पाकिस्तान लगातार भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक को नकारता आया है, उसके तरफ से यह दावा भी किया गया कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में सिर्फ कुछ पेड़ ही क्षतिग्रस्त हुए और किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई। लेकिन पाकिस्तान के इस झूठ का पर्दाफाश करते हुए रिपब्लिक टीवी ने एक ऑडियो टेप का हवाला देते हुए बड़ा खुलासा किया है। इस तीन मिनट की टेप में खुद पाकिस्तान का नागरिक इस बात का खुलासा कर रहा है कि भारतीय वायुसेना द्वारा की गई स्ट्राइक के बाद बालाकोट में कैसा माहौल है। इस टेप से निम्नलिखित बातों की पुष्टि की जा सकती है:
-मरने वाले लोगों की संख्या का पता नहीं लेकिन बालाकोट में रहने वाले लोगों से पाकिस्तानी सेना ने फोन छीन लिए हैं।
-बालाकोट में इंटरनेट सुविधा भी ठप कर दी गई है ताकि वहां से फोटो तथा वीडियो को सोशल मीडिया में साझा ना किया जा सके।
-पाकिस्तानी सेना ने घायल लोगों के उपचार के लिए किसी डॉक्टर को इजाज़त नहीं दी ।
– गाड़ी से पेट्रोल निकाल कर बड़ी संख्या में मृत शरीरों को जलाया गया।
-कुछ मृतकों को कुल्हर नदी में बहा दिया गया ताकि सबूत मिटाया जा सके।
-मरने वालों में से अधिकतर आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से नाता रखते थे।
-वीडियो सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट, आईईडी एक्सपर्ट इस हमले में मारे गए थे।
उस टेप में एक व्यक्ति ये बातें कहता हुआ सुनाई दे रहा है, ”हाल ही में बालाकोट में भारतीय बलों द्वारा की गई स्ट्राइक में जिनको निशाना बनाया गया था, मैं उनमें से लगभग सभी को जानता हूं। जो मारे गए हैं, उनमें से ज्यादातर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं। मारे गए लगभग सभी जैश-ए-मोहम्मद के हैं, लगभग सभी। मैं उनके कुछ नाम साझा करने जा रहा हूं, कृपया उन्हें ध्यान में रखें।
“मंशाह अब्दार ज़क, लाहौर के मेजर सेवानिवृत्त हवलदार राणा, कराची से अल्ताफ़ अली चौधरी, रावलपिंडी से मुदस्सर अली, बहावलपुर से उस्ताद मोहसिन, दत्त खल की तफ़ैल दोस्त। धन्नु अली खटक और बहादुर खटक के दो भाई। वे दो भाई थे जो मारे गए हैं। गुजरांवाला के जैश का एक शीर्ष कमांडर मारा गया है। वे एक महत्वपूर्ण जैश नेता थे। सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ राणा मोहसिन अली, मियांवाली के तफ़ीक उमर, मोइन अली, सरदार सुहैल, डेरा गाज़ी खान के कैप्टन सेवानिवृत्त मुश्ताक, मंडी बावलदेवन के शेहरियार दीन, कराची के मॉडल टाउन से एक विशेष वीडियो संपादक ताहिर अली शेख। डेरा लाई खान के एक IED विशेषज्ञ, जिसे इंजीनियर राणाके नाम से भी बुलाया जाता है, वो भी मारा गया। मैंने अब तक उनमें से कुछ का ही नाम लिया है। ये वे नाम हैं जिनसे मैं अवगत हूं।”
इससे पहले पाकिस्तानी सेना अंतर्राष्ट्रीय मीडिया एजेंसी रॉयटर्स के पत्रकारों को भी तीन बार बालाकोट में एयर स्ट्राइक वाली जगह पर जाने से रोक चुकी है। हमने आपको कल भी बताया था कि कैसे अब उस इलाके में लाशों के सड़ने की बदबू तेजी से फ़ैल रही है और पाकिस्तानी सेना लगातार वहां सबूत मिटाने के काम में लगी हुई है।वो कहते हैं न ‘सच छुपाये नहीं छुपता’ कुछ ऐसा ही पाकिस्तान के साथ हो रहा है वो झूठ पर झूठ बोल रहा है और एयर स्ट्राइक के सबूतों को छुपाने का प्रयास कर रहा है लेकिन जिन्होंने ये मंजर देखा वो एयर स्ट्राइक का सच बयां कर रहे हैं।