जब धारा 370 पर पाकिस्तान ने मिलाया कांग्रेस के सुर में सुर तो इस राष्ट्रवादी कश्मीरी लेखक ने दिया करारा जवाब

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PC: Zee News

कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और कांग्रेस पार्टी का गठजोड़ एक बार फिर सामने आया है। दरअसल, चुनावी मौसम में कांग्रेस नेताओं के बाद अब पाकिस्तान ने भी अनुच्छेद 370 का राग अलापा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शाह फैजल ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पाकिस्तान किसी भी हालत में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को स्वीकार नहीं करेगा। आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले जारी हुए अपने घोषणापत्र में कांग्रेस पार्टी भी इस अनुच्छेद को ना हटाने की वकालत कर चुकी है। अब ऐसे में कश्मीर नीति को लेकर कांग्रेस और पाकिस्तान का एक ‘अनैतिक गठबंधन’ सामने नजर आ रहा है।

शाह फैजल ने कहा ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करना संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है। हम इसे किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं करेंगे और कश्मीर के लोग भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे’। दिन रात कश्मीर का रोना रोकर लोगों को गुमराह करने वाले पाकिस्तान को इसका जवाब खुद एक कश्मीरी लेखक इब्न सिना ने दिया। उन्होने ट्वीट कर लिखा ‘सुनो इमरान खान, लगता है तुम्हारा विदेश मंत्रालय यह बात भूल गया है कि अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान के तहत आता है। यह होता कौन है भारत को नसीहत देने वाला? यह भारत का आंतरिक मामला है। हर जगह दखलअंदाजी मत करो, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एक है, इस बात का ध्यान रखो’।

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जो बात आज पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कही है, वही बात कांग्रेस अपने घोषणापत्र के जरिये पहले ही कह चुकी है। अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह साफ किया था कि वह अनुच्छेद 370 को नहीं हटाएगी। अनुच्छेद 370 वही अनुच्छेद है जिसके तहत विवादित अनुच्छेद 35 ए को लागू किया गया है। इसी की आड़ में कश्मीर के लोगों को देश के अन्य राज्यों के लोगों से दूर करने का काम किया जाता रहा है। देश के बाकी लोग कश्मीर में ना तो अपना घर खरीद सकते हैं और ना कोई जमीन, जिसके कारण कोई भी निवेशक कश्मीर में निवेश करने के लिए तैयार नहीं होता। निवेश ना आने की वजह से एक तरफ जहां राज्य को वित्तीय घाटा होता है तो वहीं रोजगार मिलने के अवसर भी समाप्त हो जाते हैं। जाहिर है कि यदि हमें राज्य का चौतरफा विकास करना है तो इस अनुच्छेद को हटाना ही होगा। लेकिन जिन लोगों कि मंशा कश्मीर का विकास करना ही नहीं हो, तो भला वे लोग इसे हटाने की बात कर भी कैसे सकते हैं।

दूसरी तरफ अनुच्छेद 370 को हटाने से कश्मीर में धड़ल्ले से चल रही हुर्रियत और अलगाववादी नेताओं की काली करतूतों पर भी लगाम लगना तय हो जाएगा। अनुच्छेद 370 और 35ए की आड़ में कश्मीर के नेता अपनी राजनीतिक दुकानें चलाते आए हैं। कुछ दिनों पहले अपने लिखे एक ब्लॉग में देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली भी इस बात को दोहरा चुके हैं कि भाजपा इस विवादित अनुच्छेद को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है जिसका खुद कश्मीर के लोग समर्थन कर रहे हैं।

चीन और अमेरिका जैसे देशों की भीख पर पलने वाले पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की बजाय अपनी डूबती अर्थव्यवस्था की तरफ ध्यान देना चाहिए। वहीं कांग्रेस पार्टी को भी कश्मीर नीति को लेकर अपनी नीति में बदलाव की आवश्यकता है। देश के दुश्मनों द्वारा कही जा रही बातें भला देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में कैसे शामिल हो सकती है? कांग्रेस को यह साफ करना चाहिए कि कश्मीर समस्या के हल हेतु वह पाकिस्तान के पक्ष में खड़ी है, या भारत के पक्ष में।

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