ऐसे स्मृति ईरानी ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के गढ़ अमेठी में बनाई अपनी मजबूत पकड़

स्मृति ईरानी अमेठी

PC: quint

अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर सबसे लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा है। वर्ष 1980 से लेकर 1996 और वर्ष 1999 से लेकर अबतक कांग्रेस का गढ़ है। पूर्व प्रधानमंत्री के बड़े बेटे संजय गांधी ने इस संसदीय क्षेत्र का प्रत्निधित्व किया था लेकिन उनकी विमान दुर्घटना ने मृत्यु के बाद उनके भाई राजीव गांधी ने 1991 तक अमेठी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद उनकी पत्नी सोनिया गांधी ने इस संसदीय क्षेत्र का 1999 से 2004 तक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। अब सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस तरह से अमेठी का प्रतिनिधित्व नेहरू-गांधी परिवार द्वारा सालों से किया जाता रहा।

हमेशा से इस संसदीय क्षेत्र पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत रही है और यहां हर चुनाव में इस पार्टी ने भारी मतों से जीत भी दर्ज की है साल 2009 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 71 फीसदी वोटों के साथ जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया था जबकि बीजेपी को सिर्फ 5फीसदी वोट ही मिले थे। हालांकि, साल 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे इन सभी से हटकर थे। या यूं कहें कि सिर्फ पांच सालों में ही अमेठी में भारतीय जनता पार्टी की पकड़ मजबूत हुई। इसका असर भी 2014 के लोकसभा चुनाव में नजर आया। जहां इस पुरानी पार्टी को इस संसदीय क्षेत्र में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। ये पार्टी कुल वोटों में से सिर्फ 41% ही हासिल कर सकी जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत सिर्फ पांच सालों में 5 फीसदी से बढ़कर 34% हो गया। बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को जबरदस्त टक्कर दी।

भले ही स्मृति ईरानी इस चुनाव में हार गयी हों लेकिन वो अमेठी की जनता को ये यकीन दिलाने में कामयाब रही है कि राहुल गांधी से कहीं अधिक उन्हें उनकी चिंता है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए हालात और भी चिंताजनक होते गये। साल 2017 में बीजेपी विधानसभा चुनाव में अमेठी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली 5विधानसभा सीटों में से 4 जीतने में सफल रही थी। जिस एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी को हार मिली थी वो भी कांग्रेस के हाथों नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के हाथों मिली थी।

इस तरह से स्मृति ईरानी और बीजेपी ने इस पूरे समीकरण को न सिर्फ समझा बल्कि अमेठी में और मजबूती के लिए अपने प्रयासों को और तेज कर दिया। स्मृति ईरानी अक्सर इस संसदीय क्षेत्र का दौरा करती हैं और इस क्षेत्र की जनता से जुड़ने का प्रयास करती हैं। यही नहीं केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री ईरानी अमेठी को 77 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दे चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने यहां नवोदय विद्यालय में रोजगार मेले का शुभारंभ भी किया था।

इसके अलावा स्मृति ईरानी अक्सर ही अमेठी का दौरा करती रहती हैं और वहां की जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझने और उसे सुलझाने का प्रयास करती हैं। उन्होंने जनवरी महीने में कम्बल वितरण किया था और सीएचसी गौरीगंज में सीटी स्कैन मशीन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुईं थी। यही नहीं वो अक्सर अमेठी की महिलाओं से भी जुड़ने के प्रयास करती रही हैं और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ हर महिला तक पहुंचे ये सुनश्चित करने का प्रयास करती हैं। हाल ही में उन्होंने अमेठी संसदीय क्षेत्र की महिलाओं से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बात भी की थी और उनसे उज्जवला योजना समेत अन्य योजनाओं को लेकर जानकारी ली थी। इस संसदीय क्षेत्र की जनता की फिल्म ‘उरी’ देखने की इच्छा को भी पूरा किया था।

