चुनावी हवा में खुद को सबसे अच्छा और फायदेमंद बताने की सभी पार्टियों की दौड़ जारी है इसके साथ ही पार्टियों की सभी वोटरों को धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भी अपनी तरफ खींचने की जद्दोजहद जारी है कुछ ऐसा ही नज़ारा यूपी के सहारनपुर में देखने को मिला। बसपा सुप्रीमों मायावती ने यूपी के ‘देवबंद’ मे रैली करते हुए मुस्लिम वोटरों को अपनी तरफ करने का ऐसा ही कुछ तरीका अपनाया। मायावती ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यदि मुस्लिम मोदी और योगी को यूपी से भगाना चाहते हैं तो केवल सपा, बसपा और रलोद गठबंधन को ही वोट दें। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को वोट देकर अपना वोट खराब न करें। बसपा सुप्रीमों का कहना है कि कांग्रेस मे इतना दम नहीं है कि वो मोदी की आंधी को रोक सके केवल महागठबंधन ही बीजेपी के विजय रथ को रोक सकता है। वहीं बसपा सुप्रीमों की इस अपील को सीएम योगी ने कांशीराम का अपमान बताया है।
Mayawati, in Saharanpur's Deoband: I'm warning, especially people of Muslim community, that Congress isn't in a position to fight BJP in UP. Only 'gathbandhan' can fight BJP. Congress knows this but they're going by mantra 'Hum jeete ya na jeete, gathbandhan nahi jeetna chahiye'. pic.twitter.com/m22IHKsN62
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 7, 2019
चुनावी रैली में मायावती ने कई बार ‘मुस्लिम’ शब्द का इस्तेमाल किया जिसपर उत्तर प्रदेश के ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त’ ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकेटेश्वर लू ने बताया कि मायावती के खिलाफ़ इस रैली के बाद काफी शिकायतें मिली थीं। दरअसल, देवबंद मे गठबंधन की चुनावी रैली मे मुस्लिम मतदाताओं का आह्वान करते हुए मायावती ने उन्हें गठबंधन को वोट करने के फायदे गिनाए और साथ ही कांग्रेस को वोट देकर अपना कीमती वोट खराब ना करने की सलाह भी दी। बीजेपी को हिन्दूवादी पार्टी बताने वाली मायावती खुलकर मुस्लिमों से वोट अपील करती नज़र आईं। मायावती के इस बयान पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बसपा सुप्रीमों पर निशाना साधते हुए कहा, “मायावती जी के द्वारा इस प्रकार का संबोधन… कांशीराम जी और आंबेडकर जी का इससे बड़ा दूसरा अपमान नहीं हो सकता है। अगर उन्हें केवल मुस्लिम वोट ही चाहिए तो स्वाभाविक रूप से दूसरा वोट भी तय कर लेगा कि कहां जाना है।“
https://youtu.be/cphoE4QEK7I
मीडिया हाउस नेटवर्क 18 के साथ इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से इसी मुद्दे को लेकर एक सवाल पूछा गया था जिस पर पीएम ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण करना तो मायावती की मजबूरी बन गया है लेकिन 24 घंटे होने के बाद भी अवॉर्ड वापसी गैंग इस पर चुप क्यों हैं?
UP CM on Mayawati appeals to Muslims to vote for BSP-SP: Mayawati ji ke dwara is prakar ka sambodhan… Kanshiram ji aur Ambedkar ji ka isse bada doosra apmaan nahi ho sakta. Agar unhe keval Muslim vote chahiye to swabhavik roop se doosra vote bhi tay kar lega ki kahan jana hai pic.twitter.com/iD8mJ9t6pG
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 8, 2019
रैली में मुस्लिम शब्द बार-बार इस्तेमाल करने के लिए सोशल मीडिया पर भी लोगों ने मायावती को काफी ट्रोल किया साथ ही कई यूजर्स ने सोशल प्लैटफ़ॉर्म पर ही मायावती को खरी खोटी सुना डाली। यूजर्स ने लिखा कि अगर मोदी और बीजेपी हिंदुओं को एकजुट होने को कहे तो वो असहिष्णुता और अगर आप मुस्लिम वोटरों को सीधा वोट देने को कहे तो वो सहिष्णुता कैसे? वो ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करें तो भी गलत और आप हिन्दू मुस्लिम के नाम पर वोट मांगे तो भी सही कैसे हो सकता है? बीजेपी पर हिन्दूवादी राजनीति करने वाली सरकार का आरोप लगाने वाली बसपा सुप्रीमों आज मुस्लिम वोटरों से मुस्लिम होने के नाम पर वोट कैसे मांग रही हैं?
If Mayawati thinks she can appeal to Muslims alone then there is also Reverse Polarisation of 80% Hindus. She should be scared of those 80% voters “Jai Sriram”
— Sidharth Nath Singh (मोदी का परिवार) (@SidharthNSingh) April 7, 2019
When ppl ask for votes on basis of caste, that’s ‘social equality’, when @Mayawati begs for votes from Muslims, that’s ‘secularism’, when @RahulGandhi’s Wayanad rally is full of Islam flags, that’s ‘tolerance’, but if @narendramodi talks of uniting Hindus, THAT’S communalism kids https://t.co/WsXxsS8TT7
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) April 7, 2019
लेखिका ‘शैफाली वैद्य’ ने भी इस पर तीखा प्रहार करते हुए लिखा कि अगर मायावती धर्म के नाम पर मुस्लिमों से वोट मांगे तो सही, राहुल गांधी कि रैली मे इस्लामिक झंडे फहराए जायें तो भी सही कैसे है? यही नहीं लेफ्ट-लिबरल गैंग ने भी मायावती की इस तुष्टिकरण की राजनीति पर चुप्पी साध ली है। अब न ही कोई मीडिया वर्ग इसपर अपनी राय दे रहा है और ही किसी को यहां हिंदू-मुस्लिम के नाम पर रजनीति या आर-पार की लड़ाई नजर आ रही है। वामपंथी मीडिया जो पीएम मोदी के हर बयान में सांप्रदायिकता का जहर फैलाने का प्रयास करते हैं।
'Democracy' not in danger when @Mayawati appeals to 'muslims' to vote for her?
Or rules are different for so called 'secular' parties?
इतना सन्नाटा क्यों है भाई?
What's your take?#Deoband #Elections2019#2019Elections #Mayawati #Muslims #LokSabhaElections2019#Akhilesh pic.twitter.com/P85aSzBkkE
— Deepti Sachdeva (@DeeptiSachdeva_) April 7, 2019
खैर, इस रैली के बाद मायावती को लोगों के गुस्से का सामना तो करना ही पड़ा साथ ही उन्हें मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भी जवाब देना पडे़गा। देखने वाली बात ये होगी कि ये पार्टियां अब सत्ता पाने के लिए और कौन-कौन से हथकंडे अपनाती हैं।