भारत की सैन्य कार्रवाई से तो पता नहीं पाकिस्तान को कब तबाह होने का मौका मिले लेकिन अपने कर्ज के बोझ तले जरूर पाकिस्तान बर्बाद होता जा रहा है। जैसे-जैसे कैलेंडर की तारीखें आगे बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे ही पाकिस्तान कर्ज के दलदल में धंसता जा रहा है। पाक पीएम इमरान खान ने इस कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अपनी भैसें बेचने, सरकारी गाड़ियों को बेचने और चीन को गधे निर्यात करने तक की तरकीबें आजमा ली लेकिन कर्ज है कि, बढ़ते ही जा रहा है। ऐसे में अब इमरान खान ने पाकिस्तान की कंगाली दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इमरान खान ने अब पाकिस्तान की सरकारी इमारतें बेचने का निर्णय लिया है। इसमें पाकिस्तान सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की संपत्तियां बेची जाएंगी।
कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस निर्णय के अनुसार कर्ज का बोझ कम करने के लिए सरकारी मंत्रालयों और अन्य सरकारी विभागों की इमारतें व जमीन बेची जाएंगी। पाकिस्तान के सबसे चर्चित मीडिया हाउस डॉन ने इस संबंध में खबर प्रकाशित की है। इसमें सूचना मंत्री फवाद चौधरी के हवाले से कहा गया है कि मंत्रालयों और संबंधित विभागों की वे सम्पत्तियां बेची जाएंगी जिनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। डान ने चौधरी के हवाले से लिखा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐसी सम्पत्तियों की सूची मांगी है। चौधरी के अनुसार इन प्रॉपर्टीज़ की कानूनी तौर पर बिक्री के लिए एक पॉलिसी बनाई जाएगी और बिक्री के लिए फास्ट ट्रैक प्रॉसेस अपनाया जाएगा। इसके लिए पीएम इमरान खान के निर्देश पर मिनिस्ट्री ऑफ प्राइवेटाइजेशन की ओर से एसेट्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई है।
45 हजार प्रॉपर्टीज़ बेची जाएंगी
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार बिक्री के लिए निजीकरण आयोग को 45,000 से अधिक ऐसी सम्पत्तियों की सूची पहले ही मंत्रालयों की तरफ से उपलब्ध करा दी गई है। पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि इन संपत्तियों की बिक्री से कर्ज का बोझ घटाने में मदद मिलेगी।
पहले गधे बेचकर पाक कम करना चाहता था कर्ज का बोझ
बता दें कि इमरान खान ने जब से पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का पद संभाला है, तब से वे अपने देश का कर्ज कम करने के लिए एक से बढ़कर एक नई-नवेली स्कीमें ला रहे हैं। प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालते ही सबसे पहले खान ने प्रधानमंत्री कार्यालय की सारी भैंसों को बेच दिया था। लेकिन दुनिया के कर्ज तले दबे पाक को इससे राहत नहीं मिली। इसके बाद इमरान खान ने पाकिस्तान के नीति नियंताओं के साथ मिलकर पाकिस्तान को गरीबी से बचाने के लिए बैठकें की। उस बैठक में निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान को अब मुर्गियां और चूजे ही बचा सकते हैं। इमरान खान ने पाकिस्तान में मुर्गियां बंटवाने का निर्णय लिया। इमरान खान चाहते थे कि पाकिस्तानी औरते अब अंडे बेचकर कमाई करें लेकिन वह तरकीब भी काम नहीं आई। इसके बाद पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने थोड़ा और दिमाग लगाया और देश से कर्ज का बोझ कम करने के लिए चीन को गधे निर्यात करने शुरू करवाए। चीन को गधे निर्यात कर वे देश पर बोझ बने कर्ज का ब्याज चुकता करने की सोच रहे थे। बता दें कि वर्तमान में पाक में गधों की संख्या 5.3 मिलियन के आंकड़े को पार कर चुकी है। इन सब तरकीबों से भी जब कुछ नहीं हुआ तो अब इमरान खान अपनी सरकारी संपत्तियां बेचकर कर्ज का बोझ कर करना चाह रहे हैं।
बता दें कि, पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। अब इस देश की स्थिति कर्ज के बोझ तले दबकर दिवालिया होने की आ गई है। पाक पर कर्ज का आंकड़ा बढ़कर करीब 27 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए का हो गया है। इस कर्ज का मूलधन तो दूर पाक इस कर्ज का ब्याज चुकाने में भी बड़ी परेशानी महसूस कर रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार 27,000 अरब पाकिस्तानी रुपये के बराबर कर्ज से निपटने के लिए आपात कदम उठने का फैसला लिया गया है जिसमें सरकारी इमारतें बेची जाएंगी। मीडिया के अनुसार इससे पहले पाक ने कोशिश की थी कि सऊदी अरब से उधार का तेल मिल जाए, लेकिन उसकी यह कोशिश भी बेकार साबित हुई है। अभी तो पाकिस्तान की सरकारी इमारतें ही बिक रही हैं लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान अपने कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है उससे आने वाले समय में पाकिस्तान की ओर से और भी बहुत कुछ बिकने की बात सामने आ सकती हैं।