कांग्रेस में शामिल होने के बाद हार्दिक पटेल को लगा बड़ा झटका, नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव

हार्दिक पटेल कांग्रेस गुजरात

(PC: The Wire)

देश को तोड़ने वाली राजनीति करने वाले नेता हार्दिक पटेल और उनकी संरक्षक पार्टी कांग्रेस दोनों की ही चुनावी महत्वकांक्षाओं को एक बड़ा झटका लगा है। वह इसलिए क्योंकि गुजरात उच्च न्यायालय ने हार्दिक पटेल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। गुजरात उच्च न्यायालय ने 2015 के हिंसा मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया। इस तरह अब पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के लोकसभा चुनाव लड़ने के अरमानों पर बुरी तरह पानी फिर गया है।

गौरतलब है कि, हार्दिक पटेल 12 मार्च को ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। उनकी जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की बड़ी इच्छा थी लेकिन अब वह धरी की धरी रह गई है। बता दें कि जन प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के तहत दो साल या अधिक वर्षों की जेल की सजा काट रहा व्यक्ति दोषसिद्धि पर रोक लगने तक चुनाव नहीं लड़ सकता। न्यायमूर्ति ए जी उरैजी के समक्ष पटेल की याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार ने कहा था कि, हार्दिक का आपराधिक अतीत रहा है। उनके खिलाफ 17 एफआईआर दर्ज हैं, इसमें देशद्रोह के दो मामले हैं। इसके बाद अपना फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति उरैजी ने कहा कि असाधारण मामले में ही दोषसिद्धि पर रोक लगायी जा सकती है और हार्दिक का मामला इस श्रेणी में नहीं आता।

बता दें कि पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल पर इससे पहले विसनगर की स्थानीय अदालत ने 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी। अदालत ने हार्दिक को पाटीदारों के लिए 2015 में आरक्षण कोटा पाने के लिए किए गए विरोध प्रदर्शन के नाम पर मेहसाणा जिले में दंगे भड़काने का दोषी ठहराया गया था। उन्हें 2017 में 2 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद हार्दिक ने उच्च न्यायालय में अपील की जो कि व्यर्थ साबित हुई है।

https://twitter.com/HardikPatel_/status/1111588852005826561

गौरतलब है कि, नियम के मुताबिक दो साल या इससे अधिक की सजा वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते। इसी वजह से हार्दिक पटेल ने आठ मार्च को एक बार फिर से अपनी सजा पर रोक लगाने की याचिका के साथ गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था। स्पष्ट है कि, कानूनी अड़चनों के कारण ही पटेल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे लेकिन इसके बावजूद वे अपने खिलाफ पक्षपाती रवैया अपनाए जाने का राग अलाप रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘25 वर्षीय कांग्रेस कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने से क्यों रोका जा रहा है? कई बीजेपी नेता भी हैं, जिनके खिलाफ मामलों के साथ-साथ उनके खिलाफ सजा भी है, लेकिन कानून मेरे लिए ही मौजूद है। मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैं भाजपा के सामने नहीं झुका। यह स्थापना से लड़ने का परिणाम है। मैं भले ही सत्ता नहीं पाऊं लेकिन न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश में कांग्रेस के लिए प्रचार करूंगा।’ हाईकोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद हार्दिक पटेल द्वारा कई ट्वीट्स किये गए थे।

https://twitter.com/HardikPatel_/status/1111588779352117249

गुजरात में 4 अप्रैल नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है। ऐसे में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के लिए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए कुछ ही दिन बचे हैं। हालांकि, इतने कम समय के लिए सजा पर रोक और खुद का लोकसभा चुनाव लड़ना असंभव हो जाएगा। हार्दिक पटेल आरक्षण के लिए अपने हिंसक विरोध के माध्यम से गुजरात में अराजकता फैलाने के लिए कुख्यात हैं। इसके बावजूद कांग्रेस ने उनसे रिश्ता बनाए रखा। पटेल ने 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने के बाद से पार्टी के टिकट पर जामनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू भी कर दी थी। जामनगर रैली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा था। कांग्रेस ने भी हार्दिक को चुनाव लड़ाने की पूरी कोशिश की लेकिन हाईकोर्ट के फैसले ने इन कोशिशों पर पानी फेर दिया है।  हार्दिक पटेल के नापाक मंसूबों को नाकाम करने और गुजरात की शांति बनाए रखने के लिए गुजरात हाईकोर्ट ने बिल्कुल सही फैसला लिया है।

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