पीएम मोदी की वापसी पर इमरान खान के बयान को भुनाने की नाकाम कोशिश कर रहा विपक्ष

इमरान खान पाकिस्तान मोदी

PC: Hindustan

आज दुनिया के अब तक के सबसे बड़े चुनावों का आगाज़ हो गया है। पहले चरण का मतदान जारी है, लेकिन इससे ठीक पहले हमें फिर एक बार पाकिस्तान और कांग्रेस का अनैतिक गठबंधन देखने को मिला है।  दरअसल, चुनाव के ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हैरानपूर्ण तरीके से पीएम मोदी की तारीफ की।  पाक पीएम इमरान ने कहा कि अगर पीएम मोदी दोबारा सत्ता में आते हैं तो इससे पाकिस्तान और भारत के बीच शांति स्थापित होने के आसार बढ़ जायेंगे। आपको बता  दें कि मोदी सरकार का पाकिस्तान के प्रति बेहद कड़ा रुख रहा है, फिर चाहे उसके घर में घुसकर उसके आतंकियों को खत्म करना हो, या फिर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे अलग-थलग करना हो। दिलचस्प बात यह है कि जैसे ही इमरान खान ने पीएम मोदी की तारीफ की, इसके तुरंत बाद कांग्रेस, केजरीवाल समेत देश की मुख्यधारा मीडिया का एक वर्ग पीएम मोदी के खिलाफ हमलावर हो गया। अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

दरअसल, पूरे देश के सामने कांग्रेस और पाकिस्तान के गठबंधन का उजागर होना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले हम कश्मीर मुद्दे पर इन दोनों को एक सुर में बोलते हुए देख चुके हैं। हाल ही में पिछले दिनों जारी हुए कांग्रेस के घोषणापत्र में जब कश्मीर से अनुच्छेद 370 को ना हटाने की बात सामने आयी थी तो उसके कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से भी बिल्कुल वही बातें कही गयी थी। कांग्रेस, पाकिस्तान की तरह ही देश की सेना को गाली देने का काम भी करती आई है। इसका अंदाजा सभी को है कि इसकी वजह से इन चुनावों में कांग्रेस को इसका भारी हर्जाना चुकाना पड़ सकता है, जिसकी वजह से अब इमरान ने अपने मित्र कांग्रेस को ऑक्सीजन देने का काम करते हुए पीएम मोदी की तारीफ की है, और इस काम में उसे कई क्रांतिकारी नेताओं और पत्रकारों का भी पूरा साथ मिला है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के राइट हैंड माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला तो ट्विटर पर कुछ ज़्यादा ही उत्साहित नज़र आये। उन्होंने लिखा ‘मोदीजी, पहले नवाज़ शरीफ़ से प्यार और अब ईमरान खान आपका चहेता यार!, ढोल की पोल खुल गयी है।’

राजनेताओं की दुर्लभ प्रजाति के नेता केजरीवाल भी तुरंत सक्रिय हुए। उन्होंने ट्वीट किया ‘अब पाकिस्तान और इमरान खान खुलकर एक दूसरे के समर्थन में आ गए हैं, यह साफ हो गया है कि इन दोनों का कोई गुप्त गठबंधन है। अब हर कोई पूछ रहा है कि क्या मोदी के कहने पर पाकिस्तान ने पुलवामा हमला कराया था?’

पिछले वर्षों में हमने पाकिस्तान को लेकर भारत के रुख में बड़ा परिवर्तन देखा है, जिसका नतीजा यह निकला है कि पाकिस्तान कई बार भारत से बातचीत करने को तड़प चुका है।  जब पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान को जवाब दिए जाने की बात कही जा रही थी, तो भी पाकिस्तान कई बार भारत के सामने बातचीत का प्रस्ताव लेकर आया।  लेकिन मोदी सरकार की यह साफ नीति रही है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, जिसके तहत ही भारत ने हर बार पाकिस्तान के प्रस्ताव को ठुकराया है।  फिर भी पाकिस्तान बार-बार भारत से बातचीत का एक मौका मांगता रहा है अब उसने पीएम मोदी की सराहना की है तो विपक्ष इसे अपने हित के लिए इस्तेमाल कर रहा है।  या हो सकता है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर चुनाव से एक दिन पहले पीएम मोदी की तारीफ की ताकि कांग्रेस और अन्य विपक्ष को उनके खिलाफ बोलने का एक अवसर मिल सके।

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