अब तुष्टिकरण की घटिया राजनीति पर उतर आई आप पार्टी, चुनावी समय में इमामों को बांटें जा रहे चेक

आप अमानतुल्लाह चेक

PC : indiatvnews

2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष अपनी सीटें बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटा है चाहे वह गलत ही क्यों ना हो। चुनावों में जनाधार से जूझ रही आम आदमी पार्टी भी अब मुस्लिम तुष्टिकरण करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। इसका ताजा उदाहरण बीते शनिवार तब सामने आया जब ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को उनके इलाके में इमामों को चेक बांटते हुए देखा गया। इस घटना के सामने आने के बाद विपक्ष हमलावर दिखाई दे रहा है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार राजधानी में चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण कर रही है।

इस घटना की फोटोज और वीडियोज भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं। जिनमें साफ नजर आ रहा है कि आप विधायक अमानतुल्लाह इमामों को चेक दे रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि चुनावी समय में इमामों को चेक बांटकर अमानतुल्ला लोगों को लुभाकर वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना पर विपक्ष ने चुनाव आयोग से शिकायत करने की भी बात कही है।

वहीं, जब इस घटना के बारे में आप विधायक अमानतुल्लाह खां से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि, यह उनके और आम आदमी पार्टी के खिलाफ विपक्ष द्वारा किया गया राजनीतिक षडयंत्र है। इस तरह खान ने सफेद झूठ बोलने का काम किया।

आपको बता दें कि, दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर 12 मई को वोटिंग होगी। यहां बीजेपी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणिय मुकाबला है। गौरतलब है कि, 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सातों की सातों लोकसभा सीटों पर अपना कब्जा किया था। यही कारण है कि, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस यहां तुष्टिकरण कर अपना जनाधार बनाने की कोशिश कर रही है।

वहीं बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने रविवार को आरोप लगाया है कि अमानतुल्लाह खान ने चुनावों में आम आदमी पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर अपने सरकारी पद का ‘दुरूपयोग’ किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि, अमानतुल्लाह ने आदर्श आचार संहिता के लागू होने से दो दिन पहले ही लिपिकों, पटवारी, लेखाकार, कानूनी सहायक और लेखा सहायक के पदों पर नियुक्ति पत्र जारी कर वक्फ अधिनियम, 1995 का मनमाने तरीके से उल्लंघन किया है।

उन्होंने अमानतुल्लाह पर आरोप लगाया, ‘‘इन पदों पर भर्ती के लिए बनायी गयी साक्षात्कार समिति के चार सदस्य हिमाल अख्तर, रिहान खान सूरी, अमजद खान और फिरोज खान उनके (आप विधायक के) करीबी हैं तथा उनके (ओखला) विधानसभा क्षेत्र से हैं। इतना ही नहीं, जो 33 कर्मचारी नियुक्त किये गये उनमें से 24 ओखला विधानसभा क्षेत्र के हैं।’’ बीजेपी नेता ने यह भी बताया कि, ‘कर्मचारियों की भर्ती के लिए समिति के गठन में दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और आप विधायक अमानतुल्लाह की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होता है क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद स्पष्ट नजर आता है। इन पदों के लिए जारी किये गये इश्तहार में कोई उम्रसीमा या शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं की गयी थी।’ गुप्ता ने कहा कि, वे मामले में दस्तावेजों के साथ दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करेंगे। इस तरह स्पष्ट है कि, आम आदमी पार्टी द्वारा इस चुनावी समय में तुष्टिकरण की कोशिशें जोरों पर है।

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