ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में भारत पहले स्थान पर,फिलीपींस दूसरे स्थान पर

ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस भारत सर्वे

PC: Prabhat khabar

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक और अच्छी खबर आयी है। ‘ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे’ में भारत ने प्रथम स्थान हासिल किया है। भारत को 64 देशों की सूची में 133 अंकों के साथ पहला स्थान मिला है। दूसरे पायदान पर 131 अंकों के साथ फिलिपिंस और 127 अंकों के साथ इंडोनेशिया तीसरे पायदान पर है। भारत का प्रथम स्थान पर आने का मतलब है कि भारत के लोग महंगाई, स्टॉक मार्किट व देश में रोजगार की स्थिति से विश्व में सबसे ज्यादा संतुष्ट है। भारत के लोग बाज़ार में निवेश करने को लेकर आशावादी हैं और वो खर्च करने में कम हिचकिचा रहे हैं। ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में दक्षिण कोरिया को अंतिम पायदान पर रखा गया है ,क्योंकि वहां के उपभोक्ता सबसे ज्यादा निराशावादी हैं।  इसकी वजह है कि वहां के लोग बढ़ती महंगाई, वेतन में कम वृद्धि, स्टॉक मार्केट के कमजोर प्रदर्शन और बेरोजगारी की समस्या से डरे हुए हैं व खर्च करने में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं।

उपभोक्ता ही बाज़ार के केंद्र में होते हैं, उनका संतुष्ट होना किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के हाल को बखूबी बयां करता है। आर्थिक मामलों के एक्सपर्ट्स के मुताबिक विश्व में ‘अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, ब्रेक्सिट तथा वैश्विक मंदी से उत्पन प्रतिकूल स्थिति में भी भारत ने एक अच्छी विकास दर को बरक़रार रखा है, जो यह दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की गुंजाइश अपार हैं।

 ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी फरवरी में जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया था कि भारत में ‘कंज्यूमर कॉन्फिडेंस’ अपने दो साल के उच्चतम स्तर पर है। यह सर्वे भारत में 13 प्रमुख शहरों में किया गया था। भारत में उपभोक्ताओं का बढ़ते विश्वास का एक बड़ा कारण वैश्विक बाज़ार में गिरते कच्चे तेल का भाव और हाल ही में भारतीय रुपये की सुधरती हालत हो सकते हैं। इसके आलावा मोदी सरकार द्वारा किये गए कर प्रणाली में सुधार भी भारतीय बाज़ारों के लिए वरदान साबित हुए हैं। जीएसटी लागू होने के बाद बाजार में पारदर्शिता बढ़ी है तथा ग्राहकों का मनोबल भी उंचा हुआ है। जीएसटी की दरों को कम करने के बाद से काफी चीज़ें सस्ती हुई जिसके बाद लोगों ने पैसा खर्च करने में दिलचस्पी दिखाई।

जब किसी भी देश में महंगाई बढ़ती है तो वहां के उपभोक्ताओं का विश्वास कमज़ोर होता है, वहां लोग पैसा खर्च करने की बजाय बचत की और ध्यान देने लगते हैं जो कि किसी भी देश के लिए एक अच्छी खबर नहीं है। मोदी सरकार देश में महंगाई कम रखने में कामयाब रही है जिससे कि देश में लोगों को पैसा निवेश करने को प्रोत्साहन मिला है।

मोदी सरकार ने आर्थिक पहलुओं पर काफ़ी अच्छा काम किया है जिसका ज़िक्र दुनिया की सभी बड़ी एजेंसियां अपने-अपने विश्लेषण में कर चुकी हैं। इससे पहले भारत को ‘व्यापार करने की सहूलियत’ की रैंकिंग में भी पहली बार टॉप 100 में जगह मिली थी जिसमे भारत को 190 देशों की सूची में 77वां रैंक मिला था।

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