एक वरिष्ठ पत्रकार ने मेरठ में पीएम मोदी की रैली को लेकर दिखाया झूठ, ऐसे आया सच सामने

पीएम मोदी पत्रकार मेरठ

PC: boltahindustan

लोकसभा चुनावों में अब बेहद कम समय बचा है और देश के तमाम नेताओं की तरह पीएम मोदी भी अब चुनावी रण में उतर चुके हैं। उन्होंने कल मेरठ से अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत की। उन्होंने अपने भाषण के शुरुआत में कहा कि वर्ष 2019 का चुनाव अभियान मेरठ से शुरू करने की वजह यह है कि वर्ष 1857 में इसी मेरठ से स्वतंत्रता आंदोलन का बिगुल फूंका गया था। पीएम मोदी की इस रैली में भारी संख्या में भाजपा समर्थक उनका भाषण सुनने के लिए पहुंचे हुए थे लेकिन कुछ वामपंथी पत्रकारों ने इस रैली को लेकर भी जमकर फेक न्यूज़ फैलाने का काम किया। कुछ पत्रकारों ने खाली पड़ी कुर्सियों की फोटो डालकर यह दिखाने की कोशिश की कि पीएम मोदी की रैली में बहुत कम भीड़ आई, हालांकि कुछ समय बाद उन्होंने खुद को ही एक्सपोज़ कर लिया।

दरअसल, पीएम मोदी ने विपक्ष को इतना लताड़ा कि विपक्ष के साथ-साथ कुछ क्रांतिकारी पत्रकारों के भी होश उड़ गए। पीएम ने कहा कि टआज आपके सामने एक तरफ चौकीदार खड़ा है तो वहीं दूसरी तरफ दागदारों की भरमार है।ट साथ ही उन्होंने कहा, सपा, बसपा और आरएलडी के गठबंधन पर तंज़ कसते हुए कहा कि सपा के स, आरएलडी के आर एवं बसपा के ब से बना ‘सराब, और शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है इसलिए इससे बचके रहना चाहिए। आखिर में उन्होने यह कहा कि वो अपने देश के लिए सबकुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार रहने वाले व्यक्ति हैं और कोई भी ताकत उन्हें उनके इस प्रण से भटका नहीं सकती ।

हर बार कि तरह इस बार भी कुछ लोगों ने उनकी इस रैली को लेकर झूठी खबरें प्रचारित करने का काम किया। द वायर एवं एनडीटीवी में काम कर चुकी वरिष्ठ पत्रकार माया मीरचंदानी ने पीएम की रैली की एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा “सामने लोगों की भीड़ लेकिन पीछे खाली पड़ी कुर्सियां, जबकि आज पीएम मोदी यहाँ मेरठ से अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत करने वाले हैं।“

हालांकि, लोगों ने जल्द ही यह समझ लिया कि यह फोटो लोगों को भ्रमित करने के लिए अपलोड की गई है। एक यूज़र ने उसी रैली की वीडियो से स्क्रीनशॉट लेकर उनको कमेंट कर वहां मौजूद भीड़ को दिखाया।

https://twitter.com/rishibagree/status/1111164650547232768

लोगों के कमेंट देखकर बौखलाई पत्रकार माया मीरचंदानी ने कुछ समय के बाद ही खुद को एक्सपोज़ कर लिया। दरअसल, जब एक यूज़र ने यह लिखा कि उनके द्वारा अपलोड की गई फोटो सुबह 7 बजे की है तो उन्होंने इसके जवाब में तुरंत लिखा कि वह फोटो दोपहर 12 बजे की है। हालांकि जल्दबाजी में यह ट्वीट करते हुए वह इस बात को भूल गई कि उन्होंने स्वयं वह ट्वीट दिन के 11 बजकर 37 मिनट पर किया है। ऐसे में इस फोटो का दोपहर 12 बजे का होने का सवाल ही नहीं उठता।

इसके अलावा सीएनएन न्यूज़ 18 में काम करने वाली पत्रकार मारिया शकील ने भी इस रैली की कुछ फोटो अपलोड की है जिसमें यह साफ देखा जा सकता है कि वहां लोगों की पर्याप्त संख्या में भीड़ मौजूद है और माया मीरचंदिनी द्वारा अपलोड की गई फोटो एक विशेष एजेंडे को साधने के लिए अपलोड की गई है। देश की मीडिया का एक हिस्सा अक्सर अपनी प्रोपेगंडा-पूर्ण पत्रकारिता के माध्यम से केंद्र सरकार के खिलाफ हवा बनाने की कोशिश में लगा रहता है लकिन हर बार उनको लोगों की तरफ से मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है।

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