प्रियंका वाड्रा ने मुस्लिम वोटों को साधने के लिए भगवान राम के दर्शन से किया था इंकार

PC : Patrika

कांग्रेस पार्टी का राम मंदिर विरोध एक बार फिर खुलकर सामने आया है। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी ने रामजन्म भूमि अयोध्या में जाकर रामलल्ला के दर्शन करने से साफ मना कर दिया। इसके लिए उन्होंने सफाई दी कि वे इसलिए रामलला के दर्शन नहीं कर रही हैं क्योंकि यह भूमि अभी विवादित है और इस पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आपको बता दें कि प्रियंका गांधी 29 मार्च को अयोध्या के दौरे पर आई थीं और उन्होंने हनुमानगढ़ी मंदिर के दर्शन भी किये थे लेकिन रामलला के दर्शन को ना कहकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी की तरह वे भी भगवान राम को ‘काल्पनिक’  मानती है। अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट के जरिये प्रियंका गांधी पर हमला बोला है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी से सवाल पूछते हुए लिखा “श्रीमती प्रियंका वाड्रा का बयान देश दुनिया में रहने वाले हिंदुओं का अपमान है, उन्होंने कहा राम जन्मभूमि विवादित स्थल है इसलिए नहीं जाउंगी। 30 सितम्बर 2010 को इलाहाबाद कोर्ट की विशेष पीठ ने कहा है कि जहाँ रामलला विराजमान है वही राम जन्मभूमि है, तो फिर यह विवादित जगह कैसे हो गयी?”

थोड़ी देर में उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया जिसमें उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा से उनके पति, माता एवं भाई पर कोर्ट में चल रहे मुकदमों पर सफाई मांगी “प्रियंका वाड्रा जी से पूछना चाहता हूं आप राम जन्मभूमि इसलिए नहीं गईं कि एक वर्ग विशेष नाराज हो जायेगा ?आपकी माता जी, भाई और आपके पति भी कोर्ट के द्वारा दी गई जमानत पर हैं क्या आप उनसे मिलती हैं या नहीं मिलती हैं ?आपको देश की जनता के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।“

वहीं दूसरी ओर एक जनसभा के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी प्रियंका गांधी से कई सवाल पूछे। केंद्रीय मंत्री ने कहा,”कांग्रेस सरकार ने एक हलफनामे में अदालत से कहा था कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है। आज वे रामभक्त बनकर सड़कों पर घूम रहे हैं।“ आगे उन्होंने कहा ‘जो लोग विदेश की यात्रा पर रहते थे, उन्हें मोदी के देश का चौकीदार बनने के बाद से मां गंगा की याद आने लगी है। अपनी चुनावी रणनीति के तहत कांग्रेस नेतृत्व ने अयोध्या जाने का ऐलान किया था। वे अयोध्या जाते हैं लेकिन मंदिर में प्रणाम नहीं करते हैं। वे कहते हैं कि अगर वे भगवान को प्रणाम करते तो उनका वोट बैंक उनसे दूर हो जाता।‘ साथ ही ईरानी ने यह भी कहा कि उनका राम मंदिर ना जाना उनकी वोटों में कोई इजाफा नहीं करेगा।

यहां सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि जिस रामजन्म भूमि को विवादित कहकर आज प्रियंका वाड्रा वहां जाने में कतरा रही है, उसे अभी तक विवादित रखने का श्रेय कांग्रेस पार्टी को ही जाता है। वर्ष 2007 में जब केंद्र की यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दायर किया था तो सरकार ने उसमें साफतौर पर लिखा था कि रामायण में वर्णित सभी पात्रों का इतिहासिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कोई वजूद नहीं मिलता है। वहीं दिसंबर 2017 में कांग्रेस नेता एवं प्रतिपक्ष के वकील कपिल सिब्बल भी सुप्रीम कोर्ट से यह कह चुके थे कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र कोर्ट को राम मंदिर केस पर सुनवाई टाल देनी चाहिए।

एक तरफ तो ठीक चुनावों से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खूब मंदिरों के दौरों पर जाकर अपना ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ दिखाने की भरपूर कोशिश करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ने तो भगवान राम की जन्मस्थली से ही मुंह मोड़ लिया। ऐसा लगता है मानों कांग्रेस पार्टी को यह डर सता रहा है कि अगर उनका कोई नेता राम मंदिर के पक्ष में बोलता है तो उनका मुस्लिम वोटबैंक खतरे में आ जायेगा, लेकिन उनको इस बात का जरा भी आभास नहीं है कि ऐसा करके वे हिन्दुओं का वोट कभी हासिल नहीं कर सकते।

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