी हुई है। एयर स्ट्राइक के समय मदरसे में रह रहे एक आतंकी के रिश्तेदार द्वारा द इंडियन एक्सप्रेस को दी गई जानकारी से इस बात का पता चलता है। इस जानकारी से जाभा टॉप नाम की पहाड़ी पर स्थित मदरसा तालीम-उल-कुरान में से पहली बार किसी का अनुभव सामने आया है। इसी मदरसे को वायुसेना ने निशाना बनाया है।

आतंकी के रिश्तेदार ने कहा कि, पाकिस्तानी सैनिक हमले के करीब एक सप्ताह पहले से जैश के ठिकाने की सुरक्षा कर रहे थे। अपने परिवार को उस आतंकी छात्र ने जो बताया उसके अनुसार, 26 फरवरी की सुबह जोरदार विस्फोट की आवाज से उसकी और कुछ अन्य साथियों की नींद टूट गई थी। रिश्तेदार के बताया, ‘आवाज दूर से नहीं आई थी, यह बहुत करीब से आई थी। वे घबराकर उठे मगर दोबारा उन्हें कुछ सुनाई ही नहीं दिया। उन्हें लगा जैसे भूकंप आया हो।’ रिश्तेदार ने बताया कि ‘जब दोबारा उनकी नींद खुली तो वहां बहुत सारे सैनिक थे और उन्हें सेफ हाउस में ले जा रहे थे। उस आतंकी छात्र ने बताया कि मदरसे में बहुत सारे लोग थे मगर सेफ हाउस में बहुत कम ही थे। सेफ हाउस में वह और उसकी उम्र के कुछ लड़के ही थे। वो नहीं जानता कि बाकी लोगों का क्या हुआ।’ आतंकी छात्र की इस बात से साफ पता चलता है कि 26 फरवरी को जैश के ठिकाने पर बम गिरे थे और मदरसे के कई आतंकी इस हमले में मारे गए थे।

जैश सरगना के भाई ने कबूली है एयर स्ट्राइक की बात

इससे पहले जैश-ए-मोहम्मद सरगना आतंकी मसूद अज़हर के छोटे भाई आतंकी मौलाना अम्मार की एक ऑडियो टेप सामने आयी थी। यह ऑडियो टेप फ्रांस में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने अपने ट्विटर पेज पर साझा किया है। इस टेप में मसूद अजहर के भाई ने कहा, ‘सीमा पार करते हुए एक इस्लामिक देश में घुसकर और मुस्लिम स्कूलों (मदरसा) में बम से हमला कर दुश्मनों ने जंग का ऐलान कर दिया है। उन्होंने उन स्कूलों पर हमला किया है, जहां छात्रों को जिहाद को बेहतर तरीके समझने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। भारतीय वायुसेना ने कश्मीरियों की मदद करने के लिए कसम खाने वाले जिहादियों पर हमला किया है। इसीलिए, अब तुम भी अपने हथियार उठाओ और उन्हें दिखा दो कि जिहाद सिर्फ एक बंधन है या एक दायित्व।’ इसी बयान में यह आतंकी आगे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की भी आलोचना करते हुए सुनाई दे रहा है। उसके मुताबिक भारतीय विंग कमांडर अभिनन्दन को वापस भारत को सौंपकरपाकिस्तान ने अपनी जीत को हार में बदल दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह ऑडियो बालाकोट में किए गए एयर स्ट्राइक के दो दिन बाद पेशावर के मदरसा ‘सनन-बिन सलमा’ में रिकॉर्ड की गई थी।

इटली के पत्रकार ने चश्मदीदों के हवाले से बताया सच

भारतीय वायुसेना की पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद इटली के एक पत्रकार ने न्यूज वेबसाइट फर्स्टपोस्ट पर एक लेख लिखा है। इस लेख में इटली के पत्रकार ने भारतीय वायुसेना द्वारा किये गए हमले की जगह पर मौजूद कुछ चश्मदीदों के बयानों का उल्लेख किया है। इन चश्मदीदों के मुताबिक, हमले के कुछ घंटो के बाद ही लगभग 35 लोगों को एम्बुलेंस के माध्यम से कहीं दूर ले जाया जा रहा था। बालाकोट के चश्मदीदों ने यह भी बताया कि, एयर स्ट्राइक के बाद हमले की जगह से दर्जनों लाशें ले जायी जा रही थी।

रडार की तस्वीरों में दिख रहा कि तबाह हो गए थे जैश के ठिकानें

उच्चपदस्त सरकारी सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को यह जानकारी दी है कि, खुफिया एजेंसियों के पास सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) की तस्वीरों के रूप में एयर स्ट्राइक के सबूत मौजूद है। इन तस्वीरों में साफ दिख रहा है भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू जेट्स ने चार इमारतों को पांच एस-2000 प्रिसिजन-गाइडेड म्यूनिशन के जरिए ध्वस्त किया है।

अधिकारी ने बताया है कि, वहां जैश के चार मदरसे थे। इसमें से एक में मसूद अजहर का भाई रहता था। दुसरे में आतंकी ट्रेनर रहते थे। तीसरे में रंगरूट रहते थे जिनकी ट्रेनिंग आखिरी दौर में होती थी और चौथी इमारत में ट्रेनिंग किये हुए आतंकियों को रखा जाता था। इन चारों ही इमारतों को भारतीय वायुसेना ने बम से उड़ा दिया है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस अधिकारी ने कहा, ”एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने मदरसे को क्यों सील किया? मदरसे का मुआयना करने पत्रकारों को तुरंत जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? हमारे पास रडार से ली गई तस्वीर है, जिससे पता चलता है कि मदरसे को गेस्ट हाउस की तरह भी इस्तेमाल किया जाता था और यहां मौलाना मसूद अजहर (जैश चीफ) का भाई रहता था। एक L शेप के मकान में आतंकी ट्रेनर रहते थे। एक दो मंजिला मकान में रंगरूटों को रखा जाता था। अन्य मकान में ट्रेनिंग पाए आतंकियों को रखा जाता था। जिसे बम से उड़ा दिया गया।” जब अधिकारी से रडार की इन तस्वीरों को जारी करने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि तस्वीरें जारी करने का फैसला पूरी तरह सरकार का ही होगा।

इस तरह ये पांचों बातें इस बात का प्रमाण है कि, भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में ठीक जैश के ठिकानों के ऊपर बमबारी की थी और इस बमबारी में काफी संख्या में आतंकी मारे गए हैं। इस सब के बावजूद भी दिग्विजय सिंह और नवजोत सिंह जैसे कुछ नेता और लेफ्ट-लिबरल मीडिया के कई तथाकथित पत्रकार पाकिस्तना की भाषा बोल रहे हैं। ये लोग एयर स्ट्राइक के सबूत मांगते फिर रहे हैं। ये पांचों तथ्य किसी भी तरह से एयर स्ट्राइक के सबूतों से कम नहीं हैं।

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