मुझे आज मेरी बेड टी काफी लेट मिली, इसलिए मैं काफी देर से जागी: मुन मुन सेन

PC : Bhaskar

आज देश में चौथे चरण का मतदान जारी है इस बीच पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान राज्य में हिंसा और झड़प की खबरें सामने आयीं। पश्चिम बंगाल में आज आठ सीटों पर मतदान हो रहा है। वहीं आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ नंबर 199, 125 और 129 पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के बीच झड़प की खबरें सामने आयीं। इस सीट से बीजेपी की ओर से बाबुल सुप्रियो और टीएमसी से अभिनेत्री मुन मुन सेन मैदान में हैं। जब इस झड़प को लेकर टीएमसी उम्मीदवार मुन मुन सेन सवाल किया गया तो उनका जवाब न सिर्फ गैर जिम्मेदाराना और बल्कि बेतुका भी था। उनका कहना था कि उन्हें इस तरह की किसी खबर की कोई जानकारी ही नहीं है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आसनसोल हिंसा पर जब मुन मुन सेन से सवाल किया गया तो मुन मुन सेन ने कहा, ‘मुझे आज मेरी बेड टी काफी लेट मिली, इसलिए मैं काफी देर से जागी। मैं इस बारे में क्या कह सकती हूं, मुझे सच में नहीं पता क्या हुआ।‘ बता दें कि आज सुबह आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के कई जगहों पर मारपीट और हिंसा की खबरें सामने आई थीं।

टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने ये कहकर हंगामा शुरू कर दिया कि बीजेपी के प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो मतदान केंद्र पर वोटिंग को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें रोका नहीं जा रहा। यही नहीं इसके बाद वो सुरक्षाबलों से भी भीड़ गये। मौका पाते ही टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सुरक्षाकर्मियों पर ही लाठियां बरसानी शुरू कर दी। यही नहीं उन्होंने ZEE न्यूज की गाड़ी और बीजेपी प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो की गाड़ी पर भी हमला किया। इतना सबकुछ हो गया लेकिन टीएमसी प्रत्याशी मुन मुन सेन को इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। एक आइडियल उम्मीदवार होने के नाते उन्हें हर बूथ की जानकारी न सही लेकिन कम से कम अपने क्षेत्र की इतनी जानकारी रखती कि उनके क्षेत्र में चुनाव शांतिपूर्ण हो रहे हैं या नहीं। कम से कम अपने कार्यकर्ताओं की हरकतों पर ही संज्ञान लेती।

वहीं जब उनसे उनकी प्रतिद्वंदी प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो से जुड़ा सवाल किया तो वो भडक गयीं। उन्होंने कहा, ‘उनका नाम मत लीजिए, नहीं तो मैं बात नहीं करूंगी।‘ आसनसोल लोकसभा क्षेत्र में टीएमसी की तरफ से वो मैदान में है ऐसे में इस तरह का बचकाना जवाब उनके ‘फर्क नहीं पड़ता’ रवैये को दर्शाता है।

वास्तव में टीएमसी के कार्यकर्ताओं को आदत हो गयी है चुनाव को प्रभावित करने की और जानबूझकर मतदान की प्रक्रिया में बाधा डालने की। वहीं इसपर टीएमसी नेताओं की प्रक्रिया भी बेतुकी और गैर जिम्मेदाराना होती है। ममता राज में किस तरह से टीएमसी के गुंडे अराजकता फैलाते हैं और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं इस घटना से एक बार फिर से स्पष्ट हो गया है।

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