जब महबूबा ने कहा कि ‘ना समझोगे तो मिट जाओगे ए हिंदुस्तां वालों’ तो गंभीर ने यूं मारा करारा तमाचा

गौतम गंभीर महबूबा 370

भाजपा द्वारा सोमवार को अपने घोषणा पत्र में राष्ट्रीय हितों को लेकर कई वादे किये गए। इसमें जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाना भी शामिल है। बीजेपी के इस वादे के साथ ही जम्मू कश्मीर की सियासत से जुड़े नेताओं, अलगाववादियों और कट्टरपंथियों में तगड़ी बौखलाहट देखी जा रही है। बीजेपी के इस संकल्प से जम्मू कश्मीर में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला की भी नींद उड़ गई है। ये लोग अब अलगाववादियों की भाषा भी बोलते हुए नजर आ रहे हैं।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब बात जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की हो तो बीजेपी को आग से नहीं खेलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पहले ही बारूद के ढेर पर बैठा है। अगर ऐसा हुआ तो न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरा मुल्क और यह पूरा क्षेत्र आग में जल रहा होगा। महबूबा ने सीधे-सीधे चेतावनी देते हुए कहा कि धारा 370 को खत्म करना, कश्मीर की भारत से आजादी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के विशेष दर्जे में कोई भी बदलाव पूरे दक्षिण एशिया को खतरे में डाल सकता है।

इसके बाद महबूबा ने एक ट्वीट भी किया। इस ट्वीट में महबूबा ने लिखा, “अदालत में समय क्यों गंवायें। बीजेपी की तरफ से धारा 370 समाप्त करने का इंतजार करें। वह हमें स्वत: ही चुनाव लड़ने से रोक देगा क्योंकि भारतीय संविधान जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होगा।’’ अपने ट्वीट में महबूबा यहीं नहीं रुकी, उन्होंने उर्दू के शायर अल्लामा इकबाल का एक शेर भी पढ़ा, ‘‘ना समझोगे तो मिट जाओगे ए हिंदुस्तां वालों, तुम्हारी दास्तां तक भी ना होगी दास्तानों में।’’

देश को तोड़ने वाले इन अलगाववादी बयानों से पूरे देश में उनके खिलाफ आक्रोश है। सोशल मिडिया पर यूजर्स उनकी खूब खिंचाई कर रहे हैं। इस बीच पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भी महबूबा मुफ्ती को करारा जवाब दिया। उन्होंने महबूबा के ट्वीट का रिप्लाय देते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा, “यह भारत है कोई आप जैसा धब्बा नहीं जो मिट जाएगा!”

बता दें कि महबूबा के ट्वीट पर रिप्लाय देने के बाद महबूबा ने गौतम गंभीर को ब्लॉक कर दिया है। इस पर गौतम ने फिर से एक ट्वीट करते हुए लिखा कि इस ट्वीट को लिखते समय देश में 1,365,386,456 भारतीय और हैं। आप उन सब को कैसे ब्लॉक करोगी।

इससे पहले भी गौतम ने जम्मू कश्मीर के लिए अलग पीएम की मांग पर उमर अब्दुल्ला को जमकर खिंचाई की थी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री चाहते हैं तो मैं महासागरों पर चलना चाहता हूं! उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री चाहते हैं तो मैं चाहता हूं कि सूअर हवा में उड़ें! एक अलग प्रधानमंत्री से ज्यादा उमर अब्दुल्ला को एक स्ट्रांग कॉफी पीकर अच्छी नींद लेने की जरूरत है! और यदि उसके बाद भी उनकी बुद्दि ठिकाने नहीं आए तो एक हरे रंग का पाकिस्तानी पासपोर्ट…।’ इस तरह गौतम गंभीर ने अब्दुल्ला के बयान की धज्जियां ही उड़ा कर रख दी थी।

दरअसल, जम्मू कश्मीर के इन नेताओं की यह अलगाववादी भाषा इस कारण है कि, धारा 370 और 35 ए के खत्म हो जाने से उनकी राजनीतिक जमीन हिल जाएगी। जिन कट्टरपंथियों और अलगाववादियों का इन नेताओं को समर्थन है वह उनसे छिन जाएगा। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने भी अलगाववादियों की भाषा बोलते हुए सोमवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने से जम्मू कश्मीर की जनता के लिए ‘आजादी’ का रास्ता साफ हो जाएगा। अब्दुल्ला ने एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘वे अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की बात करते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो यह विलय भी नहीं रहेगा। अल्ला कसम, मुझे यह खुदा की इच्छा लगती है कि हमें उनसे आजादी मिलेगी।’’ अब्दुल्ला ने कहा कि अगर अनुच्छेद 370 समाप्त हो जाता है तो कश्मीर में कोई राष्ट्रीय झंडा फहराने वाला नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें करने दीजिए, हम देख लेंगे। मैं देखूंगा कि यहां उनका झंडा फहराने के लिए कौन तैयार है। इसलिए ऐसा मत कीजिए जिससे हमारे दिल टूटें। दिल जोड़ने की कोशिश कीजिए, तोड़ने के लिए नहीं।’’

इस बयानबाजी से साफ है कि, कश्मीर में अब अलगाववादी और कंटरपंथी ताकतों की नींव हिल चुकी है। इन नेताओं को पता है कि बीजेपी फिर से सत्ता में आकर आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाकर उनसे विशेषाधिकार छीन लेगी, वे विशेषाधिकार जिनकी आढ़ में ये लोग लगातार अपने देशविरोधी कारनामों को अंजाम देते आ रहे हैं। गौतम गंभीर ने बिल्कुल सही कहा है। ये लोग एक धब्बे के समान ही हैं।

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