अरविंद केजरीवाल पर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कथित रूप से किया हमला

केजरीवाल विधायकों

(PC: Livemint)

दिल्ली में गठबंधन को लेकर कांग्रेस की तरफ से नकारे जाने के बाद अब आम आदमी पार्टी के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। दरअसल, आम आदमी पार्टी के बागी नेता कपिल मिश्रा ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से इस बात की आशंका जताई है कि आप के कुछ विधायकों द्वारा पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की उनके आवास पर जाकर जमकर कुटाई की गई है। कपिल मिश्रा ने अपने ट्वीट में लिखा है ‘अगर सच है तो यह एक बड़ी खबर है, चर्चा हैं कि तीन दिन पहले कुछ AAP MLAs ने केजरीवाल से हाथापाई की, घटना केजरीवाल के घर में ही घटी, इसीलिए तीन दिन से केजरीवाल घर से नहीं निकले, ना किसी उम्मीदवार के नॉमिनेशन में गए, क्या ये सच हैं कि AAP MLAs ने ही केजरीवाल को पीट दिया’?

अगर यह खबर सही पाई जाती है तो ये बेहद निंदनीय है। ये घटना आम आदमी पार्टी की राजनीति पर ही सवाल खड़े करती है। सवाल ये कि अगर पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री के पद पर आसीन एक व्यक्ति को उन्हीं के पार्टी के विधायकों द्वारा पीटा जाएगा, तो भला जनता अपने आप को कैसे सुरक्षित महसूस करेगी? अरविंद केजरीवाल आजकल ट्विटर पर भी बेहद कम सक्रिय रहते हैं लेकिन उनका इस तरह से कम सक्रिय होना भी कई सवाल खड़े करता है। ऐसे में कपिल मिश्रा द्वारा जताई जा रही आशंका पर यकीन करना तर्कसंगत लगता है।

हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी ऐसे विवादों के चलते सुर्खियों में आई हो। इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायकों की गुंडागर्दी तब देखने को मिली थी जब उनपर दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हाथापाई करने के आरोप लगे थे। इस घटना के बाद देशभर के सार्वजनिक सेवा अधिकारियों के साथ साथ दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी आम आदमी पार्टी के इन विधायकों की कड़ी निंदा की थी। इस मामले में आम आदमी पार्टी के 2 विधायकों के खिलाफ एफ़आईआर भी दर्ज़ की गई थी।

आम आदमी पार्टी वर्ष 2015 में एक अजीब सी स्थिति की वजह से चर्चा में थी, दरअसल, वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद अपने लिए उपयुक्त उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे थे। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने तब अपनी फजीहत करवाने का काम किया जब उन्होंने एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचारियों को पार्टी की ओर से टिकट देने का काम किया। अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी की सोच को सबसे अलग बताकर राजनीति में आए थे, हालांकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तरह ही आम आदमी पार्टी भी जाति-आधारित वोटबैंक की राजनीति तक ही सीमित रह गई। इस पार्टी के पास मुद्दों का अकाल सा पड़ने लगा। कभी सोनिया गांधी और कांग्रेस को कोस-कोस कर अपनी राजनीतिक छवि मजबूत करने वाले केजरीवाल द्वारा आज गठबंधन को लेकर कांग्रेस के सामने हाथ फैलाने की वजह से भी उनकी छवि को गहरा झटका पहुंचा है।

केजरीवाल के कमजोर नेतृत्व का ही यह नतीजा है कि आज उनकी पार्टी को गठबंधन करने के लिए कांग्रेस के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है। हालांकि, अब जब कांग्रेस द्वारा उनको पूरी तरह नकार दिया गया है, ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि यह चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए आखिरी चुनाव साबित हो सकता है।

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