बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज ने कुणाल कामरा को दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

कुणाल कामरा

अक्सर यह बात कही जाती है कि हर किसी को वही काम करना चाहिए, जिसमें वह निपुण हो, अन्यथा इसके घातक परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। कॉमेडियन कुणाल कामरा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। अपना पॉलिटिकल स्कोर बढ़ाने के चक्कर में वे एक ऐसी गलती कर बैठे जिसका अब उन्हें बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। दरअसल, बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज की बिल्डिंग की एक फोटो के अनाधिकृत इस्तेमाल के मामले में बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज ने कुणाल कामरा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतवानी दी है। अब इस पूरे मामले पर एक नजर डाल लेते हैं।

कुछ दिनों पहले अपनी एक ट्विटर पोस्ट में कुणाल कामरा ने बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज की बिल्डिंग की एक एडिट की गई  फोटो का इस्तेमाल करते हुए भाजपा के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने की कोशिश की। उन्होंने इस फ़ोटो को ट्वीट करते हुए लिखा था ‘ये फ़ोटोज़ उतनी ही सच्ची हैं जितने कि मोदी जी के वादे’। इस फोटो में कामरा ने यह दिखाने की कोशिश की, कि बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज, लोगों को मोदी के खिलाफ वोट देने की अपील कर रहा है। कामरा ने इस फोटो को एडिट कर उसमें ‘मोदी को वोट ना दें’ लिखकर शेयर किया था।

हालांकि बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज को कुणाल कामरा का यह भद्दा मज़ाक बिल्कुल भी पसंद नहीं आया और इसके जवाब में बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज ने कामरा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दे डाली । बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा ‘कुणाल कामरा द्वारा BSE की इमारत की एक एडिट की गई फोटो का अनाधिकृत इस्तेमाल किया गया है। हम इस गैर-कानूनी, अनाधिकृत कृत्य पर अपनी निराशा प्रकट करते हैं। हमारे पास कुणाल कामरा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के सारे अधिकार सुरक्षित हैं’।

हालांकि बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज द्वारा दी गई इस चेतावनी के बाद भी कुणाल कामरा के होश ठिकाने नहीं आए, और बीएसई  के इस ट्वीट का जवाब देते हुए एक बार फिर उन्होंने अपने घटिया ‘सेंस ऑफ ह्यूमर’ का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा ‘ह्यूमर का सेंसेक्स आज कई पॉइंट से लुढ़का हुआ है?। आपको बता दें कि 28 मंज़िला फ़िरोज़ जीजीभॉय टावर बीएसई  का पंजीकृत ट्रेडमार्क है और बीएसई  के पास इसकी फोटो के अनाधिकृत इस्तेमाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। जून 2018 में बीएसई ने इस इमारत को ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के तहत अपने ट्रेडमार्क के तौर पर पंजीकृत करवाया था, जिसका मतलब यह है कि अगर कोई कलाकार या ब्रांड इस इमारत का इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे पहले बीएसई की इजाजत लेनी होगी। चुनावों के समय में एडिटेड फ़ोटोज़ को सोशल मीडिया पर डालकर कुणाल कामरा अपना एजेंडा साधने की फिराक में थे, लेकिन BSE ने उनकी इस कोशिश को पूरी तरह नाकाम कर दिया।

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