दक्षिण कश्मीर के लेथपोरा गांव में 30 दिसम्बर 2017 को सीआरपीएफ़ कैंप पर आतंकी हमला किया गया था, जिसके पांचवे आरोपी और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ‘इरशाद अहमद रेशी’ को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया। एनआईए के लिए ये एक बड़ी सफलता है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया की जैश–ए –मोहम्मद के आतंकवादी अहमद रेशी को दक्षिण कश्मीर के ‘पुलवामा’ से गिरफ्तार किया गया था। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया की पहले गिरफ्तार हुए आरोपियों निसार अहमद और सय्यद हिलाल अन्द्राबी से पूछताछ के बाद ही इस पांचवे आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि 30 दिसम्बर के आतंकी हमले में सीआरपीएफ़ के पांच जवान मारे गए थे। 30 और 31 दिसंबर 2017 की रात को जैश के तीन आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था, उन आतंकवादियों की पहचान फरदीन अहमद खांडे, मंजूर बाबा और पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल शकूर के तौर पर की गई, इन तीनों आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया था, और अब इसी हमले में शामिल पांचवे आतंकी को भी गिरफ्त में ले लिया गया है।
इससे पहले भी भारत को अंतराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली थी। संयुक्त अरब अमीरात ने भारत को पाकिस्तानी आतंकवादी निसार अहमद तांत्रे को सोपा था ऐसा करके यूएई ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ होने का संदेश भी दिया। ये आतंकी 1 फरवरी 2019 को संयुक्त अरब अमीरात में जाकर छुप गया था जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने संयुक्त अरब अमीरात से आतंकी निसार अहमद को गिरफ्तार कर लिया जिसे 31 मार्च को भारत वापस लाया गया था।
आतंकवाद को गंभीर रूप से देखते हुए मोदी सरकार ने कड़े कदम उठाए है। यही वजह है कि आतंकवाद की जड़े हिल गयी है इसका एक सटीक उदाहरण बारामूला को देखा जा सकता है जिसे भारतीय सुरक्षाबलों ने कड़ी मेहनत के बाद ‘आतंक मुक्त’ क्षेत्र घोषित कर दिया था। स्थानीय प्रशासन के अनुसार अब बारामूला में एक भी जीवित आतंकी नहीं बचा है। मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के हालात सुधारने और आतंकवाद को जड़ से मिटाने की खुली छूट दी रखी है। इस छूट का ही परिणाम है कि साल 2018 में 257 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है जो कि पिछले 10 वर्षों में सबसे बड़ा आंकड़ा है। भारतीय सेना के अनुसार 2019 में अब तक करीबन 44 आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। तो यूं समझे के पुलवामा हमले का हिसाब सेना लगभग बराबर कर चुकी है। मोदी सरकार के प्रयासों के कारण ही ये प्रयास सफल हो पा रहे हैं। जिस तरह से पीएम मोदी ने आतंक के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट किया है।