आम चुनाव: पश्चिम बंगाल में इस बार बंपर सीटें जीत रही है बीजेपी

भाजपा पश्चिम बंगाल चुनाव

(PC: Indian Express)

अपनी लगातार दो ताबड़-तोड़ रैलियों से पीएम नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिंहासन को हिला डालने का काम किया है। पीएम मोदी ने कल बंगाल में दो रैलियों को संबोधित किया। एक रैली बंगाल के सिलीगुड़ी में आयोजित की गई थी तो वहीं दूसरी रैली को कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में आयोजित किया गया था। चुनाव के ठीक पहले भाजपा की इस रैली में बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से भारी तादाद में जनसैलाब पहुंचा हुआ था। यह एक तरफ तो राज्य में भाजपा के बढ़ते जनाधार को दिखाता है, तो वहीं ममता बनर्जी के लिए खड़ी होती नई मुश्किलों की तरफ भी इशारा कर रहा है।

तेजी से बदलते समीकरणों के बीच हम आपको यह बताते हैं कि क्यों अब ममता की अध्यक्षता वाली टीएमसी को पश्चिम बंगाल में चिंतित होने की आवश्यकता है।

  1. पीएम मोदी की रैली में भारी जनसैलाब पहुंचा, जो कि अपने आप में अभूतपूर्व है। यहां शुरू से ही वामपंथी दलों और टीएमसी का वर्चस्व रहा है। अक्सर देखा जाता रहा है कि अपनी विरोधी पार्टी के वोटर्स को रोकने के लिए बंगाल में बल एवं हिंसा का प्रयोग किया जाता है। यहां तक कि विरोधी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन पर्चा दायर करने से भी रोका जाता रहा है। हालांकि, टीएमसी के आतंक-राज के बावजूद अबकी बार बंगाल में मोदी लहर लोगों को उनके घरों से बाहर निकलने के लिए प्रेरित कर रही है।
  2. भाजपा बंगाल के लोगों को मुख्यधारा में लाकर उन्हें देश की सोच से जोड़ने में भी सफल रही है। पश्चिम बंगाल में भाजपा की कोई खास उपस्थिति नहीं रही है लेकिन लोगों को अपने साथ जोड़ने के बाद भाजपा ममता की इस चुनावी पारी को खत्म करने के बेहद करीब है। राज्य के राजनीतिक समीकरण में भाजपा अपनी जगह बनाने में सफल रही है, जो कि टीएमसी के लिए चिंतित होंने का एक बड़ा कारण है। कईं ओपिनियन पोल के मुताबिक भाजपा को इन चुनावों में बढ़त मिलने के पूरे आसार हैं।
  3. भाजपा के प्रचार अभियान को डिजिटल मीडिया का भी पूरा सहारा मिला है। पीएम मोदी के हमलावर तेवर एक तरफ, और रैली में उमड़ी भीड़ दूसरी तरफ, पीएम मोदी की रैलियों ने देशभर की राजनीति में एक भूचाल लाने का काम किया है। सोशल मीडिया पर भी उनकी रैलियों को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। लोगों से सोशल मीडिया पर इतनी भारी संख्या में मिल रही प्रतिक्रिया भी इस बात का सबूत है कि पश्चिम बंगाल में अबकी बार भाजपा अपना शानदार प्रदर्शन कर सकती है।
  4. पिछले काफी लंबे समय से स्वामी विवेकानंद जैसी बंगाल से जुड़ी महान हस्तियों को भुलाने का काम किया गया है। अब पीएम मोदी ने देश के प्रति इनके योगदान को देश के सामने रखकर अपने विरोधियों पर इन्हे नकारने का आरोप लगाया है, जो कि तर्कसंगत भी है। ऐसे वक्त में जब बंगाल सरकार ध्रुवीकरण की अपनी राजनीति के चक्कर में राज्य के हिंदुओं, सिक्खों और अन्य धर्मो के लोगों को नकारने का काम कर रही है, ऐसे में पीएम मोदी ने सही समय पर सही निर्णय लेकर अपने विरोधियों को चुप करने का काम किया है।
  5. पीएम मोदी की रैली निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल में वर्तमान राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करने वाली है। भारी संख्या में लोग बिना किसी डर के उनके साथ आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में लोग अब बदलाव की उम्मीद में भाजपा की ओर देख रहे हैं। भाजपा का समर्थन करना, जिसे कभी पश्चिम बंगाल में ईशनिंदा माना जाता था, अब एक प्रवृत्ति बन गई है।

पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति ने पहले ही टीएमसी को बैकफुट पर किया हुआ है और यदि जल्द ही उसने नुकसान की भरपाई के लिए कदम नहीं उठाए तो टीएमसी की राजनीतिक जमीन को तेजी से नुकसान होना तय है। गौरतलब है कि सिलीगुड़ी में भाजपा के बूथ कार्यालय में आज तड़के एक 42 वर्षीय व्यक्ति का शव लटका हुआ मिला है।

मेगा रैलियों के ठीक एक दिन बाद इस भीषण हत्या से राज्य में ममता की शासन व्यवस्था पर और अधिक सवाल खड़े हो गए हैं। हालाँकि, समय आने पर पश्चिम बंगाल के लोग अपनी पसंद की पार्टी को वोट देकर इसका जवाब जरूर देने वाले हैं।

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