कांग्रेस को सता रहा था इस बात का बड़ा डर इसलिए आनन-फानन में वाराणसी से दिया अजय राय को टिकट

मोदी वाराणसी अजय राय

लोकसभा चुनाव 2019 की लहर पूरे देश भर में है। तीन चरण तक के चुनाव हो चुके है, साथ ही चार चरणों में चुनाव होने अभी बाकी हैं। 2014 की ही तरह इस बार भी देश भर में मोदी लहर दिखाई दे रही है जिससे सारा विपक्ष सहमा है और ऐसे में आनन फानन में कुछ ऐसे फैसले भी लिए जा रहे है जो ये दिखाते हैं कि पूरा विपक्ष एकजुट होकर भी एक अकेले मोदी को रोक नही पा रहा है। आपको बता दें की प्रधान मंत्री मोदी 26 अप्रैल को वाराणसी से नामांकन दाखिल करेंगे।

दरअसल, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आज आनन-फानन में विधायक ‘अजय राय’ को मैदान में उतारा है। पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से ‘प्रियंका गांधी वाड्रा’ को टिकिट देगी। लेकिन, अब ऐसा लगता है कि, कांग्रेस वाराणसी में मोदी की लोकप्रियता देख कर डर गयी है और प्रियंका की जगह अजय राय को टिकिट दे दिया। कांग्रेस के इस डर के पीछे एक बड़ा कारण हैं जिससे उसे आनन-फानन में अजय राय को वाराणसी से बली का बकरा बनाना पड़ा।

26 अप्रैल को नामांकन करने से पहले आज वाराणसी में प्रधानमंत्री ने मेगा रोड शो किया है। आज वाराणसी के घाटों सहित पूरे शहर में उल्लास का माहौल था। इस रोड़ शो में वाराणसी की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा था। मोदी जी का मेगा रोड शो पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा स्थल से शुरू होकर दशाश्वमेध घाट पर जाकर खत्म हुआ। इस दौरान उनके साथ 52 वीआईपी भी मौजूद रहे। 4 घंटे के इस 7 किलोमीटर लंबे पीएम के रोड शो में करीबन 5 लाख लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। रोड शो के बाद प्रधान मंत्री ने गंगा आरती में भी हिस्सा लिया।

ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के इस रोड़ शो की तैयारियों और लोगों के बीच इसे लेकर उत्साह से कांग्रेस डर गई थी। उसे यह पुख्ता विश्वास हो गया कि इस रोड शो की सफलता के बाद प्रियंका गांधी पीएम मोदी के सामने बुरी तरह चुनाव हार जाएगी। इस रोड शो की भव्यता देख कर कांग्रेस डर गयी और प्रियंका गांधी की जगह जल्दबाजी में अजय राय को टिकिट दे दिया। अब सवाल यह भी है कि, इस जल्दबाजी की जरूरत क्या थी, पार्टी रोड शो के बाद में भी तो टिकट का ऐलान कर सकती थी। इसका जवाब यह हो सकता है कि, अगर कांग्रेस रोड शो के बाद यह घोषणा करती तो लोग समझते कि प्रियंका गांधी पीएम मोदी के रोड शो से डर गई है। इसलिए कांग्रेस ने रोड शो से पहले ही आनन-फानन में अजय राय को वाराणसी से बली का बकरा बना दिया।

दरअसल, कांग्रेस इस वक्त प्रियंका वाड्रा को चुनावी मैदान में उतारने का जोखिम लेने की स्थिति में बिल्कुल नहीं है। खुद कांग्रेस पार्टी का एक खेमा उनके चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है क्योंकि उन्हें डर है कि अगर प्रियंका गांधी पीएम मोदी से बड़े फासले से हारती हैं तो यह कांग्रेस पार्टी के लिए घातक साबित हो सकता है। साथ ही कांग्रेस को भी कहीं ना कहीं ये अच्छे से मालूम है कि प्रियंका गांधी की छवि भी नरेंद्र मोदी के सामने कहीं टिकती नज़र नही आती। इस फैसले के साथ ही ये भी साफ हो गया कि कांग्रेस वापस से अपने पुराने विधायकों पर ही दांव लगाने को मजबूर है।

आपको बता दें कि साल 2014 में भी अजय राय ही कांग्रेस के उम्मीदवार थे और वो मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे लेकिन 2014 में पीएम मोदी के सामने कहीं नीहं टिक पाये थे। वो 5 बार विधायक रह चुके हैं और पहले भाजपा में ही शामिल थे। अजय राय उस समय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल 2,09,238 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे, वहीं 5,81,022 मतों के साथ नरेंद्र मोदी पहले स्थान पर थे। 2014 के आंकड़ों को देखकर ये साफ होता है कि कांग्रेस को भी पता है कि वाराणसी मोदी का गढ़ बन चुकी है जिसके कारण ही कांग्रेस को प्रियंका गांधी की जगह यहां से अजय राय को बली का बकरा बनाना पड़ा।

Exit mobile version