अगर राहुल की यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना आज से ही हो जाए प्रभावी तो 110 रुपये प्रति लीटर पहुंच जाएगा पेट्रोल

राहुल गांधी कांग्रेस

लोकसभा चुनावों से ठीक पहले एक नई चुनावी नौटंकी करते हुए राहुल गांधी ने देश के सबसे गरीब तबके के 20 प्रतिशत परिवारों को 6000 रुपये बेसिक इनकम देने का वादा किया है। राहुल गांधी की इस प्रस्तावित योजना के अनुसार करीब 5 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे। गांधी ने कहा है कि योजना के दायरे में आने वाले हर परिवार को सालाना 72,000 रुपये मिलेंगे। राहुल गांधी की इस योजना की कुल लागत लगभग 3.6 लाख करोड़ रुपये होगी जो देश की जीडीपी का 1.9 प्रतिशत और केंद्र सरकार के खर्च का 14 प्रतिशत है। राहुल गांधी अभी तक स्पष्ट रूप से इस बारे में कुछ भी नहीं बताया है कि इस योजना के लिए रुपये कहां से इकट्ठे किये जाएंगे।

अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो यह सरकार पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में भारी वृद्धि कर सकती है क्योंकि ये सरकार के लिए धन जुटाने का सबसे आसान स्रोत हैं। वर्तमान में, केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर निर्धारित केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाती है, जो वर्तमान में पेट्रोल पर 19.16 रुपये और डीजल के लिए 16.19 रुपये प्रति लीटर है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क से 2.29 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं। राहुल गांधी को अपनी योजना के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी तो वह इन उत्पादों पर टैक्स बढ़ाएगी।

अगर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क दोगुना किया जाता है तो सरकार 2.3 लाख करोड़ रुपये कमा पाएगी। 1.3 लाख करोड़ रुपये की शेष राशि के लिए, सरकार को उत्पाद शुल्क में 60 प्रतिशत की और वृद्धि करने की आवश्यकता पड़ेगी। इस तरह अपनी योजना का पैसा जुटाने के लिए कांग्रेस पेट्रोल और डीजल की कीमतों को 160 प्रतिशत तक बढ़ा देगी।

देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में पेट्रोल की मौजूदा कीमत 78.48 रुपये प्रति लीटर है। कांग्रेस द्वारा पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी बढ़ोत्तरी करने से इन उत्पादों की कीमतें 31 रुपये तक बढ़ जाएगी। इस तरह अगर कांग्रेस सत्ता में आती है और अपनी प्रमुख अर्ध सार्वभौमिक बुनियादी आय योजना को लागू करती है, तो मुंबई में पेट्रोल की प्रभावी कीमत लगभग 110 रुपये होगी। वहीं शहर में अभी डीजल की कीमत 69.64 रुपये प्रति लीटर है जो कांग्रेस की आय योजना के लागू होने के बाद लगभग 160 प्रतिशत बढ़ जाएगी और लगभग 95 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच जाएगी।

गौरतलब है कि, कांग्रेस सरकारें पहले भी अपनी कल्याणकारी नीतियों को पैसा देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर कर बढ़ाती रही हैं। कर्नाटक की गठबंधन सरकार ने अपनी 44,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफी योजना के लिए भी पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि की थी। उधर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर राहुल गांधी मोदी सरकार पर बार-बार हमला कर रहे थे। जो कि किसी पाखंड से कम नहीं था क्योंकि कर्नाटक की गठबंधन सरकार ने ही करों में वृद्धि की थी। लोगों के विरोध के बाद सरकार को इस निर्णय को वापस लेने के लिए मजबूर किया। हालाँकि, कर्नाटक सरकार ने एक बार फिर पेट्रोल पर 28.75 से 32 प्रतिशत और डीजल पर 17.73 प्रतिशत से 21 प्रतिशत तक कर बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों की सरकारों द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों पर कीमतें कम की गईं तो कांग्रेस सरकार ने कीमतों में फिर थोड़ी फिर कमी की। हालांकि, अक्षम कल्याणकारी नीतियों के कारण जब सरकार का खर्चा कई गुणा बढ़ गया तो कांग्रेस  सरकारों को एक बार फिर करों में वृद्धि करनी पड़ी। अब यह तीसरी बार है जब कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर एक साल से भी कम समय में करों में बढ़ोत्तरी की है।

अगर कांग्रेस यूबीआई के चुनावी वादे पर सवार होकर सत्ता में आती है, तो सरकार पेट्रोल और डीजल पर कर बढ़ाएगी। अगर कांग्रेस अपनी यह प्रमुख चुनावी योजना को लागू करती है, तो मुंबई में पेट्रोल की कीमत लगभग 110 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच जाएगी।

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