स्मृति ईरानी के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पिछले चार सालों में अक्सर अमेठी का दौरा करते हैं और सार्वजानिक रैली करते हैं। इस तरह से अपने प्रयासों से बीजेपी और स्मृति ईरानी ने अमेठी में जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ को मजबूत किया।

वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी ने अमेठी के विकास पर न कभी ध्यान दिया और न ही वहां की जनता की जरूरतों को समझ पाए। राहुल द्वारा लगातार अमेठी की अनदेखी की गयी जबकि स्मृति ईरानी ने हमेशा आम जनता से जुड़ने और उनकी जरूरतों को समझने का प्रयास किया। स्मृति ईरानी ने कई बार अमेठी की अनदेखी करने के लिए राहुल गांधी पर निशाना भी साधा है। उन्होंने एक बार कहा भी था, “पिछले 15 सालों से अमेठी के सांसद ने कभी अमेठी की समस्या को संसद में नहीं उठाया और न ही गरीब किसानों के बारे में सोचा। ऐसे नामदार लोगों ने अमेठी के लोगों को न सिर्फ छला है बल्कि गरीबों को धोखा भी दिया है जबकि उन्हीं के वोट की ताकत पर वह संसद पहुंचते रहे हैं। न ही सांसद ने इतने सालों तक बहनों की सम्मान व स्वास्थ्य की चिंता की। मोदी सरकार ने 1 लाख 40 हजार परिवारों को उज्‍जवला कनेक्शन दिया। अमेठी के पांच लाख लोगों को किसी न किसी योजना का लाभ मिला।”

हाल में स्मृति ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा था, ‘ये अमेठी का दुर्भाग्य है कि घी के दिये केवल यहां के सांसद के घर में ही जलते हैं। हमने तो यहां 500 घरों को झुलसते देखा है। जिनकी मदद के लिए बीजेपी कार्यकर्ता हमेशा सामने आये हैं लेकिन राहुल गांधी को इनकी सुध नहीं।’ जब राहुल गांधी ने अमेठी की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के शिलान्यास का राग अलापा तो अपने ट्वीट से स्मृति ईरानी ने उनकी बोलती बंद कर दी थी।

यही वजह है कि लेफ्ट-लिबरल गैंग जब स्मृति ईरानी को राजनीतिक स्तर पर कमजोर करने में विफल हो गये तो उनके चरित्र और पहनावे पर हमला करना शुरू कर दिया।

कांग्रेस से लेकर लेफ्ट-लिबरल गैंग तक ने स्मृति ईरानी पर न जाने कितनी बार अश्लील, अभद्र टिप्पणी की।इसके कई उदाहरण हैं। वास्तव में कांग्रेस को भी ये समझ आ चुका है कि अमेठी में स्मृति ईरानी मजबूती के साथ उभरी हैं और ये मजबूती कांग्रेस का गढ़ उससे छीन सकती है। जिस तरह से स्मृति ईरानी अपने काम के प्रति समर्पित हैं उसी तरह से वो किसी भी मुद्दे पर बेबाक जवाब देती हैं। जितनी शालीनता से वो विपक्ष को सुनती हैं उसके बाद वो हर सवाल का जवाब भी तथ्यों के साथ पेश करती हैं। यही वजह है कि विपक्ष की बोलती बंद हो जाती है ऐसे में विपक्षी नेता और कुछ वामपंथी उन्हें नीचा दिखाने के लिए उनके पहनावे तो कभी उनके चरित्र पर हमला करते हैं। हालांकि, कांग्रेस के सभी पैंतरे अमेठी की जनता को भी समझ आ चुके हैं। वो ये समझ चुके हैं कि किस तरह से इस पुरानी पार्टी ने सालों तक उन्हें छला है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इस बार स्मृति ईरानी पूरी मजबूती के साथ अमेठी में उभरेंगी और बीजेपी की जीत का डंका बजेगा। इसी के साथ ही अमेठी का गांधी-नेहरू परिवार की परंपरागत पहचान से पीछा छूटेगा।

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