दिल्ली में चुनावों से लगभग 20 दिनों पहले भाजपा ने कल अपने 4 सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। माना जा रहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन को देखते हुए भाजपा ने अब तक अपने उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किए थे, लेकिन जैसे ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने अलग-अलग उम्मीदवार उतार दिये तो भाजपा ने भी अपने नामों को उजागर करना उचित समझा। हालांकि भाजपा ने अभी सिर्फ 4 सीटों पर ही अपने उम्मीदवारों के नामों को सार्वजनिक किया है। इन सभी सीटों पर यहां से मौजूदा सांसदों को ही टिकट दिया गया है। बताया जा रहा है कि बाकी तीन सीटों पर मौजूदा सांसदों के नकारात्मक फीडबैक की वजह से यहां उम्मीदवारों के नाम तय नहीं हो पाये।
भाजपा ने दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन सीट को मैदान में उतारा है। उनके खिलाफ कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार जेपी अग्रवाल को मैदान में उतारा है, तो वहीं आम आदमी पार्टी ने पंकज गुप्ता को मैदान में उतारा है। इन तीनों नामों में सबसे बड़ा नाम हर्षवर्धन का ही है, जिसके कारण यहां भारतीय जनता पार्टी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। पिछले लोकसभा चुनावों में उनको लगभग 45 प्रतिशत वोट मिले थे।
अगर दिल्ली की ‘उत्तर-पूर्व दिल्ली’ सीट की बात करें तो यहां से भाजपा ने दिल्ली भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष मनोज तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मैदान में उतारा है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने दिलीप पांडे को यहां से टिकट दिया है। मनोज तिवारी दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े चेहरे हैं। उनका दिल्ली में काफी मजबूत जनाधार माना जाता है। पिछले चुनावों में उनको भी लगभग 45% वोट मिले थे।
दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर रमेश बिधूड़ी पर अपना भरोसा जताया है। कांग्रेस ने यहां से अपना उम्मीदवार अभी तक नहीं घोषित किया है, वहीं आम आदमी पार्टी ने राघव चड्ढा को मैदान में उतारा है। रमेश बिधूड़ी को भी पिछले चुनावों में लगभग 45 प्रतिशत वोट मिले थे। माना जा रहा है कि उनको लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं में विश्वास का माहौल है, जिसके बाद अब पार्टी ने दोबारा उनको टिकट दिया है।
इन तीन सीटों के अलावा भाजपा ने पश्चिमी दिल्ली से परवेश साहिब सिंह वर्मा को टिकट दिया है। उनके विपक्ष में कांग्रेस ने महाबल मिश्रा को मैदान में उतारा हुआ है, तो वहीं आप ने बलबीर सिंह झाकर को टिकट दिया है। पिछले चुनावों में उनको भारी मतों से जीत मिली थी। उन्हें लगभग 48% वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर आए ‘आप’ के जरनैल सिंह को सिर्फ 28% वोट ही मिले थे।
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली की सभी सातों सीटों पर विजय मिली थी। पिछली बार की तरह इस बार भी इन सीटों पर मोदी फैक्टर बड़ी अहम भूमिका निभाएगा। केंद्र सरकार के विकासवादी रुख के कारण ही ऐसा संभव हो पाया है कि इस बार भी भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन ना होने की वजह से भी भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिलना तय है। हालांकि, पूरी तस्वीर तो इन चुनावों के नतीजे आने के बाद ही साफ हो पाएगी।